गुर्जर सम्राट मिहिर भोज महान
गुर्जर सम्राट | मिहिर भोज | गुर्जर प्रतिहार राजवंश । आदिवराह । भारत का महान शासक । गुर्जर प्रतिहार
Gurjar Samrat Mihir Bhoj Mahaan |
• उत्तराधिकार - 6th गुर्जर प्रतिहार सम्राट
• शासनकाल - से 836 - 885 ई.
• पूर्ववर्ती - रामभद्र गुर्जर प्रतिहार
• उत्तराधिकारी - गुर्जर सम्राट महेन्द्रपाल
• अन्य नाम - गुर्जरेश्वर, भारत की घरती का संरक्षक, भोज महान
गुर्जर सम्राट मिहिरभोज भारत के महानतम सम्राटों मे से जाने जाते हैंI इन्होने लगभग पचास सालो तक इस देश को सुशासन दिया देश की विदेशियो से रक्षा की लेकिन अफसोस की बात है कि इतने बड़े महान सम्राट का नाम भी बहुत सारे भारतीय लोगों को मालूम नही हैं सम्राट मिहिर भोज का जन्म सम्राट रामभद्र के पुत्र थे
Gurjar Samrat Mihir Bhoj - Animated |
Gurjar Samrat Mihir Bhoj - Bateshwar Temple
|
गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के बारे में इतिहास की पुस्तकों के अलावा बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। मिहिर भोज ने 836 ईस्वीं से 885 ईस्वीं तक 49 साल तक राज किया। मिहिर भोज के साम्राज्य का विस्तार आज के मुलतान से पश्चिम बंगाल में गुर्जरपुर तक अौर कश्मीर से कर्नाटक तक था। मिहिर भोज के |
साम्राज्य को तत्कालीन समय में गुर्जर देश के नाम से जाना जाता था। सम्राट मिहिर भोज बलवान, न्यायप्रिय और धर्म रक्षक सम्राट थे। मिहिर भोज शिव शक्ति के उपासक थे। स्कंध पुराण के प्रभास खंड में भगवान शिव के प्रभास क्षेत्र में स्थित शिवालयों व पीठों का उल्लेख है। गुर्जर प्रतिहार साम्राज्य के काल में सोमनाथ को भारतवर्ष
के प्रमुख तीर्थ स्थानों में माना जाता था। प्रभास क्षेत्र की प्रतिष्ठा काशी विश्वनाथ के समान थी। स्कंध पुराण के प्रभास खंड में गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के जीवन के बारे में विवरण मिलता है।
Gurjar Samrat Mihir Bhoj |
मिहिर भोज के संबंध में कहा जाता है कि वे सोमनाथ के परम भक्त थे उनका विवाह भी सौराष्ट्र में ही हुआ था। उन्होंने मलेच्छों से पृथ्वी की रक्षा की। 50 वर्ष तक राज करने के पश्चात वे अपने बेटे महेंद्र पाल को राज सिंहासन सौंपकर सन्यासवृति के लिए वन में चले गए थे। गुर्जर सम्राट मिहिर भोज का सिक्का जो गुर्जर देश की मुद्रा था उसको गुर्जर सम्राट मिहिर भोज ने 836 ईस्वीं में कन्नौज को गुर्जर देश की राजधानी बनाने पर चलाया था।
मिहिर भोज के सिक्के
गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के महान के सिक्के पर वाराह भगवान जिन्हें कि भगवान विष्णू के अवतार के तौर पर
जाना जाता है। वाराह भगवान ने हिरण्याक्ष राक्षस को मारकर पृथ्वी को पाताल से निकालकर उसकी रक्षा की थी। गुर्जर सम्राट मिहिर भोज का नाम आदि वाराह भी है। ऐसा होने के पीछे दो कारण हैं
1. जिस प्रकार वाराह भगवान ने पृथ्वी की रक्षा की थी और हिरण्याक्ष का वध किया था ठीक उसी प्रकार मिहिर भोज ने मलेच्छों को मारकर अपनी मातृभूमि की रक्षा की।
2. दूसरा कारण, गुर्जर सम्राट का जन्म वाराह जयंती को हुआ था जोकि भादों महीने की शुक्ल पक्ष के द्वितीय दोज को होती है। सनातन धर्म के अनुसार इस दिन चंद्रमा का दर्शन करना बहुत शुभ फलदायक माना जाता है। इस दिन के 2 दिन बाद महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का उत्सव प्रारंभ हो जाता है। जिन स्थानों पर सम्राट मिहिर भोज के जन्मदिवस का पता है वे इस वाराह जयंती को बड़े धूमधाम से मनाते हैं।
मिहिर भोज के सिक्के पर भगवान विश्णु का वराह अवतार
• अरब यात्रियों ने किया सम्राट मिहिर भोज का यशोगान
अरब यात्री सुलेमान ने अपनी पुस्तक सिलसिलीउत तुआरीख 851 ईस्वीं में लिखी जब वह भारत भ्रमण पर आया था। सुलेमान गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के बारे में लिखता है
कि गुर्जर सम्राट की बड़ी भारी सेना है। उसके समान किसी राजा के पास उतनी बड़ी सेना नहीं है। सुलेमान ने यह
भी लिखा है कि भारत में गुर्जर सम्राट मिहिर भोज से बड़ा इस्लाम का कोई शत्रू नहीं था । मिहिर भोज के पास ऊंटों, हाथियों और घुडसवारों की सर्वश्रेष्ठ सेना है। इसके राज्य में व्यापार,सोना चांदी के सिक्कों से होता है। ये भी कहा जाता है कि उसके राज्य में सोने और चांदी की खाने भी थी।
गुर्जर देश भारतवर्ष का सबसे सुरक्षित क्षेत्र था । इसमें डाकू और चोरों का डर भी नहीं था । मिहिर भोज राज्य की सीमाएं दक्षिण में राजकूटों के राज्य, पूर्व में बंगाल के पाल शासक और पश्चिम में मुलतान के शासकों की सीमाओं को छूती है। शत्रू उनकी क्रोध अग्नि मे आने के उपरांत ठहर नहीं पाते थे। धर्मात्मा,
साहित्यकार व विद्वान उनकी सभा में सम्मान पाते थे। उनके
दरबार में राजशेखर कवि ने कई प्रसिद्ध ग्रंथों की रचना की। कश्मीर के राज्य कवि कल्हण ने अपनी पुस्तक राज तरंगणी मेंगुर्जराधिराज मिहिर भोज का उल्लेख किया है। उनका विशाल
साम्राज्य बहुत से राज्य मंडलों आदि आदि में विभक्त था। उन पर
अंकुश रखने के लिए दंडनायक स्वयं सम्राट द्वारा नियुक्त किए जाते थे। योग्य सामंतों के सुशासन के कारण समस्त साम्राज्य में
पूर्ण शांति व्याप्त थी। सामंतों पर सम्राट का दंडनायकों द्वारा पूर्ण नियंत्रण था। किसी की आज्ञा का उल्लंघन करने व सिर उठानेकी हिम्मत नहीं होती थी। उसके पूर्वज सम्राट नागभट्ट
प्रथम ने स्थाई सेना संगठित कर उसको नगद वेतन देने की जो प्रथा चलाई वह इस समय में और भी पक्की हो गई और गुर्जर साम्राज्य की महान सेना खड़ी हो गई। यह भारतीय इतिहास
का पहला उदाहरण है, जब किसी सेना को नगद वेतन दिया जाता हो।
मिहिर भोज के साम्राज्य का विस्तार आज के मुलतान से पश्चिम बंगाल तक और कश्मीर से कर्नाटक तक था। सिंहासन पर बैठते ही भोज ने सर्वप्रथम कन्नौज राज्य की व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त किया, प्रजा पर अत्याचार करने वाले सामंतों और रिश्वत खाने वाले कामचोर कर्मचारियों को कठोर रूप से दण्डित किया। व्यापार और कृषि कार्य को इतनी सुविधाएं प्रदान की गई कि सारा साम्राज्य धनधान्य से लहलहा उठा। भोज ने प्रतिहार साम्राज्य को धन, वैभव से चरमोत्कर्ष पर पहुंचाया। अपने उत्कर्ष काल में उसे सम्राट मिहिर भोज की उपाधि मिली थी। अनेक काव्यों एवं इतिहास में उसे सम्राट भोज, भोजराज, वाराहवतार, परम भट्टारक, महाराजाधिराज आदि विशेषणों से वर्णित किया गया है।
सुलेमान तवारीखे अरब में लिखा है, कि गुर्जर सम्राट अरब लोगों का सभी अन्य राजाओं की अपेक्षा अधिक घोर शत्रु है। सुलेमान आगे यह भी लिखता है कि हिन्दोस्ता की सुगठित और विशालतम सेना भोज की थी-इसमें आठ लाख से ज्यादा पैदल सेना हजारों हाथी, हजारों घोड़े और हजारों रथ थे। भोज के राज्य में सोना और चांदी सड़कों पर विखरा था-किन्तु चोरी-डकैती का भय किसी को नहीं था। जरा हर्षवर्धन के राज्यकाल से तुलना करिए। हर्षवर्धन के राज्य में लोग घरों में ताले नहीं लगाते थे,पर मिहिर भोज के राज्य में खुली जगहों में भी चोरी की आशंका नहीं रहती थी। मिहिर भोज ने बिहार समेत सारा क्षेत्र कन्नौज में मिला लिया। भोज को पूर्व में उलझा देख पश्चिम भारत में पुनः उपद्रव और षड्यंत्र शुरू हो गये। इस अव्यवस्था का लाभ अरब डकैतों ने उठाया और वे सिंध पार पंजाब तक लूट पाट करने लगे। भोज ने अब इस ओर प्रयाण किया। उसने सबसे पहले पंजाब के उत्तरी भाग पर राज कर रहे थक्कियक को पराजित किया, उसका राज्य और 2000 घोड़े छीन लिए। इसके बाद गूजरावाला के विश्वासघाती सुल्तान अलखान को बंदी बनाया- उसके संरक्षण में पल रहे 3000 तुर्की और अरबी डाकुओं को बंदी बनाकर खूंखार और हत्या के लिए अपराधी पाये गए पिशाचों को मृत्यु दण्ड दे दिया।
