शनिवार, 14 मई 2016

गुर्जर सम्राट पृथ्वीराज चौहान / Gurjar Samrat Prithviraj Chauhan

गुर्जर सम्राट - पृथ्वीराज चौहान / Gurjar Samrat Prithviraj Chauhan

पृथ्वीराज चौहान / Prithviraj Chouhan



पृथ्वीराज चौहान (सन् 1166-1192) गुर्जर–चौहान वंश के हिंदू राजा थे जो उत्तरी भारत में 12 वीं सदी के उत्तरार्ध के दौरान अजमेर और दिल्ली पर राज्य करते थे। पृथ्वीराज को 'राय पिथौरा' भी कहा जाता है। वह गुर्जर के चौहान राजवंश का प्रसिद्ध राजा थे। पृथ्वीराज चौहान का जन्म अजमेर राज्य के वीर गुर्जर महाराजा सोमश्वर के यहाँ हुआ था।उनकी माता का नाम कपूरी देवी था जिन्हेँ पूरे बारह वर्ष के बाद पुत्र रत्न कि प्राप्ति हुई थी। पृथ्वीराज के जन्म से राज्य मेँ राजनीतिक खलबली मच गई उन्हेँ बचपन मेँ ही मारने के कई प्रयत्ऩ किए गए पर वे बचते गए। पृथ्वीराज चौहान जो कि वीर गुर्जर योध्दा थे बचपन से ही तीर और तलवारबाजी के शौकिन थे। उन्होँने बाल अव्सथा मेँ ही शेर से लड़ाई कर उसका जबड़ा फार डाला। पृथ्वी के जन्म के वक्तही महाराजा को एक अनाथ बालक मिला जिसका नाम चन्दबरदाई रखा गया। जिन्हेँ आगे चलकर कविताओँ का शौक हो गया। चन्दबरदाई और पृथ्वीराज चौहान बचपन से ही अच्छे मित्र औरभाई समान थे। वह तंवर वंश के राजा अनंगपाल तंवर गुर्जर का दौहित्र (बेटी का बेटा) था और उसके बाद दिल्ली का राजा हुआ। उसके अधिकार में दिल्ली से लेकर अजमेर तक का विस्तृत भूभाग था। पृथ्वीराज ने अपनी राजधानी दिल्ली का नवनिर्माण किया। तोमर नरेश ने एक गढ़ के निर्माण का शुभारंभ किया था, जिसे पृथ्वीराज ने सबसे पहले इसे विशाल रूप देकर पूराकिया। वह उनके नाम पर पिथौरागढ़ कहलाता है और दिल्ली के पुराने क़िले के नाम से जीर्णावस्था में विद्यमान है। कई इतिहासकारों के अनुसार अग्निकुल गुट मूल रूप से गुर्जर थे और चौहान गुर्जर के प्रमुख कबीले था। चौहान गुर्जर के चेची कबीले से मूल निकाले जाते हैं। बंबई गजेटियर के अनुसार चेची गुर्जर ने अजमेर पर 700 साल राज किया। इससे पहले मध्य एशिया में तारिम बेसिन (झिंजियांग प्रांत) के रूप में जाना जाता क्षेत्र में रहते थे। Chu- हान विवाद (200 ईसा पूर्व), "चू" राजवंश और चीन के "हान" राजवंश के बीच वर्चस्व की लड़ाई जिसमे yuechis / Gujars भी इस विवाद का हिस्सा थे। गुर्जर जब भारत मे अरब बलों से लड़ते थे । जब वे "चू-हान" शीर्षक अपने बहादुर सैनिकों को सम्मानित करने के लिए प्रयोग किया जाता था जो बाद मे चौहान कहा जाने लगा अंततः 

पृथ्वीराज चौहान 1166 ईस्वी में अजमेर में पैदा हुआ थे । उनके पिता गुर्जर सोमेश्वर चौहान और मां कपूरी देवी, एक कलचुरी (चेडी) राजकुमारी, (त्रपूरी के अचलराजा की बेटी)। गौरी ने भारत पर कई बार हमला किया था । पहली लड़ाई 1178 ईसवी में माउंट आबू के पास कायादरा पर लड़ी गयी और प्रथ्वी ने गोरी को भरपूर हराया था। इस हार के बाद गौरी गुजरात के माध्यम भारत में कभी नही घुसा । 1191 में तारोरी की पहली लड़ाई में पृथ्वीराज चौहान ने घुड़सवार सेना और गोरी पर कब्जा कर लिया। गोरी ने अपने जीवन की भीख मांग ली । पृथ्वीराज ने उसे दोबारा ना घुसने की चेतावनी देकर उसको सेनापतियों के साथ जाने की अनुमति दी।
Prithviraj Chauhan

मोहम्मद गोरी और गयासुद्दीन गजनी ने 1175. में भारत आक्रमण शुरू कर दिया। और 1176 में मुल्तान पर कब्जा कर लिया ।1178 ईस्वी में मोहम्मद गोरी ने गुजरात पर आक्रमण किया और गुर्जरेश्वर भीमदेव शोलंकी ने अच्छी तरह से हरा दिया और गुजरात से वापस भगा दिया । यह वही साल था जब पृथ्वीराज चौहान अजमेर और दिल्ली के सिंहासन पर चढ़े थे । उस समय तक"गुर्जर शासक " गोरी के आगामी खतरे से अच्छी तरह परिचित थे।गुर्जरेश्वर भीमदेव सोलंकी ने "गुर्जर मंडल" नामक एक संघ के तहत सभी "क्षत्रिय" शासकों को एकत्र किया । गोरी 1186 ईस्वी में पंजाब पर कब्जा कर लिया। चौहान इस समय तक सुप्रीम लॉर्ड्स बन गया था ie.. 1187-88 ईस्वी गुर्जरेश्वर भीमदेव और पृथ्वी भी रक्त के द्वारा एक दूसरे से संबंधित थे । 

तो भीमदेव ने इस समूह का नेतृत्व करने के लिए पृथ्वी से पूछा।पृथ्वी ने तारेन (1191 ईस्वी) में गोरी के खिलाफ लड़ाई लड़ी। जिसमे गुर्जर कुल यानी खोखर, घामा, भडाना, सौलंकी, प्रतिहार और रावत ने भाग लिया। खांडेराव धामा (पृथ्वी की पहली पत्नी का भाई) के आदेश के तहत गुर्जरो और खोखर के संयुक्त बलों ने मुश्लिम को बुरी तरह हराया और सीमा तक उनका पीछा किया। गोरी बुरी तरह घायल हो गया था और उसकी घुड़सवार द्वारा युद्ध के मैदान से दूर ले जाया गया था। ) "पृथ्वी विजय" और "पृथ्वीराज रासो" में कहा कि उन्हें पृथ्वी द्वारा कब्जा कर लिया गया था बल्कि वह भाग खडा हुआ और एक साल (1192 ईस्वी) के बाद गोरी दोगुने बलों के साथ लौट आया इस समय तक खोखार गुर्जर से चला गया , सोलंकी और चौहान के बीच एक अजीब प्रतिद्वंद्विता शुरू हो गई। यह पृथ्वी की एकल बलों की हार थी । और घामा को तार्रेन युद्ध के पहले दिन में मौत की सजा दे दी गई । पृथ्वी को भी गौरी के दास द्वारा हार का नेत्र्तव करना पडा । कुतुब-उद-दीन-ऐबक नाम दिया है। जिसको बाद मे दिल्ली की गद्दी इनाम के रूप मे दी गई पृथ्वीराज अपनी मौत से मिलने के लिए स्पष्ट रूप से अपनी अदालत में गोरी को मारता है और कैसे यह है। पृथ्वीराज चौहान की कब्र गोरी की कब्र के बगल में आज तक मौजूद है। और 1200 के आसपास चौहान की हार के बाद राजस्थान का एक हिस्सा मुस्लिम शासकों के अधीन आ गया। शक्तियों का प्रमुख केन्द्रों नागौर और अजमेर थे। पृथ्वी भी 1195 ईस्वी में हार के बाद गुर्जरेश्वर का ताज अजमेर के हमीर सिंह चौहान ( पृथ्वी का भाई) ने लिया इसके बाद कन्नौज (1193 ईस्वी), अजमेर (1195), अयोघ्या, बिहार (1194), ग्वालियर (1196), अनहीलवाडा (1197), चंदेल (1201 ईस्वी) पर मुसलमानों द्वारा कब्जा कर लिया गया और "गुर्जर मंडल" उस के बाद समाप्त हो गया।यह केवल 1400 ई के बाद एक नए नाम के साथ इतिहास में दिखा । 1398 ईस्वी में हिंदू योद्धाओं को लैंग की 'आमिर तैमूर' द्वारा 'राजपूत' के रूप में संबोधित कर रहे थे। राजपूत, राजा का पुत्र या बेटे से मतलब नहीं है। राजपूत"राज्य-पुत्र"  जिसका मतलब "राज्य के बेटे" से है। और आक्रमणकारियों से अपने राज्य वापस पाने के लिए आयोजित किया जाता था राजपूत संघ (मारवाड़ क्षेत्र में) 13 वीं सदी के दौरान मुस्लिम आक्रमणकारियों से लड़ने के लिए बनाई गई थी। यह प्रसिद्ध गुर्जर कुलों यानी (प्रतिहार, पंवार, चालुक्य, चौहान, गुहीलोट, गेहडवाल, चंदेल, तोमर/तंवर, छावडा, घामा) आदि जैसलमेर और देवगिरि प्लस दहिया और खोखरस तरह कुछ चयनित योद्धा जाट जनजातियों के यादवों के साथ द्वारा बनाई गई थी। गुर्जर जाति के चौहान पश्चिमी उत्तर प्रदेश (कलश्यान चौहान), मैनपुरी उत्तर प्रदेश में और राजस्थान के नीमराना अलवर  जिले में हैं, यहां के चौहान मुख्यतः हिंदू हैं । लेकिन पंजाब में वे सिख हैं। पाकिस्तान में चौहानों मुख्य रूप से मुसलमान हैं। अनंगपाल तंवर और पृथ्वीराज चौहान गुर्जर थे। 

13 गांव गुर्जर तंवरों के महरौली में है , दक्षिण दिल्ली में 40 से अधिक गांव गुर्जर तंवरों (मुस्लिम) के गुड़गांव में  हैं। व अभी भी तंवरो को दिल्ली का राजा कहा जाता है। पाकिस्तान के एक प्रसिद्ध लेखक राणा अली हसन चौहान जिनका परिवार विभाजन के दौरान पाकिस्तान  चला गया, वह पृथ्वीराज की 37 वीं पीढ़ी से हैं। प्रवासन और गुर्जर चौहान के तुपराना, कैराना, नवराना और यमुना नदी के तट पर अन्य गुर्जर चौहानों के  गांव अभी भी मौजूद हैं, इसके अलावा दापे चौहान और देवड़ा चौहान के 84 गांव यूपी में हैं। अतः ... प्रतिहार, सौलंकी और तंवर के साथ पृथ्वी के संबंध थे! 1178 ईस्वी में गुर्जर मंडल का उनका गठन और उनकी वर्तमान पीढी अजमेर के चौहान शासकों अजय पाल, पृथ्वीराज ,जगदेव, विग्रहराज पंचम ,अपरा गंगेया, पृथ्वीराज द्वितीय, और सोमेश्वर हैं। मैनपुरी के चौहान शासकों में प्रताप रुद्र, वीर सिंह, घारक देव, पूरन चंद देव, करण  देव और महाराजा तेज सिंह चौहान )|



