शनिवार, 30 जुलाई 2016

माउ-दून महान - चक्रवर्ती गुर्जर सम्राट (183 ईसा पूर्व ) : महान धनुर्धर घुमन्तु हूण गुर्जरो का प्राचीन इतिहास | History of Ancient Huna Gurjars

 माउ-दून महान - चक्रवर्ती गुर्जर सम्राट (183  ईसा पूर्व ) : महान धनुर्धर घुमन्तु हूण गुर्जरो का प्राचीन इतिहास 

Huna / Hoon Gurjars


शान - यू  ( राजा ) बनते ही माउदून ने अपने तेवर दिखा दिये थे क्योंकि इस समय तक चीन ओर यूची ही नही  , बल्कि पुराने तुंगुस ( तुडःहू, हाण्न ) भी अपने जन का एक बडा संगठन कर चुके थे । हूणो की उनके साथ लडाई होने लगी थी । गोबी की बालु का भूमी के बीच मे दोनो जनो ( दोनो कबीले )  का एक भीषण संघर्ष हुआ ।

वह माउदून का मुकाबला कर बुरी तरह से हारे थे । बहुत से तुंगुसो को हूणो ने अपना दास बना लिया था । उनमे से कुछ भागकर मंगोलिया के उतर - पूर्व मे जाने मे सफल हुये जो बाद मे शक्ति संचय कर के हूणो के प्रतिद्वन्दी  बन गये ।

माउदून एक चतुर सेनानायक था । जन ( कबीला ) के संगठन ओर शासन मे भी उसने वेसी ही प्रतिभा दिखलाई । उसने अपने तीन प्रतिद्वन्दी जनो को परास्त कर हूणो की शक्ति को बढाया ।

उसे कोरोस , दारयोश ओर सिकन्दर की श्रेणी का विजेता माना जाता है ।

तुंगुसों को परास्त करके उत्तर से अपने को सुरक्षित कर पश्चिमी पडोसी यूचियो की खबर लेने की ठानी । यूची ( यूची जो कि कुषाणो के नेतृत्व में फिर से संगठित हुए)भी बडे वीर योध्दा थे  , हूणो की तरह ही घूमन्तू पशुपालन तथा घुडसवारी के साथ धनुष चलाना जानते थे । यह भी संभव है कि हथियार ओर युद्ध की शिक्षा मे हूणो के गुरू ईन्ही के पूर्वज हो ।

यूची ओर माउदून की सेना कितने ही समय तक मुकाबला करते रहे  , किन्तु अंत मे  ( 176 या 174 ईसा पूर्व ) मे उन्हे हूणो के सामने पराजय स्वीकार कर कोकोनोर ओर लोबनोर की अपनी पितृ - भूमी को छोडने के लिऐ मजबूर होना पडा ।

माउदून ने चीन सम्राट वेन-ती( 169 - 156  ईसापूर्व )  को लिखा था :----

 " जितनी जातिया ( तातार ) घोडे पर चढ कर धनुष को झुका सकती हे  , उन्हे एकता बद्ध कर मैने एक विशाल साम्राज्य  कायम कर लिया । यूचियो ओर तरबगताइयो को भी मैने नष्ट कर दिया है । लोबनोर तथा आसपास के  26  राज्य,  मेरे हाथ मे है । अगर तुम नही चाहते  , कि  हाण्ड-नू ( हूण ) महादिवार को पार करे तो तुम्हे चीनीयो को महादिवार के पास हर्गिज नही आने देना चाहिये साथ ही मेरे दूत को नजरबंद न कर तुरन्त लोटा देना चाहिये " ।

माउदून का राज्य पूरब मे कोरिया से लेकर पश्चिम मे बल्काश तक ओर उत्तर मे बैकाल से दक्षिण मे किवनलन पर्वत माला तक फैला हुआ था । उसके पिता के समय हूण राज्य केवल अपने कबीले तक सीमित था ओर दक्षिण मे चीन के भीतर लूटमार भर कर लिया करते थे ।

इतने बडे राज्य संचालन के लिए पुरानी व्यवस्था उपयुक्त नही हो सकती थी  , इसलिए माउदून को नई व्यवस्था कायम करनी पडी ।

यह स्मरण रहना चाहिए  , कि  हूणो का राज्य पितृसत्ताक था , अभी वहा सामन्तशाही नही फैली थी । चीन मे किसान अर्धदास  ओर दास जैसे थे । उनके बाल बच्चे सामन्तो की चल सम्पति थे ।

सन्दर्भ :-
1. A thousands years of Tatars - E. H. Parker, Shanghai - 1895
2. आर्खे . ओर्चेक .  - वेर्नश्ताम

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