जिस प्रकार भगवान विष्णु ने वाराह रूप धारण कर हिरण्याक्ष आदि दुष्ट राक्षसों से पृथ्वी का उद्धार किया था, उसी प्रकार विष्णु के वंशज मिहिर भोज ने देशी आतताइयों, यवन तथा तुर्क राक्षसों को मार भगाया और भारत भूमि का संरक्षण किया- उसे इसीलिए युग ने आदि वाराह महाराजाधिराज की उपाधि से विभूषित किया था। वस्तुतः गुर्जर सम्राट मिहिरभोज सिर्फ गुर्जर प्रतिहार वंश का ही नहीं वरन हर्षवर्धन के बाद और भारत में मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना के पूर्व पूरे गुर्जर प्रतिहार काल का सर्वाधिक प्रतिभाशाली सम्राट और चमकदार सितारा था। सुलेमान ने लिखा है-इस राजा के पास बहुत बडी सेना है और किसी दूसरे राजा के पास वैसी घुड़सवार सेना नहीं है। भारतवर्ष के राजाओं में उससे बढ़कर अरबों का कोई शत्रु नहीं है। उसके आदिवाराह विरूद्ध से ही प्रतीत होता है कि वाराहवतार की मातृभूमि को अरबों से मुक्त कराना अपना कर्तव्य समझता था
अपनी महान राजनीतिक तथा सैनिक योजनाओं से उसने सदैव इस साम्राज्य की रक्षा की। गुर्जर सम्राट का शासनकाल पूरे मध्य युग में अद्धितीय माना जाता है। इस अवधि में देश का चतुर्मुखी विकास हुआ। साहित्य सृजन, शांति व्यवस्था स्थापत्य, शिल्प, व्यापार और शासन प्रबंध की दृष्टि से यह श्रेष्ठतम माना गया है। भयानक युद्धों के बीच किसान मस्ती से अपना खेत जोतता था, और वणिक अपनी विपणन मात्रा पर निश्चिंत चला जाता था। मिहिर भोज को गणतंत्र शासन पद्धति का जनक भी माना जाता है, उसने अपने साम्राज्य को आठ गणराज्यों में विभक्त कर दिया था। प्रत्येक राज्य का अधिपति राजा कहलाता था, जिसे आज के मुख्यमंत्री की तरह आंतरिक शासन व्यवस्था में पूरा अधिकार था। परिषद का प्रधान सम्राट होता था और शेष राजा मंत्री के रूप में कार्य करते थे। वह जितना वीर था, उतना ही दयाल भी था, घोर अपराध करने वालों को भी उसने कभी मृत्यदण्ड नहीं दिया, किन्तु दस्युओं, डकैतों, इराकी,मंगोलो , तुर्कों अरबों, का देश का शत्रु मानने की उसकी धारणा स्पष्ट थी और इन्हे क्षमा करने की भूल कभी नहीं की और न ही इन्हें देश में घुसने ही दिया। उसने मध्य भारत को जहां चंबल के डाकुओं से मुक्त कराया, वही उत्तर, पश्चिमी भारत को विदेशियों से मुक्त कराया। सच्चाई यही है कि जब तक परिहार साम्राज्य मजबूत रहा, देश की स्
Mihir Bhoj Sculpture, Near Teli Mandir, Gwalior Fort |
व्यवस्थापक, शक्तिशाली शासक राजा भोज
जवाब देंहटाएंप्रतिहार साम्राज्य का वास्तविक व्यवस्थापक, उस वंश का सबसे अधिक शक्तिशाली शासक राजा भोज था। हमें यह पता नहीं है कि भोज कब सिंहासन पर बैठा। उसके प्रारम्भिक जीवन के बारे में हमें पता इसलिए नहीं है क्योंकि नागभट्ट द्वितीय तथा राष्ट्रकूट शासक गोपाल तृतीय से पराजित होने के बाद प्रतिहार साम्राज्य का लगभग विघटन हो गया था। भोज ने धीरे धीरे फिर साम्राज्य की स्थापना की। उसने कन्नौज पर 836 ई. तक पुनः अधिकार प्राप्त कर लिया और जो गुर्जर प्रतिहार वंश के अंत तक उसकी राजधानी बना रहा। राजा भोज ने गुर्जरत्रा (गुजरात क्षेत्र) (गुर्जरो से रक्षित देश) या गुर्जर-भूमि (राजस्थान का कुछ भाग) पर भी पुनः अपना प्रभुत्व स्थापित किया, लेकिन एक बार फिर गुर्जर प्रतिहारों को पाल तथा राष्ट्रकूटों का सामना करना पड़ा। भोज देवपाल से पराजित हुआ लेकिन ऐसा लगता है कि कन्नौज उसके हाथ से गया नहीं। अब पूर्वी क्षेत्र में भोज पराजित हो गया, तब उसने मध्य भारत तथा दक्कन की ओर अपना ध्यान लगा दिया। गुजरात और मालवा पर विजय प्राप्त करने के अपने प्रयास में उसका फिर राष्ट्रकूटों से संघर्ष छिड़ गया। नर्मदा के तट पर एक भीषण युद्ध हुआ। लेकिन भोज मालवा के अधिकतर क्षेत्र पर अपना प्रभुत्व क़ायम करने में सफल रहा। सम्भव है कि उसने गुजरात के कुछ हिस्सों पर भी शासन किया हो। हरियाणा के करनाल ज़िले में प्राप्त एक अभिलेख के अनुसार भोज ने सतलज नदी के पूर्वी तट पर कुछ क्षेत्रों को भी अपने अधीन कर लिया था। इस अभिलेख में भोज देव के शक्तिशाली और शुभ शासनकाल में एक स्थानीय मेले में कुछ घोड़ों के व्यापारियों द्वारा घोड़ों की चर्चा की गई है। इससे पता चलता है कि प्रतिहार शासकों और मध्य एशिया के बीच काफ़ी व्यापार चलता था। अरब यात्रियों ने बताया कि गुर्जर प्रतिहार शासकों के पास भारत में सबसे अच्छी अश्व सेना थी। मध्य एशिया तथा अरब के साथ भारत के व्यापार में घोड़ों का प्रमुख स्थान था। देवपाल की मृत्यु और उसके परिणामस्वरूप पाल साम्राज्य की कमज़ोरी का लाभ उठाकर भोज ने पूर्व में अपने साम्राज्य का विस्तार किया।
दुर्भाग्यवश हमें भोज के व्यक्तिगत जीवन के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। भोज का नाम कथाओं में अवश्य प्रसिद्ध है। सम्भवतः उसके समसामयिक लेखक भोज के प्रारम्भिक जीवन की रोमांचपूर्ण घटनाओं, खोए हुए राज्य को फिर से प्राप्त करने के साहस, तथा कन्नौज की विजय से अत्यनत प्रभावित थे। किंतु भोज विष्णु का भक्त था और उसने 'आदिवराह' की पदवी ग्रहण की थी जो उसके सिक्कों पर भी अंकित है। कुछ समय बाद कन्नौज पर शासन करने वाले परमार वंश के राजा भोज, और प्रतिहार वंश के इस राजा भोज में अन्तर करने के लिए इसे कभी-कभी 'मिहिर भोज' भी कहा जाता है।
भोज की मृत्यु सम्भवतः 885 ई. में हुई। उसके बाद उसका पुत्र महेन्द्रपाल प्रथम सिंहासन पर बैठा। महेन्द्रपाल ने लगभग 908-09 तक राज किया और न केवल भोज के राज्य को बनाए रखा वरन मगध तथा उत्तरी बंगाल तक उसका विस्तार किया। काठियावाड़, पूर्वी पंजाब और अवध में भी इससे सम्बन्धित प्रमाण मिले हैं। महेन्द्रपाल ने कश्मीर नरेश से भी युद्ध किया पर हार कर उसे भोज द्वारा विजित पंजाब के कुछ क्षेत्रों को कश्मीर नरेश को देना पड़ा।
अरे चूतिया गुज्जर तो भैंस चुराते थे, ये कब से राजा हो गए। मिहिर भोज राजपूत था, क्यों हमेशा दूसरे के बाप को अपना बाप बताते हो तुम गुज्जर। माना की तुम पिछड़े हुए होOBC और राजपूतों की नाजायज़ औलाद हो, पर ऐसे खुल्ले आम राजपूत राजाओं को अपना बाप तो मत बनाओ।
हटाएंUs samay ye jagiro ke khatir apni betiya biha rahe the ram mandir todne wale muglo ke saath.nathi bai baiji lal raj kunwari,jodha bai ,harka bai etc etc
हटाएंAaj Maharana ke bhagat bante hai par us samay maharana to bhilo ko saath lekar jangalo me pade the ye baithe the muglo ki gode mein.maharana ka khud ka saga bhai naukar tha muglo ka.
Aur akhbat padha kar tujhe demands pata hai karni sena ki .type kar google par "rajputs for reservation"aur padh le.
Aur duniya bhar ke historians ne kaha hai ki tumhare kai gotra gurjaro se nikle hai apne thakur yashpal singh rajput ko hi padh le.bakchodi mat kar.