220 टिप्‍पणियां:

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    1. BC Rajput 1300 isvi se pahle kha the ya uske baad paida hue

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    2. राजपूतों के नाम पर "राजा भरत" के नाम पर इस देश का नामकरण हुआ है। क्षत्रीय तो हमेशा से थे और हमेशा रहेंगे। तुम अपना इतिहास सही से पता कर लो पहले। ऐसा ना हो कि फर्जी इतिहास पढते लिखते अपना असली इतिहास भूल जाओ।

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    3. Kuldewta sawaibhoj hone se is baat ka kaat ho jaega k prithviraj raso me gurjar likha hai unke pita ko......aur aap to yar claim kr hi nahi skte....16th century me jake rajpoot naam ka shabd bana hai.....ye baat shayad pata aapko nahi chal pai.....duniya ko to chal rhi hai.....ek writer bata dena jo rajpoot caste batata ho.....rajpoot is not a race....its a clan of kings.....of different races.....ye baat to paga hogi....agar jaati k hisaab se chalo.....to sarasar galat k prithviraj rajpoot jaati ka tha.....agar title k hisab se chalo to haan prithviraj rajpoot tha GURJAR jati ka.....yahi sach tha hai aur rhega .......gurjar pratihar vansh se tootne k bad chauhan parmar solnaki etc ye sub clans bane the.....aur kaun se agnivansh aur suryavansh ki baat krte ho.....jis aadhar k tehet tum claim krte ho agnivansh ka....agmikund wala claim.....sire se khaarij kara hai use historians ne......aur normal sochlo.....bacche paida kabhi agnikundo se nahi hote....uska jo proedure hai wahi hota hai

      GYNA DENA ACCHI BAAT HAI....PAR GYAAN NA HONA AUR AGYAAN FAILANA GHATAK HOTI HAI....

      SHER SINGH RANA KAHA SE ASTHIYA LE AAYA AUR KAUN SI ASTHIYAN LE AAYA....PRITHVIRAJ JAB MARA THA TO USKO AGAR JALAYA BHI HO....TO AAJ US BAAT KO 1000 SAAL HO GAE.....ASTHIYA KAUN LEKE BAITHA THA ISKE INTEJAR ME.....AUR AGAR UNHONE DAFNAYA THA....TO WAHAN KYA USKI SAMADHI BANAI THI K ASTHIYA LE AAYA.....JHOOT KA PRACHAAR MAT KRO...YE SAB BAKWAS HAI

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    4. Salo ki maa ki chut bhoshdi walo gurjar jindabad 💪

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    5. भगवान राम क्षत्रिय अवश्य थे। परंतु राजपूत गुर्जर नहीँ थे क्योंकि उस समय वर्ण व्यवस्था थी। वैदिक काल के बहुत बाद तक समाज में जाति व्यवस्था नहीँ थी। रजपूत तो भारत की सभी जातियाँ है। रज का अर्थ है मिट्टी अर्थात धरती पुत्र। ....जिसे हम रज पूत समाज आज कहते है उसका वास्तविक नाम रान्घड है। आधुनिक काल में वह लोग स्वयं कों राजपूत और राणा कहने लगे। यह उनका अधिकार है। हमे आपत्ति नहीँ। परंतु भारत का संपुर्ण इतिहास एक ही समाज से हो असंभव है।

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    6. फर्जी मे किसी को भी अपने वंश बता दो 2000 साल बाद इन्हे पता लग रहा है वो गुजर दे गलत बात।
      राजपूत सम्राट पृथ्वीराज चौहान भाई ऐसे इतिहास मत चुराओ और कोई भ्रम है तो कोर्ट मे दावा करो

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    7. MTLb hadd hai agyanta ki prithviraaj chouhan ji ko abhi 900 saal hue hai aur tum 2000 saal kehre ho aur bhai khud pdlo prithviraaj raso mai

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  2. गुर्जरों से तो राजपूत निकले हैं

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    1. Apne number send kar
      Aa is number pr call kr phir batavunga kis se kon nikle
      9725549643

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    2. Jaa Apne baap SE pata Kar Kai AA pahle guchar Rajput kon hote hai

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    3. Ganta

      Beta gujjar videsi jati hai aaur rajput Desi

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    4. Bhagwan Ram kaun the bhai "Rajput the na " to bol rahe hho Rajput Bad me aaye.
      Prithviraj chauhan to Gujjar kahne walo ky gujjar dynesty me koi veer nai tha ky jo ab Yodha ka name churane lage tum log.
      Rajput ko Rajput hi Rahne do bhai log.
      Aap log apna history padho and use badhao kalh kahoge Ram ji gujjar the.
      Prithviraj Chauhan Rajput .
      The Great Rajput King Prithvi Raj Chauhan.

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    5. Bete apne baap se puch ke gurjaron ka baap kon hai vo bhi rajput hi bolega

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    6. Pahale sahi se pata karlo jangaliyo apne bap se.charo yugo me rajputo ka etihas bed puran barnar karte hai tumhare ghar ki aurate aj bhi kheto me kaam karti hai kisi rajput aurat kabhi bhi kheto me kam nahi karti hai tumhe pta hai tum gujjar kyo kahe gaye jab desh me mushibat ka daur tha tab tum gujjar jangalo me bhag gye tabhi gujjar kahalaye.tumhara kahana hai ki gujjar se rajputo ki utapatti hue army me sabse purani rejiment rahputan RAYFALS hai tumhari gujjar rejiment kyo nhi.aaj tum Prathbiraj chauhan ko apna bap kah rahe ho
      Rajput hamesh se sabka bap raha hai aur rahega jangali the jangali he rahoge

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    7. Prithviraj chauhan rajput the gujar ko kon janta ye agr is bar itihaas ke sath ched chad hui to bollywood valo ki ma chod denge

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    8. Gurjar ka ithas to dabang hi hai
      Gurjar ki hod na hove kisi bhi jati pe
      Prathviraj Chauhan gurjar tha gurjar hai

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    9. sale Bhes chor tera baap to gobar uthate uthate mar gaya or tu ab chor se raja wala title lena chha rha h tu chor h sirf chor tu gobar utha or gobar kha.........

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    10. Maderchod rajput teria ko chod te the ot pruthviraj chauhan rajput the bahen ke lode. Tu jo gujar ka ulakh kar raha he na vo dono shabed alag he. Gujr or gurjar beta . Gujer isko bola jata he jo raja ho mader chod.or gurjar tum lodo ki jat he . In fono me bahut fark he bahen chod... Agese mat kahena ki pruthviraj chauhan gurjar the bahen chod lode

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    11. बहुत अच्छी जानकारी, गुर्जर सम्राट पृथ्वीराज चौहान के बारे में जानकारी देने के लिए धन्यवाद

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    12. औकात में रहो,। केवल बक देने से कोई क्षत्रिय नहीं हो जाएगा

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    13. Kiyo jalte ho yr hamara to history he tum bhi banao achee kaam karo hamare purwajo ko apna baap mat banao

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    14. Bewakoof ho aap 550 me Katoch rajput ne Battle of Multan Lada tha

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    15. In mndbudhiyon ko b smjao 😂😂ye bs ek e rtt lgate h

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    1. Oo bhenkelode sale tum chutiya madarchod gurjar jinke naam me hi guu aata h voh kuch bhi aise kese likh dega madarcgod ...sare hamare dadao ko apna bnalo chura chura ke sare rajputo ko apna baap bnale bhen ke tatte thode din me ham bhi tere baap ban jayenge ....sale number de apna fir tere ghr me aake teri ma chod ke jaunga aur fir btaumga terko rajputana itihas

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    2. बावली पूंछ गुर्जर शब्द का मतलब तेरे जैसे मूर्ख अर्धज्ञानी लोग नही समझ सकते

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    3. dishant chauhan apni maa chuda le gujjaro se... behen k lund paarve hi rahoge tum saare

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    4. Lala 36 biradari me se hamari jati ke aage he veer lagaya jata he veer gurjar

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    5. Bc tera baap prathviraj chauhan gurjar tha...salo hostory to padh lo ekbar...rajputo ka nam to milta nhi usme 1200 se phle...phirbkha se rajput ho gye vo....padhai kro tab bat kro...prathviraj raso m khud use gurjar likha gya h....history padhkar bat karna

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    6. PrithviRaj chauhan k baad tum kha mar gya fr kyu ni jikr aya khi bhi gujjro ka
      PrithviRaj chauhan Rajput hai
      Or ha rajput 203 ई़ स से है
      अशोक सिह समराट राजपूत २०३ मे हूआ

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    7. Mere bhai..Rajpoot Gurjaro me se nikle ye sach hai but isme Gussa hone wali baat kya hai..balki khush hona chahiye ki.hum bhai hai..na ki dusman..or sabhi bhai veer hi hai...soo nfrt mt kro.pyr kro...

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    8. Milk becte bechte life nikal gyi salo gujaro veer bante ho

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    9. Tumari मा को चोदू bc राजपूतों भोसड़ी बोलो मुगलों को अपनी behne देने वालो सालो क्या इतिहास h तुमारा सालो तुम सब महाराणा प्रताप की सन्तान हो मानता हूं कुछ राजपूत वीर ते लेकिन 80% मुगलों के गुलाम ते और जो 20% ते यानी महाराणा प्रताप के साथी बो किसकी वजह से ते उदय सिंह को अपने पुत्र का बलिदान देकर बचाया ता उसने गुजरी का धूद पिया था इसलिए बो वीर ता सालो नहीं तो सब मुगलों को जीजा बना चुके ते तुम

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    10. Oye tune history ki kon si book m pda ki jodha Naam Ki koi lediz thi
      Jabki jodha Naam Ki koi lediz thi hi nahi

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  4. अच्छा तो शेरसिंह राणा की जगह अस्थियां लाने कोई गुर्जर क्यों नहीं गया था अफगानिस्तान? मां आशापूर्णा भवानी को अपनी कुलदेवी क्यों नहीं मानते हो? सम्राट पृथ्वीराज चौहान मां आशापूर्णा भवानी के उपासक थे। कहीं पर साक्ष्य है क्या कि पृथ्वीराज चौहान देवनारायण के उपासक थे? तुम्हारे अनुसार तो पृथ्वीराज चौहान के साथ साथ राजा श्रीराम, श्रीकृष्ण, राजा भरत, शिवाजी, महाराणा प्रताप, राणा सांगा, हम्मीरदेव, दुर्गादास, झांसी की रानी आदी सभी क्षत्रीय गुर्जरों की उत्पत्ति है??? तुम तो देवनारायण के भजन करो और टाइम पर दूध बेचा करो, यही बहुत है तुम्हारे लिए।

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    1. 19 august 1992 suprim court says that the gehulot is gurjar Kshatriya belongs maitrak vansh
      Agar pata karna ho to pata karale
      Aur dudh to hm bechenge , panna dhay ke dudh ki vajah she hi udaysing aur maharana pratap jiye the ye mat bhulna

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    2. Madarchod ye fake website tum gujjar ne banaya hai.

