गुर्जर प्रतिहार शैली के तेली मंदिर का इतिहास
तेली मंदिर | ग्वालियर | गुर्जर सम्राट मिहिर भोज । गुर्जर प्रतिहार राजवंश ।
Teli Mandir in 1881 |
समूचे उत्तर भारत में द्रविड़ आर्य स्थापत्य शैली का समन्वय यहीं ग्वालियर किले पर तेली मंदिर के रूप में देखने को मिलता है । लगभग सौ फुट की ऊंचाई लिये किले का यह सर्वाधिक ऊंचाई वाला प्राचीन मंदिर है। गंगोलाताल के समीप बना यह मंदिर विशाल जगती पर स्थापित है । शिखर ऊपर की संकरा एवं बेलन की तरह गोलाई लिये हुये है । मंदिर का प्रवेश द्वार पूर्व की ओर है । भीतर आयताकार गर्भगृह में छोटा मंडप है । निचले भाग में 113 लघु देव प्रकोष्ठ हैं जिनमें देवी-देवताओं की मान्य प्रतिमाएें थीं । मंदिर के चारों ओर की बाह्य दिवारों पर विभिन्न आकार प्रकार के पशु-पक्षी, फूल-पत्ते, देवी-देवताओं की अलंकृत आकृतियां हैं । कहीं-कहीं आसुरी शक्तियों वाली आकृतियां एवं प्रणय मुद्रा में प्रतिमाएॅ भी अंकित हैं । प्रवेश द्वार के एक तरफ कछुए पर यमुना व दूसरी तरफ मकर पर विराजमान गंगा की मानवाकृतियां हैं । आर्य द्रविड़ शैली युक्त इस मंदिर का वास्तुशिल्प अद्वितीय है । मंदिर के शिखर के दोनों ओर चैत्य गवाक्ष बने हैं तथा मंदिर के अग्रभाग में ऊपर की ओर मध्य में गरूढ़ नाग की पूंछ पकड़े अंकित है ।
उत्तर भारतीय अलंकरण से युक्त इस मंदिर का स्थापत्य दक्षिण द्रविड़ शैली का है । वर्तमान में इस मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है । पर दरअसल यह एक विष्णु मंदिर था । कुछ इतिहासकार इसे शैव मंदिर मानते हैं । सन 1231 में यवन आक्रमणकारी इल्तुमिश द्वारा मंदिर के अधिकांश हिस्से को ध्वस्त कर दिया गया था । तब 1881–1883 ई. के बीच अंग्रेज हुकमरानों ने मंदिर के पुरातात्विक महत्व को समझते हुये मेजर कीथ के निर्देशन में किले पर स्थित अन्य मंदिरों, मान महल(मंदिर)के साथ-साथ तेली का मंदिर का भी सरंक्षण करवाया था । मेजर कीथ ने इधर-उधर पड़े भग्नावशेषों को संजोकर तेली मंदिर के समक्ष विशाल आकर्षक द्वार भी बनवा दिया । द्वार के निचले हिस्से में लगे दो आंग्ल भाषी शिलालेखों में संरक्षण कार्य पर होने वाले खर्च का भी उल्लेख किया है।
Teli Mandir of Gwalior | Gurjar Samrat Mihir Bhoj |
वर्तमान में मंदिर का केवल पूर्वी प्रवेश द्वार है। मूल मंदिर को दिल्ली के सुलतानों के शासन काल में ध्वस्त कर दिया गया था । हालांकि बाद में ब्रिटिश काल में हुये मरम्मत से मंदिर का मूल स्वरूप नष्ट हो गया है, फिर भी मेजर कीथ मंदिरों के संरक्षण कार्य का बीड़ा उठाने के लिये प्रसंशा के पात्र हैं ।
Jai teli samaj
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंऐसी इमारतों को देखकर पता चलता है कि मनुष्य ने अपने कार्यों से क्या क्या करिश्में किए हैं ।
जवाब देंहटाएंGood khoj jari rakhe
जवाब देंहटाएंJai ho
जवाब देंहटाएंJai ho teli mandir ki
जवाब देंहटाएंजय गुर्जर सम्राट राजा मिहिरभोज
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