हटाएंपं बालकृष्ण गौड लिखते है कि जिसको कहते है रजपूति इतिहास
तेरहवीं सदी से पहले इसकी कही जिक्र तक नही है और कोई एक भी ऐसा शिलालेख दिखादो जिसमे रजपूत शब्द का नाम तक भी लिखा हो। लेकिन गुर्जर शब्द की भरमार है, अनेक शिलालेख तामपत्र है, अपार लेख है, काव्य, साहित्य, भग्न खन्डहरो मे गुर्जर संसकृति के सार गुंजते है ।अत: गुर्जर इतिहास को राजपूत इतिहास बनाने की ढेरो सफल-नाकाम कोशिशे कि गई।
हद होती है, मतलब जो आज पिछड़ा वर्ग में आते है वो खुदको कल का राजा बताते है, अगर राजा ही थे तो ये बताओ कहा गए थे मुगलों के समय अगर राजा थे तो, रही बात मुगलों के यहां विवाह की तो इतिहास पड़, जोधा बाई जैसी कोई राजकुमारी थी ही नहीं, ठीक है, हीर कंवर नाम था जिसका विवाह अकबर से हुआ था पड़ उनका इतिहास पता चल जाएगा, और बात दोस्ती करने की है तो हा वो बात गलत थी पर कमजोरी तो प्रजा ही थी जो राजाओं चंड रुपयों के पीछे धोखा देने को तेयार थी और अगर ये गलत है तो कहा थे तब गुज्जर, कहा थे तुम्हारे राजा🤣🤣🤣
हटाएंBhai rajput ka mtlb raja ka putra or gurjar mtlb h satru vinasak ye dono hi sanskrit sabd h or raja ke putra ko yuvraj khete the phle or jo raja ki dasi se paida hote the unhe rajput bolte the thik h ab ek bat or gurjar yuvraj the isliye kam h kyuki rani 1 hi hoti thi or rajput isliye jada h ki dasi jada hoti thi or ek bat hmne kabhi apni ldki mullo ko nhi beechi or tumne unki gand hulami kri h hamesha apni londia chudvake unpe or aaj bhi dekh lio tu gurjar jaha bhi rhta h sher ki tarah hi rhta h or tum sale bs apne ghr m hi bol sako ho
हटाएंTunhara ithas hi kha h tum toh lode hoo....google m dekhlo rajput kn hote h ....jo sar katwa ke bhi ladta rhe vo h rajput..jai maa bhawani
हटाएंShayad Tum usi Jodha Bai ki baat kar rahe ho jis ko mugalon ke liye bhej diya gaya tha aur fir usne mugalon ke bacche paida kiye the thodi si sharm karo yah Garv ki baat nahin hai yah bahut hi Giri Hui baat hai ki tum logon ne mugalon ki adhikta swikar kar Li thi aur is Desh ko hamesha ke liye musalmanon Ko saunp Diya Maharana Pratap Ko chhodkar Tum sab sale Rajput gadhe kahin ke aur Gurjar tu kahin bhi the per tum kahan the jab mugalon ne 200 sal shasan Kiya tha Desh per
हटाएंteri mummy goojari taang uthwati thy Tughluq su saale uski maar maarkar chuttad laal krvaaye hai . Gooajri mahal ki najayaz aulaad ho tham . Man Singh tomar ki bhi najayaz aulaad ho tham
हटाएंgoojari ki choot jama hi kasoot , saale rakhelputro Tughluq Khilji se apni ladkiyon ki choot laal karvaane wale goojar aaj raja ban rhe hai . kadi apni behen kimere dhore bhej uska mahal main banaunga choot maar maar kar
हटाएंtippani yhi hai ki ithihas ko todo mat...Shri mihir bhoj was a Rajput KIng
जवाब देंहटाएंNahi vo Gurjar raja the
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंgurjara was a territory.......not a caste..GUJJAR is caste...in donua me bht difference hai
हटाएंmere kha territory tha gujrat ka name pda kuki wha gujjaro ka samrajya tha ok or kbhi check krna phele gujrat or rajsthan se phele gujratra mtlb gujjaro ki bhumi or ek baat btao angrejo ne 18th century mai rajsthan ko ku rajputana kha fr to rajput bhi koi cast nh hai territory h
हटाएंराजपूतों ने देश को गुलाम कर वा दिया था देश मैं राजपूतों और मराठों के पतन के कारण क्या थे जब राजपूत वंश ख़तम हो रहा था तो किसने बाचाय था उस समय कहाँ थे राजपूत राजपूतों को तो अपना इतिहास याद भी नहीं करना चाहिए भंसाली ने पद्मावती को सरेआम बार डांसर बना दिया उस समय कहाँ थे राजपूत ज्यादा नहीं थोड़ी sharm कारो यार जब तुम एक भंसाली को काबू ना कर सके तो देश पर क्या राज करोगे
हटाएंSahi baat h bhai
हटाएंBeta gurjar he hmm
हटाएंVo din dur nhi jb inki next generation ambani ko v apna papa bolna shuru kr de..
हटाएंBhai hum nhi tum badal rhe ho apne papa ko
हटाएंAre rajputo kuchh sharam kar lo bhai ase apne baap mt bdlo
हटाएंमें इतना नहीं जानता पर गुर्जर...द रियल पावर ऑफ़ इंडिया
जवाब देंहटाएंHre yaaar mne to PDA h Maheer booj rajput the sache bhaiyo m n to gujjar hu n hi rajput mne only PDA h ki Maheer booj rajput the
हटाएंगुर्जर प्रतिहार उस समय के राजपूत थे न कि वर्तमान गूजर उन्ही मैं से एक मिहिरभोज राजा हुए है वर्तमान गुर्जर उन्हें अपना वता रहे है यह गलत है
हटाएंHe was the rajput king.pratihars are the rajputs ( kshatriyas)
जवाब देंहटाएंAbe chutiya pehle rajput ka matlab to samajhle rajput ka matlab hota hai raja ka put (beta) ab ye bata kis raja ka put yadav raja ka put ya jaat raja ka put ya gurjar raja ka put ab tu hi bata inme se kis raja ke put ho tum log
हटाएंRajput koi caste he nhi h or ha rajkumar mtlb raja ka poot or rajput mtlb raja ki mje k liye rakkhi gyi patnio ka poot
हटाएंAGR APKO NHI PTA TO AP GWALIOR JAKR DEKHO JAHA YE SCULPTURE BNA HAI TRUST HO JAEGA
जवाब देंहटाएंमें लेखक से जानना चाहूंगा कि सम्राट मिहिर भोज गुर्जर प्रतिहार थे या राजपूत
जवाब देंहटाएं&The great power of india in 836-885
Gurjer suryavanshi ksatriya hai rajput title hai jo 7th century se lekar 11th century take Jo bhrahm raja thai WO rishivanshi rajput kahlaye Jo YADAV raja Thai WO yaduvanshi rajput kahlaye jaise bhaati jadon jadeja chudasama tomer Jo gurjer raja sent bane WO hair sisodiya kuswaha parihaar etcetc jaise gujjer mughal time mai gujraat mai Patel ya patidaar kahlaye hair an Patel ameer hair to WO apne aap ko gujjer nahi mante rajput bhi apne aap ko gujjer YADAV ya bhrahman nahi bolte an samay me sath title ne jati ka roop Le liya YADAV jaat gujjer air rajput sabhi vedic ksatriyo ke vanshaj hai
हटाएंRight...
हटाएंRight...
हटाएंगुर्जर थे
हटाएंप्रतिहार राजपूतों में लगता है शायद आप भूल गए और एक बात गुर्जर एक उपाधि जो उनके राज्य से उन्हें मिली थी,और जब उनके माता पिता राजपूत थे तो वह भी राजपूत ही हुवे ना
हटाएंHume bhi aapna baap batalo bheschor
हटाएंमे संजय भाटी हुसैनी मथुरा UP
जवाब देंहटाएंमिहिर भोज गुजर समाज से चुने आजाद राजा थे था था
था था था
मे संजय भाटी हुसैनी मथुरा UP
जवाब देंहटाएंमिहिर भोज गुजर समाज से चुने आजाद राजा थे था था
था था था
Gujjar Samrat Meherbhoj ki Jay
जवाब देंहटाएंMeherbhoj ek gujjar partihar raja te
Or jesko yaken nhe hota vo rastrkhabar dek lo you tube pe okkkk
Dinesh Gurjar Rajasthan
8769107703
मैं परमवीर भाटी ,मुझे अपने गुर्जर समाज पर गर्व है ा
जवाब देंहटाएंThe veer Gurjar
हटाएंSamrat Mihir Bhoj Mahan Raja king of India
जवाब देंहटाएंMuje garv h gurjar samaj pe and ase mahan samart raja pe
जवाब देंहटाएंMuje garv h gurjar samaj pe and ase mahan samart raja pe
जवाब देंहटाएंGood information
जवाब देंहटाएंmere desh ke goojro aap kisi samraat ko apna poorvj batane se pahle ek baar apna itihaas jaroor padhe kyonki aapke aadi me raje maharaja sashan naam ka kai ullekh nahi milega jabki shatriyo ke itihaas se to bharat ka itihaas suru hota he ek bar shatriyo ka itihas alag kar bharat ke itihaas ko padhane ki koshish kare shayad videshi aakrntao ke alawa kisi jaati ki veerta ka itihaas nahi milega isliye bina itihaas ki jaankari ke apne aap ko kisi ki oLAD batana bhudhimata nahi he
जवाब देंहटाएंAbe chutye narpat singh mahabharat main rajput shabd hi kaha hai pehle ye bata vo kshtriya the
हटाएंOr sun pratihar ka matlab hota hai pehredar (desh ka) ab tum log isko gotr bana rahe ho chaman chutya ho tum
हटाएंRajput ka matlab hota hai raja ka put lekin kis raja ka put hai ye to bata yadav raja ka put ya jaat raja ke put ya gurjar raja put
हटाएंOr tu raja ban raha hai desh ko gulaam bana diya tum log apne aap ko mihir mahan ka vanshaj batate ho sharm karo
हटाएंShiv ji b gujjar, bhrma b gujar, ram ji b gujjar, hanuman ji b gujjar, ravan b gujjar, sita mata b gujjar, baali sugriv b gujjar, krishan ji b gujjar, trump b gujjar modi b gujjar, sinzo abe b gujjar, mussaraf b gujjar, ab to kush ho jao tum to bhgwan k awtar ho
हटाएंShiv ji b gujjar, bhrma b gujar, ram ji b gujjar, hanuman ji b gujjar, ravan b gujjar, sita mata b gujjar, baali sugriv b gujjar, krishan ji b gujjar, trump b gujjar modi b gujjar, sinzo abe b gujjar, mussaraf b gujjar, ab to kush ho jao tum to bhgwan k awtar ho
हटाएंnarpat bhai apne history padhi thk se usme 13th century se phele rajput tha hi nh or gujjar vansh kha hai
हटाएंThe Gurjar is a great race of the world. Gurjars had been ruling the India since historical times, there some families were called Rajputs in medieval period. Rajput, Maratha, Jat and Ahir are heirs of the Khsatriyas. They are not foreigners. there is no community being called Khsatriya except us all. How that Khsatriyan race can be eliminated in which Ram and Krishna were born. All of us Rajput, Maratha, Jat and Ahirs are the stars whereas Gurjar is the Moon in the Khsatriyan sky. It is beyond human power to lessen the dignity of the Gurjars.. (Words By - Thakur Yashpal Singh Rajput)
हटाएं
हटाएं• कर्नल जेम्स टोड कहते है कि राजपूताना कहलाने वाले इस विशाल रेतीले प्रदेश अर्थात राजस्थान में, पुराने जमाने में राजपूत जाति का कोई चिन्ह नहीं मिलता परंतु मुझे सिंह समान गर्जने वाले गुर्जरों के शिलालेख मिलते हैं।
• प्राचीन काल से राजस्थान व गुर्जरात का नाम गुर्जरात्रा (गुर्जरदेश, गुर्जराष्ट्र) था जो अंग्रेजी शासन मे गुर्जरदेश से बदलकर राजपूताना रखा गया ।
तुमने एडिटिंग की है सम्राट की जगह गुर्जर सम्राट लगा दिया है पर लास्ट में परिहार रह गया इसे हटाना भूल गया।
जवाब देंहटाएंऔर परिहार राजपूत हैं ये सबको पता है।
खेत बेच के आये पैसे से इतिहास नही खरीद सकते तुम।
समझे
Arre yaar,gurjar pratihar khud gurjar laga ke gaye hai,humne nahi lagaya.
हटाएंUnke records gurjar to jagah jagah milta hai tu rajput ek jagah dikha de.
Aur baat rahi kshatriya ki to koi certificate to tumse chahiye nahi.koi bhi gurjar agar apni biography likhta hai to khud ko kshatriya hi likhega to kya uske marne ke 1000 saal baad tum usse apna purvaj bana loge.
Tumhare hisab se to jaat,gurjar ,yadav,kurmi,meena,arora,khatri,etc etc lagbagh 70% of hindus are shudra.tum hi ho ek shri ram ke vanshaj.jabki most of the modern historians have called your bluff.aur tumhari ek mixed caste utpati batayi hai.