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    3. teri maa chhod de kya phir fake me fucking kar de. .. maa chuda le gujjaro se apni

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    4. Are sun Chauhan to musalman bhi Hove Ab Puch kese ese Hove sun jhodha ka nm suna Akbar n usse jabardasti. Shadi krri🤣😂😂jb to thare rajao p kuch hua na ab bta Akbar n jodha s .kitne mje liye khun dbakr Tang thayi jb kha the rajpoot

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    5. Bc hamne kab kaha ye sab gurjar he or bhajan ya dhud ki to vo ham kar the he or tum jakar gobar or pani bhro kiyuki tumari orte to bahar nikalti nhi

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    6. Gujjar ladkiya apni fuddi Tughluq se chudwaati thy jisse Gujjari Mhal bana hai aaj Haryana hai. Boht tight hoti hai Gujariyon ki choot

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  5. Pade likhe gavar kabhi ias ras ki tayari karana or padna agni kind se hui utpati me Gurjar partihar ko sabse upar mana gaya hai

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  6. भाई m s chauhan अगर पृथ्वी राज की अस्थियां लेने कोई चमार चला जाता तो क्या तुम पृथ्वीराज को चमार मान लेते?
    दिल्ली में चौहान राजपूतों के कितने गांव हैं? शायद इक्का दुक्का जबकि दिल्ली से सटे कैराना शामली में चौहान गुर्जरों के 84 गांव हैं।
    दिल्ली में तंवर गुर्जरों के 13 गांव हैं। जबकि तंवर राजपूतों का एक भी गांव नही हैं। अनंगपाल तंवर के किले लाल कोट के पास बसा गांव अनंगपुर गुर्जर बाहुल्य गांव है।
    इन सब बातों से यह प्रमाणित होता है कि पृथ्वीराज चौहान और अनंगपाल तंवर गुर्जर थे।
    तुम किस देवी देवता की पूजा अर्चना करते हो यह तुम्हारा निजी मामला है। इससे तुम्हारे पूर्वजों का क्या लेना देना।
    मैं राम को पूजता हू और मेरे बच्चे शिव को पूजते हैं तो इससे क्या हमारे पूर्वज अलग अलग हो जाएंगे!! क्या बचकाना बात है।

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    1. Oyee mere bete phle meri bt sun tu .....tumhare pass apna koi itihas nhi h to kisi ka bhi churane nikal pade ho ...mujhe lgta h tumhe apni bhais bakri charane se koi extra time milne lga h ab jo tum itihas bnane chle ho apna ...jake google krle prithviraj chauhan kon h chutiya ...aur baki rajput rajao ko bhi dekhlio kbhi thode din me unhe bhi apna btaye ....aur bhen ke lodo sare gurjar sun lo 2019 me prithviraj chauhan pe movie aari h jo akshay kumar krenge jisme rajputana ko dikhaya jayega usme dekhlena tum rajput prithviraj chauhan ko aur fir kuch mt bolna aur apni bakri charane nikal lena

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    2. तू रिलीज करा के दिखा देना चूतिया

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    3. dishant shayad tu apni maa behen chuda chuka hai gujjaro se ... behen k lund likh ke kya saabit karna chahata hi. . bhid ke dekh liyo kahi gujjaron se. .. paarva behwnchhod

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    4. Bhai Bulandshahr dekh le 124 gauv h Chauhan rajputo k tumhare 84 shamli gauv s Jayda h....Noida dekh le Delhi k pas Narela dekh le 13 village h Chauhan rajputo k

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    5. किसी चमार के गाड मे दम हैं जो चला जाए

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    6. जिन राजपूत चौहानों की बात कर रहो वे राजपूत चौहान एक गाँव छोड़ कर दुसरे राजपूतचौहान गाँव की लड़की से शादी करते हैं और अपने को बड़ा राजपूत इन राजपूत चौहानों में शादी नहीं करते हैं।

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    7. Itni mahan jati hone k bawajud b gujjar obc mai aate hai.tumhari na koi regiment fir b bc hawabaji . Doodh pilao bhass charao or moj lo. Itihas m mat gusso kabi pta chle ki pritviraj ka vansaj hi aake sabit krde ki kya h kya nhi.

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    8. salo tumahri gaw waha issliye jayda h kuki tum kabhi lade hi nahi Rajputo ke raaj mei maje kre h. tu sach sach batana tera baap dada gobar uthate nahi the kya or tu bhi yahi krta hoga kuki tujhe wo bhut pasand h jabki raja ke putra in kaam ko karna pasnd nahi krte h...sale bhes chhor

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    9. Abe bc ak bar samrat mahir bhoj sarch kar ke dhek Kon lada or Kon nhi or tumare jese have baj rajputo ki vajah se hi 600 sal musmano ki or 100 shal agrejo ki gulami karni padi shale tum rajput karte kuch ho nhi bad have bhaji lage rhte ho or Bhai ak bat or batani thi shall jakar gobar dalo kiyu ki tumare to parda he to tume hi dal na padega

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  7. Me kripalsingh chauhan from Chavandi,Gujarat
    Jisko bhi prithviraj ka itihas janna ho o 9725549643 pe call kre
    Or Pruthvi raj chauhan rajput raja the he jo koi a kehta hai ki o gurjar hai to wo galat hai kisi bhi gurjar to problem ho we use number pe call kar sakte hai sari history mil jayengi khud ki history na ho to dusro ki history se chhed chhad mat kro
    Jay Rajputana
    Jay Prithviraj Chauhan
    Jay ma Shakambhri

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  8. Wo Tumne Prithviraj rasho ki photo upload ki usme gor se dekhe wo gurjeshwar Raja Bhimdev chalukya matlab ki solanki ki bat hai
    Mene prithviraj rasho 2 bar padhi hai
    Prithviraj chauhan rajput raja the oky any problem call me 9725549643

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  9. kuch to jai rajputiii shaan me yunn hi nahi bhenss charane walle gujaar khud ko kasatriye btaa rahe hai....hahahahah....salooo tum hunnooo ki aulade ho.....pratihar samrat ksatriye tha,,,,kya kar loge galat itihaas pad ke....khoon or jigraa kahan se laoge rajputii kasatriye ka....

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    1. or chutiye ye ithihaas apne or bhens ka gobar uthane walle gujarro ko padana ,,,,sab jante hai prithvi raaj chouhan kon tha.....

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    2. Arey yaar kya ker rahe ho jodha rajput thi ki nahi .

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    3. Acha amit ye bata mujhe tu kya tatti uthta hai hum to gober uthayengege. Bhai kaam hai humara cow mata ko gober uthayengege hum

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    4. Bhai gurjaro n gobar uthaya lakin aapni maa bahan Na di muslmano ko aap ithas utha kar dekh lo hajaro aasi kahani mil jayegi

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    5. ISS baat Ko na bol to hi accha h...mere bhai...musalmano n tumhari londiya b Ghani jaydda li hogi.....tum unhe bacha b na skte the...unhone kya hum rajputo n b khub li hogi ..baat Ko yhi daba d ...q kya or kha ki baat krne s fayada na

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    6. Shi kha Bhai chauhano ki tarah gujjaro n apni ma bhen rajputo ku na di jhodha ko dekhlo Tang thayi thi akbar n jb kha the rajpoot 😂😂🤣🤣🤣🤣khamo kha ithihas ghav h iska to😂🤣🤣padmavati ku dekhle😂🤣🤣🤣hm gujjar h gujjar hm ithihas likhte h😂🤣🤣dishant dhyan de Bhai BT p shi kha ya galat

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    7. Re bhai kuch faida na ek dusre ki jhoot bnake jo hai wo to poori duniya ku pta hai padmavati ku poora hindustan pooja kre bhai mjaak bhi dekh ke bnana chaiye kyu ldte rho yaar kbhi rajput regiment centre mein jaake dekhiye rajput aur gujjar kitne pyaar te rh sharm aa jagi bhai tujhe baakki tu balak smjhdar hai

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    8. Beta jigra to tumse jyada h...kabhi bhid lena...teri aukat bta denge...rhi bat bhanse chrane ki ...tumhari tereh angrejo k talve or gand nhi chati gurjaro ne...bc tum log thode se lalach k chakkar m angrejo se bik gye...doob mro

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    9. Abe..muglo ko apni behan beti dene se too accha hai Gurjaro ne Gau charai hai ok...srm kro...or Gurjaro ka ithas dekhega..too ankhe fat jaegi..aajtk kisi mulle ko behan beti nahi di..na humne na humare Kisi raja ne..

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    10. Yr tumhari problem kya h abhi to bol rhe the fek history pdhayi gyi h fir bol rhe h jodha ki akbar se shadi hui h esa bhi to ho skta h rajputo ko badnam krne ke liye history me jodha ka akbar ke sath vivah likha gya ho

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    11. O bhai tune history ki kon si book m pda ki jodha Naam Ki koi lediz thi
      Ye sab galt h puri history pad liyo jodha Naam Ki koi lediz thi hi nahi

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  10. gujjar salle hunno ki aulade hai.....DNA check karaoo apna...tum sirf ek kabaali jatti thee jo bhed bakriyaa chalatii thee jab unhe bharat se kasatriyoo ne harra ke bhagga diya

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    1. Tu ti paka jodha bai ka oe aakbar ka mix pani ki pedais he kute

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    2. thakur apni maa chuda le randi ki aulaad . behen beti sambhalti nahi apni tumse ... baap jeeja gujjaro ko banane chalo ho randi k beejo

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    3. sale gurjar king the or gurjar king rahenge tum jeso ke kahane se kuchh nahi hota GUJAR IS KING GURJAR IS KING OKK BETA samj ja

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    4. Teri ma chodu sale nimde raja rajput ki ma chhod di thi akele devnarayan ne maharana pratapgarh ne to ghode sahit balol ko kata tha lekin sabaibhoj ne 16hath khadag sila me dhasa diya unko beer nahi kahate h kya akele bagdabat 24 the or rajputo ke 84 gado ki ma chod di salo teri dand me dam h to bhid le sale ase likhane se koi veer nahi bana our itihaas raha h ki tumahare jab bachhw hote h to unko gujari ka hi dhud pilaya jata h

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  11. भाइयों किनके मुंह लग रहे हो यार आप लोग इनको सब पता है गुर्जर इनके बाप हैं एक बहन का टट्टू शाकुम्भरी देवी की बात कर रहा था इस झान्तु कि औलाद को कोई बताए कि कुत्ते आज भी गुर्जर अपनी जिंदगी में शाकुम्भरी जरूर जाता है और शाकुम्भरी मैं आज भी चौहान और कलस्यं ही हैं इन रंडी पूतों को क्या पता ये तो मुग़लों के हरम की पैदाइश हैं

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    1. Bhen ke lode tu jake apni maa se puchio kbhi tu meri aulaad hi nikle ...kyunki dheere dheere tum sare rajputo ko apna dada bnate ja rhe ho abhi prithviraj chauhan rajput ko , fir maharana pratap ko bnaloge iska matlab thode din me ham bhi tumhare baap h hmare bhi poster lgva lo....sale gurjar naam me hi guu h teri to aukaat bhi nhi hum rajputo se bolne ki bhi ...sale madarchod google krlo kon h prithviraj chauhan madarchod guu

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    2. Google ki maa ki chut
      Sale bhadve jb prove tere samne h to google kyo kre
      Sala chutiya awe m chauhan vans se hi hu
      Or bhadve hme apni history ka nhi pta. Sale hmare baap dada hme starting m history hi btate h

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    3. dishant apni behen chudaa ... mullo s se sardaro se aur gumse to tumhara vansh chaalu hua hai . randi ki aulaad

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    4. Behen k lode rajput ka matlab hota h....chatriya ka randi se peda hua putr rajput kehlata h.....Gurjar do sabdo se bna h Gur +jar.....Gur means dushman or jar means nash karne vala....matlab dushman ka nash karne vala.....bc aage se acche se bolna randi ki aulad

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    5. Abe jhatu ganmare gujer ka matlab gandu gandmaarane wala Rajput matlab raja ke puta Chatriya gadmare galaxy bolega to galat sunega

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    6. Tumari maa chodne me time nahi lage ga bc.. sudhar jao abhibhi

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  12. Gujjar bhaiyo swikar karlo rajputon ki bua thi jodha aur akber fupha ye gujjar kese ho sakte hain.

