रविवार, 10 अप्रैल 2016

Gurjar Samrat - Kakkuka and Devraj


Gurjar Samrat Kakuka & Devraj
• उत्तराधिकार = 2nd गुर्जर प्रतिहार शासक
• राज           = 760 - 780 ई०
• पूर्वज         = गुर्जर सम्राट नागभट प्रतिहार
• वारिस        = गुर्जर सम्राट वत्सराज प्रतिहार
• वंश           = गुर्जर प्रतिहार राजवंश

ककुष्ठा और देवराज गुर्जर प्रतिहार वंश के दुसरे शासक थे और गुर्जर सम्राट नागभट के भतीजे थे। ककुष्ठा को ककुका भी कहा जाता है। देवराज गुर्जर प्रतिहार इनके छोटे भाई थे। अपने शासन काल मे इन दोनो ने बाहरी आक्रमणो को सफल नही होने दिया। देवराज की शादी भूईकादेवी गुर्जरी से हुई। 783 ई० मे देवराज के पुत्र और उत्तराधिकारी वत्सराज का जन्म हुआ।
गुर्जर सम्राट वत्सराज भीनमाल प्रतिहार वंष का वास्तिवक संस्थापक था। वत्सराज को रणहस्तिन की उपाधि प्राप्त थी। वत्सराज ने औसियां के मंदिरों का निर्माण करवाया। औसियां सूर्य व जैन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। इसके समय उद्योतन सूरी ने "कुवलयमाला" की रचना 778 में जालौर में की। औसियां के मंदिर गुर्जर मरू शैली में बने है।  औसियां का हरिहर मंदिर मरू गुर्जरशैली में बना है।

- औसियां राजस्थान में गुर्जर प्रतिहारों का प्रमुख केन्द्र था।
- औसिंया (जोधपुर)के मंदिर गुर्जर कालीन है।
- औसियां को राजस्थान को भुवनेष्वर कहा जाता है।
- औसियां में औसिया माता या सच्चिया माता (ओसवाल जैनों की देवी) का मंदिर है जिसमें महिसासुर मर्दनी की प्रतिमा है।
- जिनसेन ने "हरिवंश पुराण " की रचना की।
वत्सराज ने त्रिपक्षिय संर्घष की शुरूआत की तथा वत्सराज राष्ट्रकूट राजा ध्रुव से पराजित हुआ।

त्रिपक्षिय/त्रिराष्ट्रीय संर्घष
कन्नौज को लेकर उत्तर भारत के गुर्जर, पूर्व में बंगाल का पाल वंश तथा दक्षिणी भारत का राष्ट्रकूट वंश के बीच 100 वर्षो तक के चले संघर्ष को रिपक्षिय/त्रिराष्ट्रीय संर्घष कहा गया।

2 टिप्‍पणियां:

  1. देवराज का पुत्र वत्सराज 783 ई0 में पैदा नही हुआ था बल्कि 783 ई0 से 795 ई0 तक वत्सराज से शासन किया था

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  2. देवराज का पुत्र वत्सराज 783 ई0 में पैदा नही हुआ था बल्कि 783 ई0 से 795 ई0 तक वत्सराज से शासन किया था

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