Jara rajasthani rajput or himachali rajput ko saath bithao antar saaf nazar aayegaa.
Aur ram mandir todne wale muglo ki tumne kaise tan man dhan se seva ki thi wo to legendary hai. Jodha bai,nathi bai,baijilal raj kunwari,harka bai,hira kunwari,rukmawati baiji lal sahiba.
हटाएंArre khud maharana ka saga bhai shakti singh naukari karta tha muglo ki .aur aaj dekho sab ke sab bhagat bane baithe hai maharana pratap ke
Aur parihar par apka koi copyright nahi hai.rajput gurjar ki to baat chodho parihar to jaato mei bhi hote hai.jaise jat reservation committee ke poorva vice president H P SINGH PARIHAR.
हटाएंThe Gurjar is a great race of the world. Gurjars had been ruling the India since historical times, there some families were called Rajputs in medieval period. Rajput, Maratha, Jat and Ahir are heirs of the Khsatriyas. They are not foreigners. there is no community being called Khsatriya except us all. How that Khsatriyan race can be eliminated in which Ram and Krishna were born. All of us Rajput, Maratha, Jat and Ahirs are the stars whereas Gurjar is the Moon in the Khsatriyan sky. It is beyond human power to lessen the dignity of the Gurjars.. (Words By - Thakur Yashpal Singh Rajput)
हटाएंKyo tanne hi history yaad h k saari .
हटाएंKuch kahne se pehle 10 bar soch liya kar ki kya kehna h kya nhi😡😡😡😡😡
गुर्जर सम्राट राजा मिहिर भोज जी के इतिहास को कोई छुपा नहीं सकता आने वाले समय में आप सभी यह जान जाएंगे राजा मिहिर भोज राजपूत थे या गुर्जर सम्राट है फिर भी आपको गुर्जर जाति के बारे में थोड़ा कुछ बता देता हूं करीबन 400 साल पूरे अखंड भारत पर राजा मिहिर भोज जी का वर्चस्व रहा जब तक गुर्जर सम्राट अखंड भारत पर शासन करते रहे तब तक भारत कभी गुलाम नहीं हुआ मुगलों से उन्होंने टक्कर ली और मुगलों को भारत में घुसने नहीं दिया 3600000 के चहुमुखी सेना अखंड भारत की रक्षा करती थी जिससे यह साबित होता है राजा मिहिर भोज सभी बिरादरियों के राजा थे क्योंकि सेना के अंदर सभी बिरादरी के लोग थे इसके साथ मैं अभी बता देता हूं की उस समय पूरे भारत मैं केवल हिंदू थे तो यह सनातन धर्म के रक्षक भी थे इन्होंने अनेकों मंदिर बनवाए जो आज भी भारत में अनेकों स्थानों पर मौजूद है मुरैना के अंदर 200 मंदिरों की संख्या आज भी मौजूद है 200 मंदिर एक साथ पूरे भारत में केवल मध्यप्रदेश के मुरैना में स्थित है इससे यह साबित होता है यह धर्म रक्षक भी थे गुलामी के समय जब कुछ लोग अंग्रेजो के साथ मिलकर भारत की सत्ता और भारत के भू भाग पर कब्जा कर रहे थे उस समय गुर्जर समाज भारत की आजादी की लड़ाई लड़ रहा था गांव के गांव आजादी के लड़ाई में अपनी आहुति दे रहे थे लाखों गुर्जरों का जीवन समाप्त हो गया 1857 की क्रांति में धन सिंह कोतवाल का सबसे महत्वपूर्ण योगदान था तीस हजारी में हजारों गुर्जरों को फांसी पर लटका दिया गया भारत के अंदर अनेकों जातियां थे फिर भी क्रिमिनल जाति का टैग गुर्जरों को ही दिया गया इससे यह साबित होता है अंग्रेज सबसे ज्यादा गुर्जरों से नफरत करते थे उसका सिर्फ एकमात्र कारण था हमारे राजाओं ने कभी गुलाम नहीं स्वीकार की ना गुर्जर समाज ने अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार की हम अंग्रेजों से लड़े जैसे कि आप जानते हैं गुर्जर संस्कृत का शुद्ध शब्द है और गुर्जर का मतलब शत्रुओं का नाश करने वाला इससे यही साबित होता है कि हम हमेशा अपने शत्रुओं का नाश करते हैं उसी प्रकार गुलामी के समय अंग्रेज हमारे शत्रु थे और हमने उनका नाश किया जिसके कारण अंग्रेज हमें अपना सबसे बड़ा शत्रु मानते थे और उसी के कारण सौ साल तक हमें क्रिमिनल जाति का टैग दे दिया गया मैं यह नहीं कहता कि अन्य जातियों ने आजादी की लड़ाई में योगदान नहीं दिया है योगदान सभी का रहा है लेकिन गुर्जर समाज अंग्रेजों से लड़े भी और कभी गुलामी स्वीकार नहीं करी जिसके कारण हमें जंगलों में पहाड़ों में और जहां जीना बहुत कठिन है जहां पर आने जाने का साधन उपलब्ध नहीं है रास्ते नहीं है भोजन नहीं खेत नहीं जमीन नहीं तो सो जाओ आपने अपना जीवन कैसे बिताया होगा ऐसी जगह को हमने अपना घर बनाया और कठिनाइयों में अपना जीवन बिताया आज गुर्जर समाज शिक्षित भी है विकसित भी है धन से संपन्न भी हैं और यह हमने कोई भीख में नहीं लिया है हम पहले भी राजा थे हम दिल के आज भी राजा हैं और सदा राजा रहेंगे गुर्जर ने जिस से दोस्ती की है तो अपनी जान देकर दोस्ती निभाई है और जिस से दुश्मनी करी है अपनी जान देकर दुश्मनी निभाई है गुर्जर समाज अब अपने इतिहास को समझ रहा है पढ़ रहा है और 1 दिन ऐसा आएगा जब अन्य जातियां भी गुर्जर समाज के दिए हुए योगदान को समझेंगे और उनका वह भरम टूट जाएगा जो आज उनके दिमाग में हम श्रेष्ठ थे हम श्रेष्ठ है और हम श्रेष्ठ रहेंगे और राजपूत भाइयों मैं आपको एक चीज बताना चाहता हूं आप हमारे भाई हैं इसलिए बेकार की बातों में ना पड़े राजपूत कोई धर्म नहीं है राजपूत कोई जात नहीं है राजपूत एक पदवी है जो उस समय राजाओं के परिवार के युवाओं को राजपूत की पदवी दी जाते थे क्षत्रिय और राजपूत यह केवल पदवी है ना की कोई जात है और ना कोई धर्म है तो भाइयों इस भ्रम से बाहर आ जाओ पृथ्वीराज चौहान भी गुजर थे आजकल राजपूत एक जात समझकर कुछ जातियां अपनी जाति के इतिहास को गौरवशाली दिखाने के लिए ऐसी चीजों को अपने साथ जोड़ रहे हैं जो उनकी है ही नहीं और बाद में वह हंसी के पात्र बनते हैं अगर आपको कोई बात करनी है तो तथ्य के साथ करे करो जिससे कि आप हंसी के पात्र ना बने जय राजा मिहिर भोज जय श्री राम गुर्जर भगवान श्री राम लक्ष्मण जी के वंशज है हम सूर्यवंशी हैं और सनातन धर्म के रक्षक हैं नाम सतीश बैंसला जय श्री राम
हटाएंgoojari ki choot jama hi kasoot , saale rakhelputro Tughluq Khilji se apni ladkiyon ki choot laal karvaane wale goojar aaj raja ban rhe hai . kadi apni behen kimere dhore bhej uska mahal main banaunga choot maar maar kar
हटाएंRohilla kon hove
जवाब देंहटाएंRohilla kon hove
जवाब देंहटाएंRohilla kon hove
जवाब देंहटाएंराजपूतों ने देश को गुलाम कर वा दिया था देश मैं राजपूतों और मराठों के पतन के कारण क्या थे जब राजपूत वंश ख़तम हो रहा था तो किसने बाचाय था उस समय कहाँ थे राजपूत राजपूतों को तो अपना इतिहास याद भी नहीं करना चाहिए भंसाली ने पद्मावती को सरेआम बार डांसर बना दिया उस समय कहाँ थे राजपूत ज्यादा नहीं थोड़ी sharm कारो यार जब तुम एक भंसाली को काबू ना कर सके तो देश पर क्या राज करोगे
जवाब देंहटाएंShiv ji b gujjar, bhrma b gujar, ram ji b gujjar, hanuman ji b gujjar, ravan b gujjar, sita mata b gujjar, baali sugriv b gujjar, krishan ji b gujjar, trump b gujjar modi b gujjar, sinzo abe b gujjar, mussaraf b gujjar, ab to kush ho jao tum to bhgwan k awtar ho
हटाएंgoojari ki choot jama hi kasoot , saale rakhelputro Tughluq Khilji se apni ladkiyon ki choot laal karvaane wale goojar aaj raja ban rhe hai . kadi apni behen kimere dhore bhej uska mahal main banaunga choot maar maar kar
हटाएंUs samay ye jagiro ke khatir apni betiya biha rahe the ram mandir todne wale muglo ke saath.nathi bai baiji lal raj kunwari,jodha bai ,harka bai etc etc
जवाब देंहटाएंAaj Maharana ke bhagat bante hai par us samay maharana to bhilo ko saath lekar jangalo me pade the ye baithe the muglo ki gode mein.maharana ka khud ka saga bhai naukar tha muglo ka.
goojari ki choot jama hi kasoot , saale rakhelputro Tughluq Khilji se apni ladkiyon ki choot laal karvaane wale goojar aaj raja ban rhe hai . kadi apni behen kimere dhore bhej uska mahal main banaunga choot maar maar kar
हटाएंAbe chutiya insaan rajputo ke ruler ko churane vale ...mihirboj ke region jaha vo rule krta tha uska name tha gurjara naki vo gujjar the ...vo parihar rajput the ...jake google krle ...bhai tumhari bhi chori ki hadd h tum to thode din me maharana pratap ko bhi gurjar bna lena bhaj
जवाब देंहटाएंShiv ji b gujjar, bhrma b gujar, ram ji b gujjar, hanuman ji b gujjar, ravan b gujjar, sita mata b gujjar, baali sugriv b gujjar, krishan ji b gujjar, trump b gujjar modi b gujjar, sinzo abe b gujjar, mussaraf b gujjar, ab to kush ho jao tum to bhgwan k awtar ho beichodo.
जवाब देंहटाएंLoduo bhes choro itihas chura re ho
जवाब देंहटाएंमुझे गुर्जर समाज पर गर्व है
जवाब देंहटाएंGujjar is best
जवाब देंहटाएंKis kam ke liye best
हटाएंगुर्जर प्रतिहार फोर फादर ऑफ़ राजपूत
जवाब देंहटाएंगुर्जर प्रतिहार राजपूत कबीले के पूर्व पिता हैं
Gurajr Pratiharas are the fore father of rajput clan
इतिहासकार सर जर्वाइज़ एथेलस्टेन बैनेस ने गुर्जर को सिसोदियास, चौहान, परमार, परीर, चालुक्य और राजपूत के पूर्वज थे।
गुर्जर लेखक के एम मुंशी ने कहा कि प्रतिहार, परमार और सोलंकी शाही गुज्जर वंश के थे।
विन्सेंट स्मिथ का मानना था कि गुर्जर वंश, जिसने 6 वीं से 11 वीं शताब्दी तक उत्तरी भारत में एक बड़े साम्राज्य पर शासन किया था, और शिलालेख में "गुर्जर-प्रतिहार" के रूप में उल्लेख किया गया है, निश्चित रूप से गुर्जरा मूल का था।
स्मिथ ने यह भी कहा कि अन्य उत्पनीला क्षत्रिय कुलों की उत्पत्ति होने की संभावना है।
डॉ के। जमानदास यह भी कहते हैं कि प्रतिहार वंश गुर्जरों से निकला है, और यह "एक मजबूत धारणा उठाता है कि अन्य राजपूत समूह भी गुर्जरा या संबद्ध विदेशी आप्रवासियों के वंशज हैं।
डॉ० आर० भण्डारकर प्रतिहारों की गुर्जरों से उत्पत्ति मानते हुए अन्य अग्निवंशीय राजपूतों को भी विदेशी उत्पत्ति का कहते हैं।
नीलकण्ठ शास्री विदेशियों के अग्नि द्वारा पवित्रीकरण के सिद्धान्त में विश्वास करते हैं क्योंकि पृथ्वीराज रासो से पूर्व भी इसका प्रमाण तमिल काव्य 'पुरनानूर' में मिलता है। बागची गुर्जरों को मध्य एशिया की जाति वुसुन अथवा 'गुसुर 'मानते हैं क्योंकि तीसरी शताब्दी के अबोटाबाद - लेख में 'गुशुर 'जाति का उल्लेख है।
जैकेसन ने सर्वप्रथम गुर्जरों से अग्निवंशी राजपूतों की उत्पत्ति बतलाई है। पंजाब तथा खानदेश के गुर्जरों के उपनाम पँवार तथा चौहान पाये जाते हैं। यदि प्रतिहार व सोलंकी स्वयं गुर्जर न भी हों तो वे उस विदेशी दल में भारत आये जिसका नेतृत्व गुर्जर कर रहे थे।
Gurajr Pratiharas are the fore father of rajput clan
राजपूत गुर्जर-प्रतिहार साम्राज्य के सामंत थेIगुर्जर-साम्राज्य के पतन के बाद इन लोगों ने स्वतंत्र राज्य स्थापित किएI
shilalekha se bada koi proof nh 💪
नीलकुण्ड, राधनपुर, देवली तथा करडाह शिलालेख में प्रतिहारों को गुर्जर कहा गया है।
राजौर शिलालेख में प्रतिहारों को गुर्जर कहा गया है।। बादामी के चालुक्य नरेश पुलकेशियन द्वितीय के एहोल अभिलेख में गुर्जर जाति का उल्लेख आभिलेखिक रूप से सर्वप्रथम रूप से हुआ है।
गुर्जर जाति का एक शिलालेख राजोरगढ़ (अलवर जिला) में प्राप्त हुआ है
)। मार्कंदई पुराण और पंचतंत्र में, गुर्जर जनजाति का एक संदर्भ है।
समकालीन अरब यात्री सुलेमान ने गुजरर सम्राट मिहिरभोज को भारत में इस्लाम का सबसे बड़ा दुश्मन करार दिया गया था, क्योंकि नवजात राजाओं ने 10 वीं सदी तक इस्लाम को भारत में घुसने नहीं दिया था। मिहिरभोज के पौत्र महिपाल को आर्यवृत्त का महान सम्राट कहा जाता था। गुर्जर संभवतः हुनों और कुषाणों की नई पहचान थीं तो हुनों और पर्वत का समय गुर्जरों ने हिन्दू धर्म और संस्कृति के संरक्षण और विकास में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, इस कारण से इनके सम्राट मिहिरकुलहुन औरमिहिरभोज गुर्जर को समकालीन हिंदू समाज द्वारा अवतारी पुरुष के रूप में देखा जाना आश्चर्य नहीं होगा। सचमुच सम्राट मिहिरकुल सम्राट अशोक से भी महान थे।
मेहरौली, जिसे पहले मिहिरावाली के नाम से जाना जाता था, का मतलब मिहिर का घर, गुर्जर-प्रतिहार वंश के राजा मिहिर भोज द्वारा स्थापित किया गया था।
मेहरौली उन सात प्राचीन शहरों में से एक है जो दिल्ली की वर्तमान स्थिति बनाते हैं। लाल कोट किला का निर्माण गुर्जर तनवार प्रमुख अंंगपाल प्रथम द्वारा 731 के आसपास किया गया था और 11 वीं शताब्दी में अनांगपाल द्वितीय द्वारा विस्तारित किया गया था, जिसने अपनी राजधानी को कन्नौज से लाल कोट में स्थानांतरित कर दिया था। गुर्जर तनवार 12 वीं शताब्दी में चौहानों द्वारा पराजित हुए थे। पृथ्वीराज चौहान ने किले का विस्तार किया और इसे किला राय पिथोरा कहा। उन्हें 11 9 2 में मोहम्मद घोरी ने पराजित किया, जिन्होंने अपना सामान्य कुतुब-उद-दीन अयबाक को प्रभारी बना दिया और अफगानिस्तान लौट आया।.................
इतिहासकार डॉ ऑगस्टस होर्नले का मानना है कि तोमर गुर्जरा (या गुज्जर) के शासक वंश में से एक थे।
राम सरप जून लिखते हैं कि ... गुजराती इतिहास के लेखक अब्दुल मलिक मशर्मल लिखते हैं कि गुजर इतिहास के लेखक जनरल सर ए कनिंघम के अनुसार, कानाउज के शासकों गुजर (गुजर पी -213 का इतिहास) 218)। उनका गोत्रा तोमर था और वे हुन चीफ टोरमन के वंशज हैं।
ab rajput tm dikhao shilalekha hona chaiye ko lekh nh googal par koi kuch bhi bna dta bina proof ke koi kuch bhi likh dta hai, par shilalekha se bada koi proof nh hai sirf shilalekha 13 century phele ka ho
Gujjar hi gujjar
जवाब देंहटाएंKin murkho ko samjha rhe, Ho jo samajhna hi nhi chahte h
जवाब देंहटाएंGurjar is great
जवाब देंहटाएंJay Dev Narayan jay gurjar
जवाब देंहटाएंराजा मिहिर भोज की ग्वालियर प्रशस्ति में वि. सं. 900 में प्रतिहार राजपूतों को सुमित्रा पुत्र लक्ष्मण का वंशज बताया गया है।
जवाब देंहटाएंसौमित्रिस्तिव्रदंड : प्रतिहरण विधेर्य: प्रतिहार आसीत।।
बाउक प्रतिहार के नौवीं शताब्दी के शिलालेखानुसार --
स्वभ्राता रामभद्रस्य प्रतिहायॆ कृतयत:।।
श्री प्रतिहार बडशोययतशचोतिमानुयात।।
मित्रों ऐसे हजारों शिलालेखों और अभिलेखों मे प्रतिहार राजपूतों को सूर्यवंशी क्षत्रिय बताया है। क्योंकि अग्नि और सूर्य एक समान है जिस कारण ही प्रतिहार/परिहार राजपूत अग्निवंशी भी कहलाते है। पर यह मूलतः सूर्यवंशी क्षत्रिय है।
वीर गुर्जर - प्रतिहार राजाओ के ऐतिहासिक अभिलैख प्रमाण
हटाएंप्रतिहार एक उपाधि(tital) थी जो राष्ट्रकूट राजा ने गुर्जर राजा को दी थी👇👇👇👇👇👇👇
1. सज्जन ताम्रपत्र (871 ई. ) :---
अमोघ वर्ष शक सम्वत
793 ( 871 ई . ) का
सज्जन ताम्र पञ ) :---- I
इस ताम्रपत्र अभिलेख मे लिखा है। कि राष्ट्र कूट शासक दन्तिदुर्ग ने 754 ई. मे "हिरण्य - गर्भ - महादान " नामक यज्ञ किया अवांछित और खंडित दासवतारा गुफा शिलालेख का उल्लेख है कि दांतिदुर्ग ने उज्जैन में उपहार दिए थे और राजा का शिविर गुर्जरा महल उज्जैन में स्थित था (मजूमदार और दासगुप्त, भारत का एक व्यापक इतिहास)।
अमोगवरास (साका संवत 793 = एडी 871) के संजन तांबे की प्लेट शिलालेख दांतिदुर्ग को उज्जैनिस दरवाजे के रखवाले (एल, वॉल्यूम XVIII, पृष्ठ 243,11.6-7)तो इस शुभ अवसर पर गुर्जर आदि राजाओ ने यज्ञ की सफलता पूर्वक सचालन हेतु यज्ञ रक्षक ( प्रतिहार ) का कार्य किया । ( अर्थात यज्ञ रक्षक प्रतिहारी का कार्य किया )और प्रतिहार नाम दिया
( " हिरणय गर्भ राज्यनै रुज्जयन्यां यदसितमा प्रतिहारी कृतं येन गुर्जरेशादि राजकम " )
2. सिरूर शिलालेख ( :----
यह शिलालेख गोविन्द - III के गुर्जर नागभट्ट - II एवम राजा चन्द्र कै साथ हुए युद्ध के सम्बन्ध मे यह अभिलेख है । जिसमे " गुर्जरान " गुर्जर राजाओ, गुर्जर सेनिको , गुर्जर जाति एवम गुर्जर राज्य सभी का बोध कराता है।
( केरल-मालव-सोराषट्रानस गुर्जरान )
{ सन्दर्भ :- उज्जयिनी का इतिहास एवम पुरातत्व - दीक्षित - पृष्ठ - 181 }
3. बडोदा ताम्रपत्र ( 811 ई.) :---
कर्क राज का बडोदा ताम्रपत्र शक स. 734 ( 811-812 ई ) इस अभिलेख मे गुर्जरैश्वर नागभट्ट - II का उल्लेख है ।
( गोडेन्द्र वगपति निर्जय दुविदग्ध सद गुर्जरैश्वर -दि गर्गलताम च यस्या नीतवा भुजं विहत मालव रक्षणार्थ स्वामी तथान्य राज्यदद फलानी भुडक्तै" )
{ सन्दर्भ :- इडियन एन्टी. भाग -12 पृष्ठ - 156-160 }
4. बगुम्रा-ताम्रपत्र ( 915 ई. )
इन्द्र - तृतीय का बगुम्रा -ताम्र पत्र शक सं. 837 ( 915 ई )
का अभिलेख मे गुर्जर सम्राट महेन्द्र पाल या महिपाल को दहाड़ता गुर्जर ( गर्जदै गुर्जर - गरजने वाला गुर्जर ) कहा गया है ।
( धारासारिणिसेन्द्र चापवलयै यस्येत्थमब्दागमे । गर्जदै - गुर्जर -सगर-व्यतिकरे जीणो जनारांसति।)
{ सन्दर्भ :-
1. बम्बई गजेटियर, भाग -1 पृष्ट - 128, नोट -4
2. उज्जयिनी इतिहास तथा पुरातत्व, दीक्षित - पृष्ठ - 184 -185 }
5. खुजराहो अभिलेख ( 954 ई. ) :----
चन्दैल धगं का वि. स . 1011 ( 954 ई ) का खुजराहो शिलालैख सख्या -2 मे चन्देल राजा को मरु-सज्वरो गुर्जराणाम के विशेषण से सम्बोधित किया है ।
( मरू-सज्वरो गुर्जराणाम )
{ एपिग्राफिक इडिका - 1 पृष्ठ -112- 116 }
6. गोहखा अभिलेख :--
चैदिराजा कर्ण का गोहखा अभिलैख मे गुर्जर राजा को चेदीराजालक्ष्मणराजदैव दवारा पराजित करने का उल्लेख किया गया हे ।
( बगांल भगं निपुण परिभूत पाण्डयो लाटेरा लुण्ठन पटुज्जिर्जत गुज्जॆरेन्द्र ।
काश्मीर वीर मुकुटाचित पादपीठ स्तेषु क्रमाद जनि लक्ष्मणराजदैव )
{ सन्दर्भ :- 1. एपिग्राफिक इडिका - 11 - पृष्ठ - 142
2. कार्पस जिल्द - 4 पृष्ठ -256, श्लोक - 8 }
7. बादाल स्तम्भ लैख:--
नारायण पाल का बादाल सत्म्भ लैख के श्लोक संख्या 13 के अनुसार गुर्जर राजा राम भद्रदैव ( गुर्जर - नाथ) के समय दैवपाल ने गुर्जर- प्रतिहार के कुछ प्रदेश पर अधिकार कर लिया था ।
( उत्कीलितोत्कल कुलम हत हूण गर्व खव्वीकृत द्रविड गुर्जर-नाथ दप्पर्म )
{ सन्दर्भ :--एपिग्राफिक इडिका - 2 पृष्ठ - 160 - श्लोक - 13 }
8. राजोरगढ अभिलेख ( 960 ई. ) :--
गुजॆर राजा मथन दैव का वि. स. ( 960 ई ) का राजोर गढ ( राज्यपुर ) अभिलेख मे महाराज सावट के पुत्र गुर्जर प्रतिहार मथनदैव को गुर्जर वंश शिरोमणी तथा समस्त जोतने योग्य भूमि गुर्जर किसानो के अधीन उल्लेखित है ।
( श्री राज्यपुराव सिथ्तो महाराजाधिराज परमैश्वर श्री मथनदैवो महाराजाधिरात श्री सावट सूनुग्गुज्जॆर प्रतिहारान्वय ...... स्तथैवैतत्प्रतयासन्न श्री गुज्जॆर वाहित समस्त क्षैत्र समेतश्च )
ब्रह्मवैवर्त पुराण के ब्रह्म खण्ड में एक श्लोक है -
हटाएंक्षत्रात्करणकन्यायां राजपुत्रो बभूव ह”
अर्थात् क्षत्रिय पुरुष से करण कन्या में जो पुत्र पैदा होवे उसे राजपूत कहते हैं।
वैश्य पुरुष और शूद्र कन्या से उत्पन्न हुए को करण कहते हैं और ऐसी करण कन्या से क्षत्रिय के सम्बन्ध से राजपुत्र (राजपूत) पैदा हुआ।
सुप्रसिद्ध इतिहासज्ञ व संस्कृत के विद्वान् पं० चिन्तामणि विनायक वैद्य के मतानुसार ई० सन् 800 से 1100 के बीच राजपुत्र बने हैं।
प्राचीन ग्रन्थों में न तो राजपूत जाति का उल्लेख है और न राजपूताने* का।
Rajkumar or rajpoot me frk hota h hum rajkumar h tum rajpoot ho to tum bhi gujjar ki he aulad lekin tumhari maa dassi thi or man jao is bat ko
जवाब देंहटाएंब्रह्मवैवर्त पुराण के ब्रह्म खण्ड में एक श्लोक है -
हटाएंक्षत्रात्करणकन्यायां राजपुत्रो बभूव ह”
अर्थात् क्षत्रिय पुरुष से करण कन्या में जो पुत्र पैदा होवे उसे राजपूत कहते हैं।
वैश्य पुरुष और शूद्र कन्या से उत्पन्न हुए को करण कहते हैं और ऐसी करण कन्या से क्षत्रिय के सम्बन्ध से राजपुत्र (राजपूत) पैदा हुआ।
सुप्रसिद्ध इतिहासज्ञ व संस्कृत के विद्वान् पं० चिन्तामणि विनायक वैद्य के मतानुसार ई० सन् 800 से 1100 के बीच राजपुत्र बने हैं।
प्राचीन ग्रन्थों में न तो राजपूत जाति का उल्लेख है और न राजपूताने* का।
goojari ki choot jama hi kasoot , saale rakhelputro Tughluq Khilji se apni ladkiyon ki choot laal karvaane wale goojar aaj raja ban rhe hai . kadi apni behen kimere dhore bhej uska mahal main banaunga choot maar maar kar
हटाएंगुर्जर-प्रतिहार वंश, जिसे प्रतिहार साम्राज्य के रूप में भी जाना जाता है, एक भारतीय शक्ति थी, जिसने 7 वीं से 12 वीं शताब्दी के मध्य तक उत्तरी भारत पर बहुत शासन किया था। शासक गुर्जर जाति के सदस्य थे जिसमे तोंवर(तंवर,तोंगड़)चौहान/चंदेला/चालुक्य/चपराना(राना)
जवाब देंहटाएं/चावड़ा/परमार(पवार)सोलंकी/गुहिलोत/खटाना/रावल और भारत को 500 साल बाहरी आक्रमणकारियों से बचाया
अरब यात्री सुलेमान ने अपनी पुस्तक सिलसिलीउत तुआरीख 851 ईस्वीं में लिखी जब वह भारत भ्रमण पर आया था। सुलेमान गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के बारे में लिखता है कि गुर्जर सम्राट की बड़ी भारी सेना है। उसके समान किसी राजा के पास उतनी बड़ी सेना नहीं है। सुलेमान ने यह भी लिखा है कि भारत में गुर्जर सम्राट मिहिर भोज से बड़ा इस्लाम का कोई शत्रू नहीं था । मिहिर भोज के साम्राज्य का विस्तार आज के मुलतान से पश्चिम बंगाल तक और कश्मीर से कर्नाटक तक था
गुर्जर हिंदू धर्म के अनुयायी थे। गुर्जर की कुछ संतान को बाद में राजपूतों के रूप में जाना जाने लगा। उन्होंने पहले उज्जैन और बाद में कन्नौज पर शासन किया।
महरौली को पहले मिहिरवाली के रूप में जाना जाता था, जिसका अर्थ है 'मिहिर का घर' और इसकी स्थापना गुर्जर सम्राट मिहिर भोज द्वारा की गई थी, जो गुर्जर-प्रतिहार वंश महरौली उन 7 प्राचीन शहरों में से एक है जो वर्तमान दिल्ली राज्य को बनाते हैं। लाल कोटे का किला गुर्जर राजा अनंगपाल तंवर I द्वारा 731 ईस्वी के आसपास बनाया गया था और 11 वीं शताब्दी में अनंगपाल I द्वारा विस्तारित किया गया था।
वीर गुर्जर - प्रतिहार राजाओ के ऐतिहासिक अभिलैख प्रमाण
जवाब देंहटाएंप्रतिहार एक उपाधि(tital) थी जो राष्ट्रकूट राजा ने गुर्जर राजा को दी थी👇👇👇👇👇👇👇
1. सज्जन ताम्रपत्र (871 ई. ) :---
अमोघ वर्ष शक सम्वत
793 ( 871 ई . ) का
सज्जन ताम्र पञ ) :---- I
इस ताम्रपत्र अभिलेख मे लिखा है। कि राष्ट्र कूट शासक दन्तिदुर्ग ने 754 ई. मे "हिरण्य - गर्भ - महादान " नामक यज्ञ किया अवांछित और खंडित दासवतारा गुफा शिलालेख का उल्लेख है कि दांतिदुर्ग ने उज्जैन में उपहार दिए थे और राजा का शिविर गुर्जरा महल उज्जैन में स्थित था (मजूमदार और दासगुप्त, भारत का एक व्यापक इतिहास)।
अमोगवरास (साका संवत 793 = एडी 871) के संजन तांबे की प्लेट शिलालेख दांतिदुर्ग को उज्जैनिस दरवाजे के रखवाले (एल, वॉल्यूम XVIII, पृष्ठ 243,11.6-7)तो इस शुभ अवसर पर गुर्जर आदि राजाओ ने यज्ञ की सफलता पूर्वक सचालन हेतु यज्ञ रक्षक ( प्रतिहार ) का कार्य किया । ( अर्थात यज्ञ रक्षक प्रतिहारी का कार्य किया )और प्रतिहार नाम दिया
( " हिरणय गर्भ राज्यनै रुज्जयन्यां यदसितमा प्रतिहारी कृतं येन गुर्जरेशादि राजकम " )
2. सिरूर शिलालेख ( :----
यह शिलालेख गोविन्द - III के गुर्जर नागभट्ट - II एवम राजा चन्द्र कै साथ हुए युद्ध के सम्बन्ध मे यह अभिलेख है । जिसमे " गुर्जरान " गुर्जर राजाओ, गुर्जर सेनिको , गुर्जर जाति एवम गुर्जर राज्य सभी का बोध कराता है।
( केरल-मालव-सोराषट्रानस गुर्जरान )
{ सन्दर्भ :- उज्जयिनी का इतिहास एवम पुरातत्व - दीक्षित - पृष्ठ - 181 }
3. बडोदा ताम्रपत्र ( 811 ई.) :---
कर्क राज का बडोदा ताम्रपत्र शक स. 734 ( 811-812 ई ) इस अभिलेख मे गुर्जरैश्वर नागभट्ट - II का उल्लेख है ।
( गोडेन्द्र वगपति निर्जय दुविदग्ध सद गुर्जरैश्वर -दि गर्गलताम च यस्या नीतवा भुजं विहत मालव रक्षणार्थ स्वामी तथान्य राज्यदद फलानी भुडक्तै" )
{ सन्दर्भ :- इडियन एन्टी. भाग -12 पृष्ठ - 156-160 }
4. बगुम्रा-ताम्रपत्र ( 915 ई. )
इन्द्र - तृतीय का बगुम्रा -ताम्र पत्र शक सं. 837 ( 915 ई )
का अभिलेख मे गुर्जर सम्राट महेन्द्र पाल या महिपाल को दहाड़ता गुर्जर ( गर्जदै गुर्जर - गरजने वाला गुर्जर ) कहा गया है ।
( धारासारिणिसेन्द्र चापवलयै यस्येत्थमब्दागमे । गर्जदै - गुर्जर -सगर-व्यतिकरे जीणो जनारांसति।)
{ सन्दर्भ :-
1. बम्बई गजेटियर, भाग -1 पृष्ट - 128, नोट -4
2. उज्जयिनी इतिहास तथा पुरातत्व, दीक्षित - पृष्ठ - 184 -185 }
5. खुजराहो अभिलेख ( 954 ई. ) :----
चन्दैल धगं का वि. स . 1011 ( 954 ई ) का खुजराहो शिलालैख सख्या -2 मे चन्देल राजा को मरु-सज्वरो गुर्जराणाम के विशेषण से सम्बोधित किया है ।
( मरू-सज्वरो गुर्जराणाम )
{ एपिग्राफिक इडिका - 1 पृष्ठ -112- 116 }
6. गोहखा अभिलेख :--
चैदिराजा कर्ण का गोहखा अभिलैख मे गुर्जर राजा को चेदीराजालक्ष्मणराजदैव दवारा पराजित करने का उल्लेख किया गया हे ।
( बगांल भगं निपुण परिभूत पाण्डयो लाटेरा लुण्ठन पटुज्जिर्जत गुज्जॆरेन्द्र ।
काश्मीर वीर मुकुटाचित पादपीठ स्तेषु क्रमाद जनि लक्ष्मणराजदैव )
{ सन्दर्भ :- 1. एपिग्राफिक इडिका - 11 - पृष्ठ - 142
2. कार्पस जिल्द - 4 पृष्ठ -256, श्लोक - 8 }
7. बादाल स्तम्भ लैख:--
नारायण पाल का बादाल सत्म्भ लैख के श्लोक संख्या 13 के अनुसार गुर्जर राजा राम भद्रदैव ( गुर्जर - नाथ) के समय दैवपाल ने गुर्जर- प्रतिहार के कुछ प्रदेश पर अधिकार कर लिया था ।
( उत्कीलितोत्कल कुलम हत हूण गर्व खव्वीकृत द्रविड गुर्जर-नाथ दप्पर्म )
{ सन्दर्भ :--एपिग्राफिक इडिका - 2 पृष्ठ - 160 - श्लोक - 13 }
8. राजोरगढ अभिलेख ( 960 ई. ) :--
गुजॆर राजा मथन दैव का वि. स. ( 960 ई ) का राजोर गढ ( राज्यपुर ) अभिलेख मे महाराज सावट के पुत्र गुर्जर प्रतिहार मथनदैव को गुर्जर वंश शिरोमणी तथा समस्त जोतने योग्य भूमि गुर्जर किसानो के अधीन उल्लेखित है ।
( श्री राज्यपुराव सिथ्तो महाराजाधिराज परमैश्वर श्री मथनदैवो महाराजाधिरात श्री सावट सूनुग्गुज्जॆर प्रतिहारान्वय ...... स्तथैवैतत्प्रतयासन्न श्री गुज्जॆर वाहित समस्त क्षैत्र समेतश्च )
मिहिर भोज एक राजपूत राजा थे ना कि गुज्जर
हटाएंराजपूतो का इतिहास क्षत्रिय
1 डॉ. गोरीशंकर हीराचंद ओझा
2 विंध्यक्षेत्र के प्रतीहार वंश का ऐतिहासिक अनुशीलन डॉ. अनूपमसिंह
3 भारत के प्रहरी प्रतीहार डॉ. विंध्यराज चौहान
4 प्राचीन भारत का इतिहास डॉ. विमल चंद पाण्डे
5 उचेहरा नागोद का पप्रतीहार राज्य प्रो.ऐ. एच. निजामी
6 राजस्थान का इतिहास डॉ. गोपी नाथ शर्मा ।।
7 प्रतीहार राजपूतो का इतिहास (मंडोवर से नागोद सातवी सदी से विसवी सदी तक ) लेखक राम लखन सिंह।
इन सभि इतिहास करो और बड़े बड़े बुध्दिजीवी ने यही स्पष्ठ किया है इनकी किताबो में की प्रतीहार वंश का गुर्जर जाती से कोई ताल्लुक नही है गुर्जरदेश गुजरात्रा पे राज करने के कारण एव गुर्जदेश को उखाड़ फेंकने के बाद वहा राज्य करने के कारण गुर्जरप्रतिहार वंश या गुरजेश्वर कहलाये इनकी जाती पहले गोच्चर थी मतला पशुपालन पशुओं को चराना।।
प्रतिहारो की उपाधि गुर्जर
कन्नौज के प्रतिहारो सम्राटों समकालीन राष्ट्रकूटों बिहार और बंगाल के पॉल शाशको के लिए अरब लेखको ने गुर्जर एव गुरजेश्वर के विरुद्ध पप्रयुक्त किये है किंतु प्रश ये है कि गुर्जर सब्द जाती शुचक है या देश सूचक चीनी यात्री हैंनसांग (629-645.ई) किउ-चेलो गुर्जर नामक एक देश का उल्लेख करता है इसकी राजधानी पिलो मिलो भिलमाल आधुनिक (श्रीमाल) थी ओर यहाँ का राजा बड़ा धर्मात्मा था । वाणर्भट्ट ने हर्पचरित् में प्रभाकरवर्द्धन की दिग्विजय के संबंध में उसको गुर्जरो की नींद उड़ाने वाला कहा है हूणों तथा अन्य उत्तर पश्चिमी नरेशो का उल्लेख अलग से किया गया है । ऐहोल शिलालेख में लाट मालव ओर गुर्जरो को पुलकेशी द्वितीय के अधीनस्त शाशक बताया गया है नवसारी ताम्रपत्र लगभग 738.ई में लाट देश के पुलकेशी को सैंधव कछेल सिराष्ट्र चावोटक मौर्य गुर्जरादित्य को नष्ट करने वाला अंकित किया गया है । क्योंकि सिंध के सेनापति जुनेद को अरब लेखकों ने भीनमाल तथा जुर्ज का विजेता लिखा है अतः इसमे स्पष्ठ होता है कि जुर्ज़ गुर्जर वही क्षेत्र है जिसको गुजरात्रा गुर्जर भूमि आदि कहा गया है इसीलिए भीनमाल या भिल्लमाल को अंग्रेजी में bhailmal पढ़ा गया है दसवीं सदी ई के ग्रंथ यशष्तिलक चम्पू में सेनिको की नाक नक्शा वेशभूषा सहित अनेक देशों की सेनाओं के साथ गुर्जर सेना का भी उल्लेख मिलता है स्कन्दपुराण के अतिरिक्त कृष्णदेव यादव के 1250 ई के एक अभिलेख में गुर्जर ब्राह्मण का उल्लेख मिलता हैं यह शब्द भी देश सूचक है नाकि जाती सूचक
प्रतिहारो के पतन के पश्चात गुर्जदेश में जब चालुक्य शक्तिमान हुए तब यही गुर्जर सब्द उनकी तीन सताब्दी तक प्रयुक्त होने लगा चलुक्यों से पहके चावड़ा ओर बाद में तुर्क शाशको के लिए भी समकालीन लेखकों ने गुर्जर सब्द का प्रयोग भौगोलिक अर्थ में उसी प्रकार किया गया है जिस प्रकार गोड़ देश के पालो के लिए गोड़ ।चेदि के कलचुरियो के लिए चेदि ओर दक्षिण के पलवो के लिए द्रविण सब्द का उत्तर प्रतीहार काल मे गुर्जर सब्द का पुनः प्राचीन गुर्जर के भौमिक अर्थ में पप्रयोग होने लगा डॉ.दशरथ शर्मा ने तत्कालीन साहित्य के आधार पर ये स्पष्ठ किया है कि सातवी सदी से लेकर चोदवी सताब्दी तक गुर्जर तथा गुजरात्रा गुर्जराष्ट्र गुर्जरभूमि गुर्जदेश गुर्जर मण्डल इतियादी का प्रयोग देश के रूप में तथा गुर्जरपति गुर्जराधिपति गुर्जराधार गुर्जरराज गुरजेश्वर गुरजेंद्र प्रभर्ती सब्द शाशको के लिए प्रयुक्त किये गए हैं
ब्रह्मवैवर्त पुराण के गणपति खंड में गुर्जर जाति का श्री परशुराम भगवान से युद्ध
जवाब देंहटाएंBharat san gurjar
जवाब देंहटाएंBhai mhan smrat to Sbka hota h chahe Gurjar Ho ya rajput.. Or chahe mihir bhoj Ho prathviraj chauhan Ho hm sbko apna mante h
हटाएंRaha mhir bhoj gujjar hai
जवाब देंहटाएंJise koe dikkat ho meerut mai aa jaye
जवाब देंहटाएंHum bta dainge raja mhir bhoj gujjar te ya koe or
Gurjar ka atit sunhara raha hai . Jai Gurjar.