    Rajput bhaiyo hum doodh dahi bechenge per bua ki shadi na karenge muglon se aapki galti nahi beej hi galat pad gya.

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  13. उत्तर
    1. Aur tera asli shabd rajputo ka muut h ...tere baap h rajput aur me bhi tera baap hu abhi puch apni maa se use pela tha rakh ke mene aur usse phle kai aur rajput pel ke gye the usse betichod ...tu h randipoot ...aur tu h rajputo ka muut aur muut peene vala ...aur tera khandaan ne piya h rajputo ka muut puri zindagi sale bhadve number dio apna btata hu tujhe kon h randipoot sala 10 baap ki aulaad ....guu (gurjar)

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  14. Mujko aaj tak samj nhi aaya rajput or gujjaro ki hamesha bhes rehti h wo mahan raja hmare the

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  15. Ek baat Sabhi ke liye jaanna zaruri hai ki history ki kisi bhi book ko uthao Indusvalley civilisation ke Baad Gupt empire aayi aur Fir kayi so saalo tak Gurjar partihaaras ka Raaj raha jo Baad mein Kisi historian ne gurjar kings likhe kisi ne Rajput kings... Yahi Karan hai ki dono biradriyon mein gotra saare same hain... Koi kisi ka baap ya beta na bano sab bhai hain... Hamare purwaj Dekh kr rote honge.... Rahi baat kisi ko sanshe ho to Rajasthan ki churu distt mein chale jao wahan ek jagah hai dadhreva chauhano ke villages hain jahan ke Raja jaharveer Ji the goga Ji maharaj he was 7th generation of Raja prithviraj Chauhan and unke Gaon unke vansaj sab gurjar hain aur unke bhaato ki khud ki likhi history Maine Poori padhi hai unke hi vansaj hue Rana kalsiya jinke aage 84 Gaon hain kalshyano ke muzzafarnagar distt mein chauhano ke... Kuch historians ne ye b likha hai ki vo Rajputo ke Gaon hain but Aap vahan jao sab gurjar Chauhan hain... But it doesn't make difference it's one and the same thing..... Rajput ya gurjar ki utpati ek ni hai Ab ladte raho ki kaun kiska baap is resultless Chauhan vansh ke bhaato ki same history likhi Milegi Rajputo mein b and gurjar mein bhi... Main poori research kiye baitha hun...
    Hamare bhaat ke Hisaab se main gugga Ji maharaj ke chacha ki 18th generation hun Rana kalsiya ka vansaj aur Rajasthan mein Kuch rajput Chauhan bhai hain Maine unke bhaato se b history nikalwayi unke Hisaab se b same hai... Rana harra jinke aage chalke kalsiya hue vo muzaffarnagar bas gaye aur Rana harra ke bhai ke bache jo mere sage bhai lage Kuch generation pehle vo sab Rajput hain aur mere Bahut ache dost..
    So in sab mein mat ghuso HAMARA itihaas Bahut Royal hai...
    Haan jaat aur ahir hamesha se alag kshatriye castes rahi hain...
    Ch. Charan singh Ji ne Sabhi Kshatriyo ko ikkatha karne ke liye shabd diya AJGAR... (Ahir jaat gurjar Rajput) Ab aur koi unite ho na ho but sage bhai aapas mein na lado... Aur yakeen maano Main YE baat isliye Bol raha hun ki aap sab se Bahut jyada research hai Meri is subject pr... So just chill and enjoy... Or haan Prithviraj gurjar bhi the aur Rajput bhi... Hahaha. That's true

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  16. Sab chutiya ho tum Rajput gujar karte rho duniya chaand pe h aaj

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  17. पं बालकृष्ण गौड लिखते है कि जिसको कहते है रजपूति इतिहास
    तेरहवीं सदी से पहले इसकी कही जिक्र तक नही है और कोई एक भी ऐसा शिलालेख दिखादो जिसमे रजपूत शब्द का नाम तक भी लिखा हो। लेकिन गुर्जर शब्द की भरमार है, अनेक शिलालेख तामपत्र है, अपार लेख है, काव्य, साहित्य, भग्न खन्डहरो मे गुर्जर संसकृति के सार गुंजते है ।अत: गुर्जर इतिहास को राजपूत इतिहास बनाने की ढेरो सफल-नाकाम कोशिशे कि गई।

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  18. • कविवर बालकृष्ण शर्मा लिखते है :

    चौहान पृथ्वीराज तुम क्यो सो गए बेखबर होकर ।
    घर के जयचंदो के सर काट लेते सब्र खोकर ॥
    माँ भारती के भाल पर ना दासता का दाग होता ।
    संतति चौहान, गुर्जर ना छूपते यूँ मायूस होकर ॥

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  19. • कर्नल जेम्स टोड कहते है कि राजपूताना कहलाने वाले इस विशाल रेतीले प्रदेश अर्थात राजस्थान में, पुराने जमाने में राजपूत जाति का कोई चिन्ह नहीं मिलता परंतु मुझे सिंह समान गर्जने वाले गुर्जरों के शिलालेख मिलते हैं।

    • प्राचीन काल से राजस्थान व गुर्जरात का नाम गुर्जरात्रा (गुर्जरदेश, गुर्जराष्ट्र) था जो अंग्रेजी शासन मे गुर्जरदेश से बदलकर राजपूताना रखा गया ।

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  20. The Gurjar is a great race of the world. Gurjars had been ruling the India since historical times, there some families were called Rajputs in medieval period. Rajput, Maratha, Jat and Ahir are heirs of the Khsatriyas. They are not foreigners. there is no community being called Khsatriya except us all. How that Khsatriyan race can be eliminated in which Ram and Krishna were born. All of us Rajput, Maratha, Jat and Ahirs are the stars whereas Gurjar is the Moon in the Khsatriyan sky. It is beyond human power to lessen the dignity of the Gurjars.. (Words By - Thakur Yashpal Singh Rajput)

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  21. gujjaro ke to purani book albaruni ho suleman ya hensang 8th or 9th century ke or silalekh or coin hai jo milte jisme mai pta chalta hai gujjar vansh ka

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  22. Mitti ke kan kan main bhare pade hain praman, shikshit bano gurjar veer,dhundh, andhera swatah chhat jayega,sad achran apnaye ,naya itihas nai manjilen bhi banayen,

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  23. Bhai Prathvi raj Chohan chahe gurjar rahe ho ya rajput, magar pehle wo hindu the, aur seema paar baithe muslim shashak behad chaalaak aur ladaai ke khilaadi the, unko pata tha ye hindu log chootiya hai, hamesha apne dharm aur desh se jyada apni jaatiyo, wansho aur guto ko aage rakhte hai, jabaki musalman kisi ger-muslim ke khilaf sari jaati-paati bhed-bhaw chorhkar ek ho jaate hai, aur isi badi khoobi ke kaaran muththi bhar musalman senik sekdo-hajaaro ki hindu sena ko hara dete the fir chahe wo gurjar rahe ho ya rajput, ya jaath ya yadav, bhai log bura mat manna aap log bhi un puraane log ki tarah chootiya panti bhari poste kar rahe ho, musalmano ne san 658 se hi bharat par hamle ki teyyari kar di aur iske liye unhone har tarah se bharat ki aantrik jaankariya ektrit ki aur lagatar apne jasoos bhej kar target salect karte rahe, aur unhone dekha ki hinduo me aapsi jaatigat nafrat,ghamand aur eego musalmano ke liye madadgar sabit hoga aur iska pehla fayda unhone 711 me raja dahir ke khilaaf kiya. Samajhe babua.

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  24. ।नीलकुण्ड, राधनपुर, देवली तथा करडाह शिलालेख में प्रतिहारों को गुर्जर कहा गया है।राजौर शिलालेख में प्रतिहारों को गुर्जर कहा गया है।। बादामी के चालुक्य नरेश पुलकेशियन द्वितीय के एहोल अभिलेख में गुर्जर जाति का उल्लेख आभिलेखिक रूप से सर्वप्रथम रूप से हुआ है।aap jara rashtrakut aur palo ke inscription padh lo unhone pratiharo ko apne sabhi shilalekho mein gurjar likha hai… Arab yatriyo ke lekh padho unhone bhi gurjar likha hai….. Kahin bhi rajput shabd hai hi nhi….. Jara rajaour shilalekh padho saaf tor par gurjar likha hai…. Ye toh ho gaye unke gurjar hone ke praman…rajput kounse shilalekh mein likha hai inko…..jara apne rajputo ko ye toh batayo?? Aur aapse kisne bol diya gurjar kshatriya nhi hai zara kisi apne brahman se hi puch lena gurjar kaun hai….ye logo ko kyu pagal bana rahe ho….. Gauri shankar ojha Udaipur state ke history department ka adhaksh tha aur udaipur state rajputo ki hai toh wo bechara kaise apne maliko ki burai karta…. Aur gauri shankar ojha colonel Tod ko apna guru manta tha aur colonel Tod ne aapke baare mein kya kya likha hai zara wo bhi toh apne rajput bhaiyo ko batayo?? Phir colonel Tod ne bhi sahi likha hai tumhare baare mein……. Aur pramaan do ke pratihar rajput thae gurjar nhi……lekh nhi chahiye shilalekh chahiye samjhe ok silalekha hai sbse bada proof

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  25. Bhai apas me mat Lado prathivi Raj Hindu Samrat the
    Aur ham sab Hindu ki aulad hai
    Ham sab bhai hai
    Rajpoot koi bhi ho Sakta hai
    Jo Raj karta hai bah rajpoot aur Jo Apne Desh ki raksha karta hai
    Bah rajpoot kahlata hai

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  26. पृथ्वीराज चौहान गुर्जर समाज के गौरव थे और कुछ राजपूत लोग जैसे अपना बता रहे हैं वह कान खोल कर सुन रहे हैं अगर जो पृथ्वीराज चौहान पर बायोपिक बन रही है अगर थोड़ा सा भी इतिहास इधर उधर हुआ तो हम क्या कर सकते हैं इसका अंदाजा आप लगा सकते हो पूरा देश आग में झोंक देंगे चाहे हमें कुछ भी करना पड़े हम अपने इतिहास से किसी को नहीं खेलने देंगे हम अपना पूरा जीवन जिंदगी बर्बाद कर देंगे अगर इतिहास के साथ छेड़खानी हुई तो राजपूतों को पता नहीं हम क्या कर सकते हैं तुम्हारी उत्पत्ति कुछ नहीं है राजपूत कुछ शब्द नहीं है जिससे आप अपने आप पर घमंड करते हो राजपूत राजा के पुत्र हुआ करते थे जिनके नाम राजपूत पड़ा ठीक है तुम्हें हमारी गुर्जरों की ताकत का अंदाजा नहीं है हम क्या कर सकते हैं बर्बाद कर देंगे फिर कभी मिलने की कोशिश नहीं करें

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  27. Prathviraj Chauhan
    Prithvi Raj III, commonly known as Prithviraj Chauhan (1149-1192 CE), was a king of the Hindu Kshatriya Chauhan (Chauhamana) dynasty, who ruled the kingdom of Ajmer and Delhi in northern India during the latter half of the 12th century.


    Chauhan was a member of the Gujjar ethnic group,[1][2] and belonged to the Agnivansha group of Rajputs. Chauhan was the last independent Hindu king to sit upon the throne of Delhi.[citation needed] He succeeded to the throne in 1169 CE at the age of 20, and ruled from the twin capitals of Ajmer and Delhi which he received from his maternal grandfather Ballal Sena of the Sena Dynasty in Bengal. He controlled much of present-day Rajasthan and Haryana, and unified the Rajputs against Muslim invasions. His elopement in 1175 with Samyukta (Sanyogita), the daughter of Jai Chandra Rathod, the Gahadvala king of Kannauj, is a popular romantic tale in India, and is one of the subjects of the Prithviraj Raso, an epic poem composed by Chauhan's court poet and friend, Chand Bardai.

    Prithviraj Chauhan defeated the Muslim ruler Shahabuddin Muhammad Ghori in the First Battle of Tarain in 1191. Ghauri attacked for a second time the next year, and Prithviraj was defeated and captured at the Second Battle of Tarain (1192). Sultan Ghauri took Prithviraj to Ghazni, where he was executed. After his defeat Delhi came under the control of Muslim ruler

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  28. Konsa mc galiya de raha hai behanc. Me khud chauhan vansh se hu aur me gujjar hu bc sale gujjar rajput bhai bhai kehna chodake bakchodi karate bhosadike

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  29. Beta Jake google pe rana harroy chouhan ka lipick pad le pta chal jayega gurgarrr chouhan kyo lgate h

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  30. Beta Jake google pe rana harroy chouhan ka lipick pad le pta chal jayega gurgarrr chouhan kyo lgate h

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    1. To beta aab bataa ki mata Ashapurna yeh hum chauhaan gujjaronki kuldevi hai ,,aur Prithviraj raso me bhi ye likha hai ki prithviraaj chauhan maa Ashapurna ke bhakt the to tere hisaab se humaare bhatt jo purkho se hunara itihaas likhate aa rahae hai unhone zoot likhaa hai

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  31. HISTORY OF RAJASTHAN

    After the sack of Delhi Muhammad Ghori appointed Kootubudin Aibak,a slave, as his victory of Delhi and left for Ghor. Kootubudin placed one "Gola" (Salve, born from Gujjar Chauhan prince with slave mother) upon the throne of Ajmer mistaking this of the last appellation of the natural brother of the last Hindu Gujjar Chauhan King. This Gola could not claim that he was a Gujjar since he was not born from a Gujjar mother and hence informed that he is a Rajput (which is a true statement since he was son of king but not from the queen). This fact is recorded by Ferrista, a Muslim scholar and translated by Dow.

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  32. गुर्जर प्रतिहार फोर फादर ऑफ़ राजपूत

    इतिहासकार सर जर्वाइज़ एथेलस्टेन बैनेस ने गुर्जर को सिसोदियास, चौहान, परमार, परिहार, चालुक्य और राजपूत के पूर्वज  थे।

    गुर्जर लेखक के एम मुंशी ने कहा कि प्रतिहार, परमार और सोलंकी शाही गुज्जर वंश के थे।

    विन्सेंट स्मिथ का मानना ​​था कि गुर्जर वंश, जिसने 4 वीं से 11 वीं शताब्दी तक उत्तरी भारत में एक बड़े साम्राज्य पर शासन किया था, और शिलालेख में "गुर्जर-प्रतिहार" के रूप में उल्लेख किया गया है, निश्चित रूप से गुर्जरा मूल का था।
    स्मिथ ने यह भी कहा कि अन्य उत्पनीला क्षत्रिय कुलों की उत्पत्ति होने की संभावना है।

    डॉ के। जमानदास यह भी कहते हैं कि प्रतिहार वंश गुर्जरों से निकला है, और यह "एक मजबूत धारणा उठाता है कि अन्य राजपूत समूह भी गुर्जरा या संबद्ध विदेशी आप्रवासियों के वंशज हैं।

    डॉ० आर० भण्डारकर प्रतिहारों की गुर्जरों से उत्पत्ति मानते हुए अन्य अग्निवंशीय राजपूतों को भी विदेशी उत्पत्ति का कहते हैं।

    नीलकण्ठ शास्री विदेशियों के अग्नि द्वारा पवित्रीकरण के सिद्धान्त में विश्वास करते हैं क्योंकि पृथ्वीराज रासो से पूर्व भी इसका प्रमाण तमिल काव्य 'पुरनानूर' में मिलता है। बागची गुर्जरों को मध्य एशिया की जाति वुसुन अथवा 'गुसुर 'मानते हैं क्योंकि तीसरी शताब्दी के अबोटाबाद - लेख में 'गुशुर 'जाति का उल्लेख है।

    जैकेसन ने सर्वप्रथम गुर्जरों से अग्निवंशी राजपूतों की उत्पत्ति बतलाई है। पंजाब तथा खानदेश के गुर्जरों के उपनाम पँवार तथा चौहान पाये जाते हैं। यदि प्रतिहार व सोलंकी स्वयं गुर्जर न भी हों तो वे उस विदेशी दल में भारत आये जिसका नेतृत्व गुर्जर कर रहे थे।

    राजपूत गुर्जर-प्रतिहार साम्राज्य के सामंत थेIगुर्जर-साम्राज्य के पतन के बाद इन लोगों ने स्वतंत्र राज्य स्थापित किएI

    shilalekha se bada koi proof nh 💪
    नीलकुण्ड, राधनपुर, देवली तथा करडाह शिलालेख में प्रतिहारों को गुर्जर कहा गया है।
    राजौर शिलालेख में प्रतिहारों को गुर्जर कहा गया है।। बादामी के चालुक्य नरेश पुलकेशियन द्वितीय के एहोल अभिलेख में गुर्जर जाति का उल्लेख आभिलेखिक रूप से सर्वप्रथम रूप से हुआ है।
    गुर्जर जाति का एक शिलालेख राजोरगढ़ (अलवर जिला) में प्राप्त हुआ है

    नागबट्टा के चाचा दड्डा प्रथम को शिलालेख में "गुर्जरा-नृपाती-वाम्सा" कहा जाता है, यह साबित करता है कि नागभट्ट एक गुर्जरा था, क्योंकि वाम्सा स्पष्ट रूप से परिवार का तात्पर्य है।

    महिपाला, जो एक विशाल साम्राज्य पर शासन कर रहा था, को पंप द्वारा "गुर्जरा राजा" कहा जाता है। एक सम्राट को केवल एक छोटे से क्षेत्र के राजा क्यों कहा जाना चाहिए, यह अधिक समझ में आता है कि इस शब्द ने अपने परिवार को दर्शाया।

    भडोच के गुर्जरों के विषय में हमें दक्षिणी गुजरात से प्राप्त नौ तत्कालीन ताम्रपत्रों से चलता हैं।इन ताम्रपत्रो में उन्होंने खुद को गुर्जर नृपति वंश का होना बताया

    । मार्कंदई पुराण और पंचतंत्र में, गुर्जर जनजाति का एक संदर्भ है।

    समकालीन अरब यात्री सुलेमान ने गुजरर सम्राट मिहिरभोज को भारत में इस्लाम का सबसे बड़ा दुश्मन करार दिया गया था, क्योंकि गुर्जर राजाओं ने 10 वीं सदी तक इस्लाम को भारत में घुसने नहीं दिया था। गुर्जर संभवतः हुनों और कुषाणों की नई पहचान थीं तो हुनों गुर्जरों हिन्दू धर्म और संस्कृति के संरक्षण और विकास में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,

    मेहरौली, जिसे पहले मिहिरावाली के नाम से जाना जाता था, का मतलब मिहिर का घर, गुर्जर-प्रतिहार वंश के राजा मिहिर भोज द्वारा स्थापित किया गया था । लाल कोट किला का निर्माण गुर्जर तनवार प्रमुख अंंगपाल प्रथम द्वारा 731 के आसपास किया गया था और 11 वीं शताब्दी में अनांगपाल द्वितीय द्वारा विस्तारित किया गया था, जिसने अपनी राजधानी को कन्नौज से लाल कोट में स्थानांतरित कर दिया था।

    इतिहासकार डॉ ऑगस्टस होर्नले का मानना ​​है कि तोमर गुर्जरा (या गुज्जर) के शासक वंश में से एक थे।

    गुजराती इतिहास के लेखक अब्दुल मलिक मशर्मल लिखते हैं कि गुजर इतिहास के लेखक जनरल सर ए कनिंघम के अनुसार, कानाउज के शासकों गुजर (गुजर पी -213 का इतिहास) 218)। उनका गोत्रा ​​तोमर था और वे हुन चीफ टोरमन के वंशज हैं।

    गुर्जर प्रतिहार साम्राज्य अनेक भागों में विभक्त था। ये भाग सामन्तों द्वारा शासित किये जाते थे। इनमें से मुख्य भागों के नाम थे:

    शाकम्भरी (सांभर) के चाहमान (चौहान)
    दिल्ली के तौमर
    मंडोर के गुर्जर प्रतिहार
    बुन्देलखण्ड के कलचुरि
    मालवा के परमार
    मेदपाट (मेवाड़) के गुहिल
    महोवा-कालिजंर के चन्देल
    सौराष्ट्र के चालुक्य

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  33. उत्तर
    1. Sabaaaash bhai fer tere jaise piche htja jb baat desh ki aaja ye wehi rajput hai jo border p mre

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  34. Saalo raja ki ligel santan ko rajkumar kahate h and eligel santan ko rajput

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  35. राजा मिहिर भोज की ग्वालियर प्रशस्ति में वि. सं. 900 में प्रतिहार राजपूतों को सुमित्रा पुत्र लक्ष्मण का वंशज बताया गया है।

    सौमित्रिस्तिव्रदंड : प्रतिहरण विधेर्य: प्रतिहार आसीत।।

    बाउक प्रतिहार के नौवीं शताब्दी के शिलालेखानुसार --

    स्वभ्राता रामभद्रस्य प्रतिहायॆ कृतयत:।।
    श्री प्रतिहार बडशोययतशचोतिमानुयात।।

    मित्रों ऐसे हजारों शिलालेखों और अभिलेखों मे प्रतिहार राजपूतों को सूर्यवंशी क्षत्रिय बताया है। क्योंकि अग्नि और सूर्य एक समान है जिस कारण ही प्रतिहार/परिहार राजपूत अग्निवंशी भी कहलाते है। पर यह मूलतः सूर्यवंशी क्षत्रिय है।

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  36. Sobhi Rajput bhaiyo set anurodh hai ki iss real truth ko swikar Kare ki prithvi raj chauhan veer Gurjar samrat thhe.truth never dies.Gurjars ko gali dene se ye sacha jhoot me nhi change ho jaya.iss ke poore proof written me hamare pass hain.rajput origin ke bare me aacharya chatursain Ji ki GOLI ,shirshsk vala book padh le.

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    1. Be kitaab kyu pdhe tu rajasthan aaja tujhe pta lgega kaun kya tha ek kitaab itne bde aadmi ke baare mein kafi hai kuch soch to le ab tk kha the tum 1 saal se hi yaad aaye kya sb mihirbhoj, prithviraj

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    2. 11th century ki tilakmanjari pad le Raja bhoj ke kavi Dhanpal jain ki
      Usne Parmar Ko Gurjar likha h

      Pad lena bewkoof😂😂😂😂😂😂😂😂😂

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  37. Main Pawar hu aur jaati se Rajput to tumlog pawar Ko Gujjar kaise bol diye be.Jai Rajputana

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  38. Bahut khub gyan pela hai jabki khud Wikipedia aur bahut sare books ye proop kar chuke hai aur prithvi raj raso bhi ki priprithvi chauhan rajput the fir ye rajpuraj ke najayaj aulad gurjar chauhan aa gye aur bilne lage ki rajputon ne to gujjario ko pela aur chauhan paida kiye

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  39. Bahi 36 biradari me se veer hamari jaati ke aage he kio lagaya jata he veer gurjar

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  40. Tum rajputo me to veer tumahre rajao ke aage lagaya jata he per hamari to Puri jaati ke aage veer lagta he veer gurjar

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  41. Kuch to baat he hum me jo Hume dusro se alug karti he Royal👑 gurjar

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  42. सोलो राजपूतों तुम गुर्जर समाज की नाजायज औलाद हों।
    राजा कि जायज औलाद को राजकुमार कहते और नाजायज औलाद को राजपूत कहते हैं
    राजा के असली उत्तराधिकारी तो गुर्जर है।
    तुम राजपूत गुर्जर राजाओं की रंडीयो की औलाद हों ।

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  43. HISTORY OF RAJASTHAN

    After the sack of Delhi Muhammad Ghori appointed Kootubudin Aibak,a slave, as his victory of Delhi and left for Ghor. Kootubudin placed one "Gola" (Salve, born from Gujjar Chauhan prince with slave mother) upon the throne of Ajmer mistaking this of the last appellation of the natural brother of the last Hindu Gujjar Chauhan King. This Gola could not claim that he was a Gujjar since he was not born from a Gujjar mother and hence informed that he is a Rajput (which is a true statement since he was son of king but not from the queen). This fact is recorded by Ferrista, a Muslim scholar and translated by Dow.

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  44. चीनी यात्री हेन सांग ने भीनमाल का बड़े अच्छे रूप में वर्णन किया है। उसने लिखा है कि “भीनमाल का 20 वर्षीय नवयुवक क्षत्रिय राजा अपने साहस और बुद्धि के लिए प्रसिद्ध है और वह बौद्ध-धर्म का अनुयायी है। यहां के चापवंशी गुर्जर बड़े शक्तिशाली और धनधान्यपूर्ण देश के स्वामी हैं।”

    हेन सांग (629-645 ई.) के अनुसार सातवी शताब्दी में दक्षिणी गुजरात में भड़ोच राज्य भी विधमान था| भड़ोच राज्य के शासको के कई ताम्र पत्र प्राप्त हुए हैं, जिनसे इनकी वंशावली और इतिहास का पता चलता हैं| इन शासको ने स्वयं को गुर्जर राजाओ के वंश का माना हैं| मंडोर के प्रतिहारो और उनके समकालीन भड़ोच के गुर्जरों की वंशावली के तुलान्तामक अध्ययन से पता चलता हैं कि इन वंशो के नामो में कुछ समानताए हैं| भड़ोच के ‘गुर्जर नृपति वंश’ के संस्थापक का नाम तथा मंडोर के प्रतिहार वंश के संस्थापक हरिचन्द्र के चौथे पुत्र का नाम एक ही हैं- दद्द| कुछ इतिहासकार इन दोनों के एक ही व्यक्ति मानते हैं| दोनों वंशो के शासको के नामो में एक और समानता ‘भट’ प्रत्यय की हैं| भट का अर्थ योद्धा होता हैं| मंडोर के प्रतिहारो में भोग भट, नर भट और नाग भट हैं तो भड़ोच के गुर्जर वंश में जय भट नाम के ही कई शासक हैं| दोनों वंशो के शासको के नामो की समानताओ के आधार पर इतिहासकार भड़ोच के गुर्जर वंश को मंडोर के प्रतिहारो की शाखा मानते हैं| किन्तु इसमें आपत्ति यह हैं कि भड़ोच के गुर्जर अपने अभिलेखों में महाभारत के पात्र ‘भारत प्रसिद्ध कर्ण’ को अपना पूर्वज मानते हैं नाकि मंडोर के प्रतिहारो की तरह रामायण के पात्र लक्ष्मण को|

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  45. ब्रह्मवैवर्त पुराण के ब्रह्म खण्ड में एक श्लोक है -

    क्षत्रात्करणकन्यायां राजपुत्रो बभूव ह”

    अर्थात् क्षत्रिय पुरुष से करण कन्या में जो पुत्र पैदा होवे उसे राजपूत कहते हैं।

    वैश्य पुरुष और शूद्र कन्या से उत्पन्न हुए को करण कहते हैं और ऐसी करण कन्या से क्षत्रिय के सम्बन्ध से राजपुत्र (राजपूत) पैदा हुआ।

    सुप्रसिद्ध इतिहासज्ञ व संस्कृत के विद्वान् पं० चिन्तामणि विनायक वैद्य के मतानुसार ई० सन् 800 से 1100 के बीच राजपुत्र बने हैं।

    प्राचीन ग्रन्थों में न तो राजपूत जाति का उल्लेख है और न राजपूताने* का।

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  46. गुर्जर दुनिया की एक महान जाति है। गुर्जर ऐतिहासिक काल से भारत पर शासन कर रहे थे, बाद में कुछ गुर्जर की औलाद को मध्यकाल में राजपूत कहा जाता था। राजपूत, मराठा, जाट और अहीर, क्षत्रियों के उत्तराधिकारी हैं। वे विदेशी नहीं हैं। हम सभी को छोड़कर कोई भी समुदाय क्षत्रिय नहीं कहलाता है। उस क्षत्रिय जाति को कैसे खत्म किया जा सकता है जिसमें राम और कृष्ण पैदा हुए थे। हम सभी राजपूत, मराठा, जाट और अहीर सितारे हैं, जबकि गुर्जर क्षत्रिय आकाश में चंद्रमा हैं। गुर्जर की गरिमा मानव शक्ति से परे है .. (शब्द - ठाकुर यशपाल सिंह राजपूत

    गुर्जर तंवर राजाओ की औलाद से तंवर राजपूत और तोमर राजपूत बने(शब्द महेंदर सिंह खेतासर राजपूत)

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  47. वीर गुर्जर - प्रतिहार राजाओ के ऐतिहासिक अभिलैख प्रमाण

    प्रतिहार एक उपाधि(tital) थी जो राष्ट्रकूट राजा ने गुर्जर राजा को दी थी👇👇👇👇👇👇👇

    1. सज्जन ताम्रपत्र (871 ई. ) :---
    अमोघ वर्ष शक सम्वत
    793 ( 871 ई . ) का
    सज्जन ताम्र पञ ) :---- I
    इस ताम्रपत्र अभिलेख मे लिखा है। कि राष्ट्र कूट शासक दन्तिदुर्ग ने 754 ई. मे "हिरण्य - गर्भ - महादान " नामक यज्ञ किया अवांछित और खंडित दासवतारा गुफा शिलालेख का उल्लेख है कि दांतिदुर्ग ने उज्जैन में उपहार दिए थे और राजा का शिविर गुर्जरा महल उज्जैन में स्थित था (मजूमदार और दासगुप्त, भारत का एक व्यापक इतिहास)।
    अमोगवरास (साका संवत 793 = एडी 871) के संजन तांबे की प्लेट शिलालेख दांतिदुर्ग को उज्जैनिस दरवाजे के रखवाले (एल, वॉल्यूम XVIII, पृष्ठ 243,11.6-7)तो इस शुभ अवसर पर गुर्जर आदि राजाओ ने यज्ञ की सफलता पूर्वक सचालन हेतु यज्ञ रक्षक ( प्रतिहार ) का कार्य किया । ( अर्थात यज्ञ रक्षक प्रतिहारी का कार्य किया )और प्रतिहार नाम दिया
    ( " हिरणय गर्भ राज्यनै रुज्जयन्यां यदसितमा प्रतिहारी कृतं येन गुर्जरेशादि राजकम " )

    2. सिरूर शिलालेख ( :----
    यह शिलालेख गोविन्द - III के गुर्जर नागभट्ट - II एवम राजा चन्द्र कै साथ हुए युद्ध के सम्बन्ध मे यह अभिलेख है । जिसमे " गुर्जरान " गुर्जर राजाओ, गुर्जर सेनिको , गुर्जर जाति एवम गुर्जर राज्य सभी का बोध कराता है।
    ( केरल-मालव-सोराषट्रानस गुर्जरान )
    { सन्दर्भ :- उज्जयिनी का इतिहास एवम पुरातत्व - दीक्षित - पृष्ठ - 181 }

    3. बडोदा ताम्रपत्र ( 811 ई.) :---
    कर्क राज का बडोदा ताम्रपत्र शक स. 734 ( 811-812 ई ) इस अभिलेख मे गुर्जरैश्वर नागभट्ट - II का उल्लेख है ।
    ( गोडेन्द्र वगपति निर्जय दुविदग्ध सद गुर्जरैश्वर -दि गर्गलताम च यस्या नीतवा भुजं विहत मालव रक्षणार्थ स्वामी तथान्य राज्यदद फलानी भुडक्तै" )
    { सन्दर्भ :- इडियन एन्टी. भाग -12 पृष्ठ - 156-160 }
    4. बगुम्रा-ताम्रपत्र ( 915 ई. )
    इन्द्र - तृतीय का बगुम्रा -ताम्र पत्र शक सं. 837 ( 915 ई )
    का अभिलेख मे गुर्जर सम्राट महेन्द्र पाल या महिपाल को दहाड़ता गुर्जर ( गर्जदै गुर्जर - गरजने वाला गुर्जर ) कहा गया है ।
    ( धारासारिणिसेन्द्र चापवलयै यस्येत्थमब्दागमे । गर्जदै - गुर्जर -सगर-व्यतिकरे जीणो जनारांसति।)
    { सन्दर्भ :-
    1. बम्बई गजेटियर, भाग -1 पृष्ट - 128, नोट -4
    2. उज्जयिनी इतिहास तथा पुरातत्व, दीक्षित - पृष्ठ - 184 -185 }

    5. खुजराहो अभिलेख ( 954 ई. ) :----
    चन्दैल धगं का वि. स . 1011 ( 954 ई ) का खुजराहो शिलालैख सख्या -2 मे चन्देल राजा को मरु-सज्वरो गुर्जराणाम के विशेषण से सम्बोधित किया है ।
    ( मरू-सज्वरो गुर्जराणाम )
    { एपिग्राफिक इडिका - 1 पृष्ठ -112- 116 }

    6. गोहखा अभिलेख :--
    चैदिराजा कर्ण का गोहखा अभिलैख मे गुर्जर राजा को चेदीराजालक्ष्मणराजदैव दवारा पराजित करने का उल्लेख किया गया हे ।
    ( बगांल भगं निपुण परिभूत पाण्डयो लाटेरा लुण्ठन पटुज्जिर्जत गुज्जॆरेन्द्र ।
    काश्मीर वीर मुकुटाचित पादपीठ स्तेषु क्रमाद जनि लक्ष्मणराजदैव )
    { सन्दर्भ :- 1. एपिग्राफिक इडिका - 11 - पृष्ठ - 142
    2. कार्पस जिल्द - 4 पृष्ठ -256, श्लोक - 8 }

    7. बादाल स्तम्भ लैख:--
    नारायण पाल का बादाल सत्म्भ लैख के श्लोक संख्या 13 के अनुसार गुर्जर राजा राम भद्रदैव ( गुर्जर - नाथ) के समय दैवपाल ने गुर्जर- प्रतिहार के कुछ प्रदेश पर अधिकार कर लिया था ।
    ( उत्कीलितोत्कल कुलम हत हूण गर्व खव्वीकृत द्रविड गुर्जर-नाथ दप्पर्म )
    { सन्दर्भ :--एपिग्राफिक इडिका - 2 पृष्ठ - 160 - श्लोक - 13 }

    8. राजोरगढ अभिलेख ( 960 ई. ) :--
    गुजॆर राजा मथन दैव का वि. स. ( 960 ई ) का राजोर गढ ( राज्यपुर ) अभिलेख मे महाराज सावट के पुत्र गुर्जर प्रतिहार मथनदैव को गुर्जर वंश शिरोमणी तथा समस्त जोतने योग्य भूमि गुर्जर किसानो के अधीन उल्लेखित है ।
    ( श्री राज्यपुराव सिथ्तो महाराजाधिराज परमैश्वर श्री मथनदैवो महाराजाधिरात श्री सावट सूनुग्गुज्जॆर प्रतिहारान्वय ...... स्तथैवैतत्प्रतयासन्न श्री गुज्जॆर वाहित समस्त क्षैत्र समेतश्च )

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  48. Sale gujjar aaj tak ek param veer chakra jeet na pay chale hai gujjar banane sabko sab janta hai ki kaise tum gujjaro aur jaato nai bihar kai mauryan empire ko bhi apna bata diya sale dogle .

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  49. Rana ji jra major Kuldeep Singh Chandarpuriya ke vaare me padhlo voh bhi gurjar the, 120 senikonko lekar pakistaan ko dhul chataayi thi,bhulgaye kya

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  50. chauhan is nai barber caste. Only true khastriya is Sri Krishna and Yadav. Rajputs are randi ri aulaad and randipoot

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  51. Bewkoof Wo Bhi Gurjar the jisne Akele 500 saal tk bharat ko videsiyo se bachaya

    Or tm Rajputo ne to bs Muslimo ki Gulami ki bhul gye

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  52. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  53. राजस्थान का इतिहास 😂😂😂😂😂
    फरिश्ता ने अपनी बुक में लिखा है बारहवीं शताब्दी में

    दिल्ली जीतने के बाद मुहम्मद घोरी ने एक गुलाम, कुतुबुद्दीन एबाक नियुक्त किया, दिल्ली की उनकी जीत के रूप में और घोर के लिए चले गए। कुतुबुद्दीन ने अजमेर के सिंहासन पर आखिरी हिंदू गुज्जर चौहान राजा के प्राकृतिक भाई .कुतुबुदीन ने एक "गोला" रखा "गोला" (नौकर, गुज्जर चौहान राजकुमार से दास मां के साथ पैदा हुआ) रखा। यह गोला यह दावा नहीं कर सकता था कि वह गुर्जर था क्योंकि वह गुर्जर मां से पैदा नहीं हुआ थाऔर इसलिए सूचित किया गया कि वह राजपूत है (जो राजा का पुत्र था, लेकिन रानी से नहीं, यह एक सच्चा बयान है)। फरिश्ता, एक मुस्लिम विद्वान द्वारा दर्ज किया गया है और डॉव द्वारा अनुवादित है।

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    1. पृथ्वीराज सिंह गुर्जर का गुर्जर बेटा Rajputo वंश गुर्जरों ने ही रखा है

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  54. ज्यादा इतिहास जानना है ना तो अपने बाप को पूछ गुजर कौन थे

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  55. Dekho bhy jise gujer samajna hai samje hame koi paresani nahi me Manipur se hai aur chauhan hu pr gujer nahi hu kuki waha gujer ko koi janata hi nahi chauhan MATLAB Rajput

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  56. Dekho bhy jise gujer samajna hai samje hame koi paresani nahi me Manipur se hai aur chauhan hu pr gujer nahi hu kuki waha gujer ko koi janata hi nahi chauhan MATLAB Rajput

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  57. पृथ्वीराज विजय एक प्राचीन संस्कृत ग्रंथ है । वर्ष 1191 - 93 ई . के बीच इस ग्रंथ की रचना कश्मीरी पण्डित ' जयानक ' ने की । इस ग्रंथ के माध्यम से पृथ्वीराज तृतीय के विषय में जानकारी मिलती है । इस ग्रंथ में पृथ्वी राज चौहान को गुर्जर ही बताया गया है ।

    इतिहासकार जितेश कुमार 7065307196


    सोमेश्वर सूर गुज्जर नरेस ।मालवी राज सब जग्ग बेस ॥कं० ॥६१३ मारू धजादू भहीन थान ।घल भोमि लई बस्न चाहवान ॥दिल्लेस व्या वर घरेस ।तिह अध्अ भया दिल्ले नरेस ॥ई० ॥६१४ श्रानन्द राज नंदन सु सोम ।मारिया दखनि तिन किया हाम॥निय पुर सु नयर सुर लग्गि धोम ।आनन्द केोति अजमेर भाम ॥० ॥१५ ॥०
    ॥३१६ ॥॥सोलेश्वर जी की शूरता का संक्षेप वर्णन
    ॥कवित्त ।जिछि सोमेसर ।सूर जित्ते पुरसानी ॥जिहि सामेसर सूर ।चढिवि गु्जर धर भानी ।

    ( 1 . 11 ) बमन् . लेखहस्तः पुमान्माप्तो देव गुर्जरमण्डला ॥ आकएयेति प्रतीहारभारती भारतेश्वरः

    ( 1 . 14 ) पदैः . गूर्जरोपज्ञमाचरख्यौ घोरं गोरिपराभवम् ॥ मुखे प्रसादस्य संबादेन प्रिथैरल्पैः पदै

    : ( 0 . 13 ) स दूतो गूर्जराणामुपज्ञाथ ज्ञानं , प्रथमं गूर्जरैरेव कृतमित्यर्थः गोरीणां म्लेच्छानां पराभवं कथि

    ( 1 . 9 ) राहितरणरणकैः प्रेतनाथस्य याव ईर्गे गूर्जराणां नृतनुभिरसुरैर्नवलाख्ये निमग्रम् . पृथ्वीराज ( 1 . 10 ) स्य तावन्निखिलदिगभयारम्भसंरम्भसीमा भीमा भूभङ्गभङ्गी विरचनसमयं कार्मुकस्याचचक्षे ।

    ( 1 . 9 ) डारत्नं गूर्जरेन्द्रं तदीयं दौहित्रं प्राप्य रक्षन्छुमार पालस्सत्यार्थनामाभून् . कुमारोप्राप्तराज्यो रा ( 19 ) जपुनस्सोमेश्वरस्तस्य पाल नानाम सार्थकम् . कुमारपालस्तदीयो भ्रातृपुत्रः । । 11 . प्रथमस्सुध

    ( 1 . 14 ) मितीव यः . गुर्जरं मूलराजाख्यं कन्यादुर्गमीविशत् ॥ तपस्विना बराकेण तपोधने ( 1 . 15 ) न च स्वच्छं यशोंशुकमनेन त्यक्तमितीव मूलराजनामानं गुर्जरं कन्थाख्यं दुगै चीरं च

    16 ) त्वादिति भावः पृथिवीभृच्छब्दस्य श्लिष्टत्वादुक्तिसंगतिः ॥ अथ गूर्जरराजमर्जितानां मुकुटाल ( . 7 ) करण कुमारपातः . अधिगत्यं सुतासुतं तदीयं परिरक्षनभवयथार्थनामा

    गूर्जरेन्द्रो जयसिंहस्तस्मै यां दत्तवान्सा काञ्चनदेवी रात्रौ च दिने । सामं सोमेश्वरसंज्ञम

    ( 1 . 3 ) युरिति भावः । । . अवीचिभागो मरुभूमिनामा खण्डो द्युलोकस्य च गूर्जराख्यः . परी ( 14 ) क्षणायेव दिशि मत्तीच्या मेकीकृतौ पाशधरेण यौ द्वौ ॥ तयोर्द्वयोरप्युदिते नरेन्द्र ( 1 . 5 ) तं वव्रतुस्तुन्यगुणे महिप्यौ . रसातलस्वर्गभवे इब द्वे त्रिलोचनं चन्द्रकलात्रिसर्गे ॥ ८ . 6 ) मरुसंक्षितोवीचिनामा नरकैकदेशस्तथा गूर्जरनामा स्वर्गखण्ड इसि द्वौ खण्डौ प ( 1 . 7 ) विमदिशि बरुणेन परीक्षार्थमिव स्थापिती यौ तयोर्द्वयोमरु गूर्जरयोरुत्पन्ने समगु


    य गुर्जरं कर्ण तमश्वं प्राप्य मालवः . लब्ध्वानूरुस्सूर्यरथं करोति व्योमलधनम् ॥ ( 11 ) तमश्वं प्राप्य मालव : कर्णाख्यं गूर्जरमजयत् सूर्यरथं लब्वानूरुराका शलङ्घनं करो ति ॥ पृथ्वीराजस्मुतस्तस्मात्ततो - ~ - रभूत . कुमारब्रह्मचारी हि कुमारो मद

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  58. Shilalekha or abhilekha wo bhi 11th centry ka
    Or no bhi h check krwa lena

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  59. moot peelo bhen ke lode gujjaro, tumhari goochari chudti thi rajputo se, tabhi to tum najayaz aulade chuahan lagane lage naam ke aage

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  60. 😂😂😂😂😂chutiye phele jaker Shilalekha check kr pta chal jaya tm Gurjaro ki nazayaz aulaad ho

    Raja Ko RAJAN

    Raja ke Bacche Ko Rajkumar ,Rajkumari

    Raja or dassioyo ki aulaad ko Rajput

    ब्रह्मवैवर्त पुराण के ब्रह्म खण्ड में एक श्लोक है -

    क्षत्रात्करणकन्यायां राजपुत्रो बभूव ह”

    अर्थात् क्षत्रिय पुरुष से करण कन्या में जो पुत्र पैदा होवे उसे राजपूत कहते हैं।

    वैश्य पुरुष और शूद्र कन्या से उत्पन्न हुए को करण कहते हैं और ऐसी करण कन्या से क्षत्रिय के सम्बन्ध से राजपुत्र (राजपूत) पैदा हुआ।

    सुप्रसिद्ध इतिहासज्ञ व संस्कृत के विद्वान् पं० चिन्तामणि विनायक वैद्य के मतानुसार ई० सन् 800 से 1100 के बीच राजपुत्र बने हैं।

    प्राचीन ग्रन्थों में न तो राजपूत जाति का उल्लेख है और न राजपूताने* का।

    राजस्थान का इतिहास

    दिल्ली जीतने के बाद मुहम्मद घोरी ने एक गुलाम, कुतुबुद्दीन एबाक नियुक्त किया, दिल्ली की उनकी जीत के रूप में और घोर के लिए चले गए। कुतुबुद्दीन ने अजमेर के सिंहासन पर आखिरी हिंदू गुज्जर चौहान राजा के प्राकृतिक भाई .कुतुबुदीन ने एक "गोला" रखा "गोला" (नौकर, गुज्जर चौहान राजकुमार से दास मां के साथ पैदा हुआ) रखा। यह गोला यह दावा नहीं कर सकता था कि वह गुर्जर था क्योंकि वह गुर्जर मां से पैदा नहीं हुआ थाऔर इसलिए सूचित किया गया कि वह राजपूत है (जो राजा का पुत्र था, लेकिन रानी से नहीं, यह एक सच्चा बयान है)।

    फेरिस्टा, एक मुस्लिम विद्वान द्वारा दर्ज किया गया है और डॉव द्वारा अनुवादित है।


    गुर्जर दुनिया की एक महान जाति है। गुर्जर ऐतिहासिक काल से भारत पर शासन कर रहे थे, बाद में कुछ गुर्जर की औलाद को मध्यकाल में राजपूत कहा जाता था। राजपूत, मराठा, जाट और अहीर, क्षत्रियों के उत्तराधिकारी हैं। वे विदेशी नहीं हैं। हम सभी को छोड़कर कोई भी समुदाय क्षत्रिय नहीं कहलाता है। उस क्षत्रिय जाति को कैसे खत्म किया जा सकता है जिसमें राम और कृष्ण पैदा हुए थे। हम सभी राजपूत, मराठा, जाट और अहीर सितारे हैं, जबकि गुर्जर क्षत्रिय आकाश में चंद्रमा हैं। गुर्जर की गरिमा मानव शक्ति से परे है .. (शब्द - ठाकुर यशपाल सिंह राजपूत

    गुर्जर तंवर राजाओ की औलाद से तंवर राजपूत और तोमर राजपूत बने(शब्द महेंदर सिंह राजपूत)

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  61. prithviraj chauhan k bete ki shaadi hui raja amb ki ladki se usse ek gurjar gotra nikla jiska naam ambawata hai

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  62. Prithviraj chauhan k pote ka gotra bana ambawata jo ek gurjar gotra hai

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  63. Gujjar samaj ke log hamesha se Hi dusron ka gotra caste surname itihaas history ko chura Kar apna batate Hain prithviraj Singh Chauhan rajput ki gujar lekin aaj ke samay mein jo log unko apna Bata rahe hain lagta hai gurjaron ki man bahan betiyon ne rajputon se vivah kiya tha tabhi to gujar apne aapko rajputon ki najayaj aulad Bata rahe hain gujjar log ke itihaas bhains purana tha pashupalan karna tha gurjar ka matlab gu hota hai gurjar hamesha se dusron ke baap Dada hun ko apna batate Hain chullu bhar Pani mein doob Maro gujar samaj ke log gurjar samaj ke log hamesha se Hi dusron ka itihaas gotra caste upnaam surname ko churate Hain use apna batate Hain gujjar log ek number ke chor hote hain Inka itihaas dusron ka itihaas chura Kar Hi uske sath chhedchhad kar kar hi use apna batate Google internet par galat jankari dete it sel se WhatsApp University se jankari lekar post karte sale chutiya hote gurjar dusron ko apna banaa lete hain gujjar

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  64. gurjar samaj se sab log Bach ke rahana yah log ek number ki chor hote hain dusro ka itihaas gotra ka chuda kar apna batate Hain yah log kisi ke bhi baap ko apna baap banaa lete Hain gurjar jaati ka itihaas bhains chhudaane ka Thana ki ki mahan itihaas ke Inka yah log hamesha dusron ka itihaas caste gotra surname apna naam ko chura Kar apna batate Hain sale chor hote hain gujjar jaati ke log internet Google Facebook Instagram par galat jankari it sel WhatsApp University se jankari nikalkar post karte Hain aise log dusron ka itihaas ke sath chhedchhad karte hain gujjar log Jo Sach hai main vahi bola hai chahe gujjar samaj ke log mane ya Na mane unki marji chahe mujhe Gali de jo bhi bole mujhe usse Koi parvah nahin hai main jo Sach hai vahi bataya hun gurjar samaj ke logon ko hamesha se Hi log dusron ka gotra caste surname itihaas ko chura Kar apna batate Hain sharm karo ja chullu bhar Pani mein doob Maro gurjar samaj ke log dusron ka itihaas history gotra caste surname upnaam kab tak chura kar apna batate raho kab Tak dusron ke baap Dada ko apna banate rahoge gujjar jaati ek chhod jaati hai unka itihaas main churane ka tha prithviraj Singh Chauhan rajput Dena ki gurjar lekin gurjar logon ko gujjar Bata rahe hain dusron ki purani aadat hai jo mashhur famous Ho jaate Hain apna banaa lete hain gurjaron se sab log pareshan ho gaye hain unki gand marna padega

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  65. Ye sale gurjar Suna tha Bhais aur bakriya churate h par ab itihas bhi churane lage saalo kux kaam dham kro kyu Faltu m Thakuro
    KO baap bana rahe ho

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  66. Ye sale gurjar Suna tha Bhais aur bakriya churate h par ab itihas bhi churane lage saalo kux kaam dham kro kyu Faltu m Thakuro
    KO baap bana rahe ho

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  67. Lag ta he ki gurjaro me koi raja nikla nahi, sare veer raja Rajput he or maratha to gurjaro ne socha ki prithviraj ji chauhan pe movie bhi ban rahi he sab mile k prithviraj ji chauhan ko gurjar bana dal te he thoda naam bhi log jane ge haath to kuch lagne wala he hi nahi, saala me bachpan se padh ta aa raha hu ki hum rajput veer prithviraj ji chauhan k vansh se he ye gurjaro ne to line hi change kar mari, kahi veer maharana Pratap ji pe movie bahe to veer chilla ne lage ge, Maharana Pratap gurjar thee ithas dekho

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  68. राजपूत भाईयो से कहना चाहता हूं कि वो हमारी माता कौ गाली दे रहे हैं पर उन्हें पता नहीं है कि मेवाड़ का इतिहास ही हमारी पनाधाई गुजरानी ने अपने बेटे चन्दन का बलिदान देकर बचाया था में तुक था हु ऐसे क्षत्रिय पर जो अपशब्दों के उपयोग करते हैंडसेट

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  69. Goojar ladki ki saadi rajput prithvi raj chauhan se huyi h...isliye rajput ki nazish aulad goojar h ye hamre h

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  70. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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    उत्तर
    1. Kutte ham to aj kalyug me bhi gurjar aur hindu parmpra nibha rahe h tumne to pahle hi apni bhahan mullo ko bhech di

      हटाएं
  71. Hamare gurjaro ke sand yadi rajputani ko chhodenge to veer hi pedha honge na hamary pilli hame hi kategi bhai

    जवाब देंहटाएं
  72. Prathviraj chouhan gurjar tha gurjar hai.aur gurjar hi rahega .mc rajput

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  73. मुझे एक बात बताओ सब तुम में गुर्जर में चौहान आपस में लड़ते रहना हमारे देश में जातियां बहुत पर सबका धर्म एक ही रहा राष्ट्र रक्षा करना मुसीबत में सब साथ देना ओर तुम जैसे आजकल के कीटाणु सालों आपस में लड़ रहे हो
    एक बात अच्छी तरह से जान को हमारे इतिहास के साथ भौत तोड़ मरोड़ हुई है हमे तोड़ने ओर जातियों में बाटने के लिए
    ये इतिहास वामपंथी के द्वारा लिखा गया पहाया जाता है चाहे गुर्जर सम्राट मिहिर भोज हो । प्रथ्वी राज चौहान हो । महाराज प्रताप हो । राणा सांगा हो । गुरु गोविन्द जी हो ।सब के इतिहास को छुपाया गया है
    ओर अकबर टीपू को महान बताया गया कम से कम खुद के भी मस्तिष्क को इस्तेमाल कर लिया करो । जाहिलो आपस में ही लड़ जाते हो जिसका फायदा वामपंथी ओर चुसलाइम उठा रहे है ओर हम अपनी अकड़ ओर ना समघी में अपना ही ओर अपने ही देश परिवार ओर समाज का नुक्सान कर रहे है
    क्यूंकि इनके बारे में हमे शिक्षा नहीं दे जाती
    गीता कोर्ट में तो है पर विद्यालय में नहीं

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  74. कहने के लिए बहुत कुछ आज अगर हम इस बर्बादी के मुहाने पर खड़े है तो बस यही कारण है हम संगठित नहीं है आपस में ही लड़ते है ओर बंदर बाज़ी मर लेता है ओर फिर अपनी जाती को लेकर रोते है क्या हमारे पूर्वजों ने ऐसा किया है जो आज हम उन्हें इस तरह से बदनाम करते है थू है तुम लोगो पर

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  75. इतिहास बनाए जाते हैं चुराई नहीं जाते

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  76. Sudhar jao gujjaro agar Prithiviraj Chauhan gujjar the to maa ke lodo kaise seh liya tumne apmaan unki asthiyo ka thaara baap sher singh rana laya tha asthiya #Jai Rajputana

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  77. Bsdka chore h bhaschor sale ab hmara ithas chura rha h thara baap h ham

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  78. jise kise bhai ko itihas bar m kuch puchna to mera bada bhai pura itihas padha hu thik h hum gujjar sa alaga tum hoyo thik h har jaunga gujjar ladai m agya tha vo maharanapartap ji tumare rajput samj ki izzjat bachi thi
    jai gujjar samj
    jai rajputana
    jai baba ki

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