नववर्षोत्सव
Hoon / Huna Gurjars |
( ईसापूर्व )
यह हूणो का सबसे बडा राष्ट्रीय मैला था, जिसमे शान - यू ( हूण राजा ) बडी शान - शोकत से मनाता था । पितरो , तिडःरी ( दैव ) , पृथिवी ओर भूत- प्रेतो के लिये बलि इसी समय दी जाति थी ।
शरद मे दूसरा महोत्सव मनाया जाता था , जिसमे ओर्दू की जनगणना , सम्पत्ति ओर पशुओं पर कर लगाने का काम किया जाता था ।
हूण - जनो मे अपराध कम था ओर उसके दण्ड देने मे देरी नही की जाती थी ।
वह दोनो महोत्सवो के समय किया जाता था । महोत्सव मे घुड - दोड , ऊटो की दोड व ऊटो की लडाई तथा दूसरे कितने ही सैनिक ओर नागरिक मनोरंजन के खैल होते थे ।
हूणो के अपराध दण्ड मे मृत्यु - दण्ड तथा घुटना तोड देना भी शामिल था । सम्पति के विरूद्ध अपराध का दण्ड था सारे परिवार का दास बना दिया जाना ।
नववर्षोत्सव ओर शरदोत्सव दोनो सामाजिक , राजनीतिक ओर धार्मिक महा - सम्मेलन थे ।
" इनके अतिरिक्त भी शान - यू ( हूण राजा) को कुछ धार्मिक कृत्य रोज करने पडते थे । दिन मे राजा सूर्य को नमस्कार करता ओर सन्ध्या को चन्द्रमा की पूजा ओर नमस्कार । "
चीनीयो की भांति हूण जन भी पूर्व ओर वाम दिशा को श्रेष्ठ मानते थे । हूण राजा सभा मे उतर की ओर मुंह करके बैठता था ।
जबकि चीन सम्राट का बेठना दक्षिणाभिमुख होहोता था ।
चांन्द्रमास की तिथियो को प्रधानता दी जाती थी ।
सेना अभियान के लिये शुक्ल पक्ष तथा वहा से लोटने कै लिए कृष्ण पक्ष प्रशस्त माना जाता था ।
लूट मे सम्पत्ति ओर बंदी हुये दासो का स्वामी वही होता था , जिसने दुश्मन से उन्हे छीना था ।
दुश्मन का सिर काट लेना ,
बहुत बडी वीरता मानी जाती थी ।
सन्दर्भ :--
1 . A Thousand Years of Tatars : E. H . Parker, Shanghai - 1895
2. हुन्नू इ गुन्नी : क. इनस्त्रान्त्सेफ, लेनिनग्राद - 1926
3. Histoire des Huns : Desqugue - Paris : 1756
4. Excavation in Northan Mangolia - C. Trever - Leiningrad
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें