सोमवार, 11 अप्रैल 2016

गुर्जर सम्राट महेन्द्रपाल प्रतिहार - Gurjar Samrat Mahendrapal Pratihar

Gurjar Samrat Mahendrapal Pratihar - गुर्जर सम्राट महेन्द्रपाल प्रतिहार

• उत्तराधिकार   - 7th गुर्जर प्रतिहार सम्राट
• शासनकाल   -  से 885 - 910 ई.
• पूर्ववर्ती        - गुर्जर सम्राट मिहिरभोज
• उत्तराधिकारी - गुर्जर सम्राट महीपाल

महेन्द्रपाल (885-910) मे गुर्जर-प्रतिहार वंश के एक महान प्रतापी शासक थे और गुर्जर सम्राट मिहिर भोज और रानी चंद्रभट्टा-राकादेवी के पुत्र थे।
महेन्द्रपाल का साम्राज्य हिमालय से विध्यांचल एवं पूर्वी समुद्रीतट से पश्चिमी समुद्रीतट तक फैला था। इनका संरक्षित विद्वान राजशेखर था । राजशेखर ने कर्पूरमंजरी, बालरामायण, काव्यमिमासा, बालमहाभारत, प्रचंड पांडय, विद्धसालभंजिका, हरविलास, भुवनकोप की रचना की थी[1]
 महेन्द्रपाल को काठियावाड़, पंजाब और मध्य प्रदेश में विभिन्न शिलालेख पर उन्हे महेन्द्रपाल, महेन्द्रयुध्द, महीसापालदेव, निर्भयराजा, और निर्भयनरेन्द्र के राजशेखर नामो से भी उल्लेख किया था। [2][3]

रामगया मे कई शिलालेख पाये गए 
• बिहार के गया जिले के दक्षिणी भाग में 
• बिहार के हजारीबाग जिले में 
• पहाडपुर पर बंगाल की राजशाही जिले के उत्तरी भाग में पता चला 'गदाघर मंदिर के सामने गुनेरिया पर इटखोरी पर गुर्जर सम्राट महेन्द्रपाल के शासनकाल का वर्णन करते है।

यहां तक ​​कि उत्तरी बंगाल के लिए ऊपर मगध का बड़ा हिस्सा सम्राट महेन्द्रपाल के आधिपत्य के तहत आया था [4]

उत्तर में महेन्द्रपाल ने अपने राज अधिकार को हिमालय की तलहटी तक बढ़ाय। और ग्वालियर अपने नियंत्रण में भी किया गया था।  Siyadoni शिलालेख पर महेन्द्रपाल के 903 और 907 ई. के शासन का उल्लेख मिलता है । में सत्तारूढ़ संप्रभु .. उल्लेख इस प्रकार है, 
कि उसने अपने पिता मिहिर भोज के साम्राज्य बरकरार रखा और बंगाल के पालो को हराकर जीते हुए भाग अपने साम्राज्य मे जोड़ा जाता है। [6]
• दिनाजपुर मे 'सम्राट महेन्द्रपाल' का एक शिलालेख स्तंभ पाया गया है। नदी Srimati के तट पर एक समृद्ध गांव "प्रतिराजपुर" कहा जाता है। [7]

• संदर्भ :
1. सामान्य अघ्यन मध्यकालिन भारत का इतिहास, पेज ८
2.^ Rama Shankar Tripathi (1989). History of Kanauj: To the Moslem Conquest. Motilal Banarsidass Publ. p. 248. ISBN 812080404XISBN 978-81-208-0404-3
3.^ Radhey Shyam Chaurasia (2002). History of Ancient India: Earliest Times to 1000 A. D. Atlantic Publishers & Distributors. p. 208. ISBN 81-269-0027-X,ISBN 978-81-269-0027-5
4. ^ Sen, S.N., 2013, A Textbook of Medieval Indian History, Delhi: Primus Books, ISBN 9789380607344
5. ^ Rama Shankar Tripathi (1989). History of Kanauj: To the Moslem Conquest

6. Motilal Banarsidass Publ. pp. 248–254. ISBN 812080404XISBN 978-81-208-0404-3
7. ^ The Archaeological report of dinajpur.

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