शनिवार, 30 जुलाई 2016

सरस्वती - कण्ठाभरण (ग्रन्थ) - राजा भोज परमार | Saraswati Kanthabharan of Gurjar Raja Bhoj Parmar

 सरस्वती - कण्ठाभरण ग्रन्थ : गुर्जर सम्राट भोज परमार 


गुर्जर सम्राट भोज परमार  ( ईस्वी - 1010 ) अपने ग्रन्थ सरस्वती - कण्ठाभरण ग्रन्थ मे  भारत के विभिन्न प्रदेशो मे प्रचलित भाषाओ का उल्लेख करते हे लिखते हे  कि

"" अपभ्रंशेन तुष्यन्ति स्वेन नान्येन गुर्जरा : " 

अर्थात :

गुर्जर अपनी गुर्जरी अपभ्रंश भाषा से ही सन्तुष्ट रहते हे  , वे अन्य भाषा पसन्द नही करते हे ।


गुर्जर सम्राट राजा भोज परमार / Gurjar Samrat Raja Bhoj Parmar

3 टिप्‍पणियां:

  1. महाराजा भोज जी राजपूत परमार वंश के थे नाकी गुजर

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  2. आदरणीय राजा-महाराजाओं का वंश रहा है किसी के कुछ भी मान लेने से सच बदल नहीं सकता
    राजाभोज राजपूत क्षत्रिय परमार वंश के राजा थे

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  3. राजपूत का जाति प्रमाण पत्र दिखा ो अपना

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