जवाब देंहटाएंKon bol raha h ki gurjar raja nhi h
जवाब देंहटाएंPta kero nhi pta ho to bola mat kero okk dear
जवाब देंहटाएंJis me Dam ho mujhi mail kr k bta de
जवाब देंहटाएंOr Sun aap bol rhi h na ke gurjar chori
जवाब देंहटाएंKer ta h us ka bhi bta do to aap aapni
Bhai surander es ko pta nhi h gurjar keya chj h
जवाब देंहटाएंगुर्जर प्रतिहार है न कि गुज्जर भैंस चोर
जवाब देंहटाएंमिहिर भोज राजपूत समाज से थे
गुर्जर प्रदेश के राजा होने के कारण उन्हें गुर्जर सम्राट कहा गया गुर्जर और गुज्जर भैंस चोर में बहुत अंतर है
Randipoot kon h
हटाएंजिनका खुद का इतिहास नहीं होता वह इतिहास चुराने का काम करते है। दुख का विषय यह है कि गुर्जर समाज इतिहास को चुराने का काम कर रहा है। जहां एक तरफ राजपूत सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर जाति का बता रहे हैं वहीं दूसरी तरफ पृथ्वीराज चौहान एवं महाराणा प्रताप को भी गुर्जर बता रहे हैं अबयह इनकी ना समझी नहीं तो और क्या है
जवाब देंहटाएंYadav Jaat Ahir gurjaron ke sath Khade Hain is baat Ko sabit karne mein ki Prithviraj Chauhan Gurjar Hain ab tum sabit karke batao ki Prithviraj Chauhan Rajput Hain chal maar ke sale randi kutte hain kya
हटाएंgoojari ki choot jama hi kasoot , saale rakhelputro Tughluq Khilji se apni ladkiyon ki choot laal karvaane wale goojar aaj raja ban rhe hai . kadi apni behen kimere dhore bhej uska mahal main banaunga choot maar maar kar
हटाएंकुछ निक्कमें आपस में लडाने की कोशिश कर रहे हैं।केवल वर्ण थे।बाद में अनेक जाति में तबदिल हो गये जिसका पचिम जब तक रहा वह राजा रहा बाद में सभी ने अपनी जीविका निभाने के लिये अपने धदे में उतर गये धीरे जाति में बदलते गये।
जवाब देंहटाएंBhai gurjar sey Kyo jalty ho gurjar is King
जवाब देंहटाएंGurjar is king
जवाब देंहटाएंGurjar se milke bat kre yha likhnese kuch nhi hoga gurjar ke samne khade rehne ki himmat bhi nhi he ..
जवाब देंहटाएंHello bhai
जवाब देंहटाएंSamrat mihir bhoj goojar nhi kshatriya Rajput the. Gurjar pratihar isliye kha kyoki unhone gurjar pardesh pr vijay prapt ki thi.
Gurjar प्रदेश वो pradesh tha jhan goojar gaay bhains charate the. Doodhiye wale goojar.
Mihir bhoj kshatriya rajput the. Itihas me khi tumhara naam nhi hai kyo kisiko apna bap bna re ho. Doodhiyo aur kanjaro
Hello friends Meher bhojraj Gurjar shasak the yah sach hai ki unhone Gurjar Pradesh per rajya kiya thaatha gurjaron se Rakshit Pradesh Pradesh ko Gurjar Pradesh kahan gaya Gurjar ek jaati thi aur pratihar Ko padhi thi Jo rashtrakuta rajaon ne gurjaron ko di thi lekin Gurjar ek jaati thi aur pratihar ek upadhi thi Jo rashtrakuta Raja ne Gurjar rajyon ko di thi kuchh pata nahin gadhe
हटाएंHaa tum kshatriyo ki najayaz aulad zarur ho skte ho goojaro
जवाब देंहटाएंAbe kutte mugalon ki najayaj aulad kahin ke kutte sale haramzade bol kar raha hai Sun le
हटाएंgoojari ki choot jama hi kasoot , saale rakhelputro Tughluq Khilji se apni ladkiyon ki choot laal karvaane wale goojar aaj raja ban rhe hai . kadi apni behen kimere dhore bhej uska mahal main banaunga choot maar maar kar
हटाएंSamrat Mihir Bhoj pratihar Rajput vansh ke Raja the jakar Itihas ko padho
जवाब देंहटाएंTum kuchh log kisi ko bhi apna per banaa lete ho
Gujjar log sale Bhains chor hote hai
Itihaas gavah hai
Gujjar log sale Itihaas chor hote hai
Badgujar Rajput Hote Hain Badgujar se Gurjar nikala hai rajputon ki Najayaz Aulad hote hai Gujjar DNA test Karva Kar Dekh Lena sacchai pata chal jaega
Tum log bhi thoda itihaas padh liya karo har chij ko Rajput se jod dete Ho Rajput ka Arth hota tha Raja ka beta aur Gurjar jaati se Rajput vansh ki utpatti manae jaati hai itihaas padho dhang se
हटाएंअछा तो गुर्जर जाती की महिला क्षत्राणी क्यों नही कहलाई क्यों राजपूतो के यहाँ दासी जैसी रहती थी राजपूतो में खिंची चौहन ने एक गुजरी को पेल दिया तो देवनारायण हो गए जिन्हें तुम पूजते हो इस हिसाब से वो रावणा राजपूत हुए तो राजपूतो को पूजते हो उनकी छत्र छाया में रहे और आज 21 वी सदी में क्षत्रियो का राज नही रहा तो 12 साल बाद आये चूतिये की महिरभोज हमारे है कभी भैस चुराते थे खजर अब इतिहास जेसलमेर में भाटी राजपूतो ने गुजरी को पेला तो भाटी गुर्जर बने लेकिन चूतिये फ़ॉलोसिटी झाड़ेंगे तुम्हरे बाप दादा से पूछो कोई अगर60 70 साल का बुजुर्ग होतो की क्षत्रियो ओर गुर्जर जाती में कितना अंतर है साले चूतिये आते obc में ओर क्षत्रिय बनना है रिगीमेंट चाहिए कभी देश के लिए कुछ नही किया बडवो कि जाति ने ऐसी हरकतों से क्षत्रिय नही बनते बनते हो चुतिया वो हो तुम गुर्जरो भैस चोर
हटाएंSamrat Mihir Bhoj pratihar Rajput Raja the jakar Itihas History ko padh lena samjha kya
जवाब देंहटाएंTum kuchh log kisi ko bhi apna Baap Bana Lete Ho
Tumhara koi bhi Itihaas Nahin Hai
Tumhara Itihas sirf Bhains chudane ka tha Itihaas gavah hai sabko Pata Hai tumhara Itihas kya hai Bakri Chod sudhar jao Varna bahut marunga Samjha kya halala ki paidaish Gujjar
सुन बे रखैल पुत्र गुर्जर खजर साले चूतियों हूणों के साथ भारत आये थे दु क्या सबूत बडवो राजपूतो को अपना बाप भी बनाते हो और फ़ॉलोसिटी भी झाड़ते हो
हटाएंअगर लंका का राजा रावण है तो लंका पति या लंककेश्वर कहेंगे ब्रह्मण पति या ब्रह्मेश्वर थोड़ी कहेंगे किसी भी राजा के लिए कभी भी उसकी जाती की उपाधि नही लगी सिर्फ जहा राज्य किया उसी नाम से उपाधि मिली हनुमान चालीसा में भी लंकेश्वर भये सब जग जाना सब्द आता है मतलब लंका जाती थोड़ी हो गई देश है उसी प्रकार गुर्जदेश गुजरात्रा पर राज करने के कारण गुर्जरनारेश या गुर्जर प्रतिहार वंश कहलये पृथ्वी राज रासो में भी प्रथ्विराज चौहान के लिए कई बार गुर्जर राज देखने को मिलता है अर्थार्त जिस भी राजा ने 6 सताब्दी से लेकर 12 या 13 सताब्दी तक इस देश पर राज्य किया उनको गुर्जर नाम की उपाधि दी गई
राजपूत एक पुण्य क्षत्रिय है जिसमे चार वंश छत्तीस कुल सम्मिलित ओर कवि चन्द्र वरदाई ने भोमवंशी ओर नाग वंश को भी राजपूतो में क्षत्रियो में शामिल किया गया है 🚩⚔️
goojari ki choot jama hi kasoot , saale rakhelputro Tughluq Khilji se apni ladkiyon ki choot laal karvaane wale goojar aaj raja ban rhe hai . kadi apni behen kimere dhore bhej uska mahal main banaunga choot maar maar kar
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइन सब बातों को छोड़ो मादर चोदो तुम सिसोदिया राजपूत वंश का इतिहास क्यों चुरा रहे हो वह महाराणा प्रताप तुम्हारे बाप की अर्थी को कंधा देने के लिए लड़े थे जब अकबर ने पूरे हिंदुस्तान को जीत लिया था केवल मेवाड़ के महाराणा प्रताप अकबर के सामने झुके नहीं और उसकी अधीनता स्वीकार नहीं की तुम भोसड़ी को राजपूतों को गुलाम बता रहे हो मुगलों से तो वह महाराणा प्रताप लड़े थे अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए राजपूतों ने ही खून बहाया और तुम अपने आप को क्षत्रिय बता रहे हो और भारतीय सेना में भी सबसे ज्यादा क्षत्रिय खून बहा रहा है सन 65 से लेकर सन 99 तक पाकिस्तान को करारी हार राजपूतों के दम पर ही मिली है तुम तो सिर्फ राजपूतों के गुलाम तब तुम अकबर की गाय और भैंस को संभाल रहे थे और एक तरफ मेवाड़ का महाराणा प्रताप अकेला अकबर से लोहा ले रहा था लड़े थे जब हिंदुस्तान पर अकबर का राज हो गया था तो गाय बकरी चराने वाली ओला दो तुम उस समय क्या कर रही थी जब मेवाड़ के महाराणा प्रताप अकेले अकबर से लड़ रहे थे तुम उस अकबर के वंशज तो नहीं जो उस टाइम किसी युद्ध में शामिल भी नहीं थे
जवाब देंहटाएंAb sisodiya vansh rajputon se alag ho gaya hai kya kyunki rajputon ne to mugalon ki khoob adhinta swikar ki thi aur apni betiyon ko khoob shaadi mein Dahej mein Diya tha aur bacche bhi paida kiye the gurjaron ne to kabhi mugalon ki adhinta swikar nahin ki thi
हटाएंgoojari ki choot jama hi kasoot , saale rakhelputro Tughluq Khilji se apni ladkiyon ki choot laal karvaane wale goojar aaj raja ban rhe hai . kadi apni behen kimere dhore bhej uska mahal main banaunga choot maar maar kar
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअपने आप को क्षत्रिय बताने वालों गुजर लगाने वालों गुज्जर एक प्रदेश का नाम था जिस पर राजपूतों ने राज किया इसीलिए प्रतिहार वंश को गुर्जर प्रतिहार राजवंश कहते हैं साले गुर्जर लगाने से तुम यह समझ रहे हो कि वह गुर्जर थे अपनी औकात मत bhuलों मैंने तो हरिजनों को भी गुज्जर लगाते हुए देखा है कल से तुम अपने आप को उनकी औलाद भी बता देना बता सकते हो जो इतिहास चुराने के लिए सभी को गुज्जर बता रहे हो क्यों ना हरिजनों को भी अपना बाप बता सकते हैं क्योंकि हरिजन भी गुर्जर लगा रहे है जो इतिहास चुराने की कोशिश कर रहे हैं वह तो हरिजन तो क्या किसी को भी अपना बाप बता सकते हैं
जवाब देंहटाएंAbe kisi itihaas ko padh liya karo jaane se pahle kisi ko kuch bhi bol dete ho tum kya kutte choro sali kutiya churate Ho ham to bhains ka dudh Peete Hain Tum kuttiya ka dudh Peete ho aur tum Rajput Ho tumhen gurjaron ka bhi dudh Piya hai theek hai Panna Dhai ka dudh Piya hai tum logon ne bhul gaye sale Harijan to kuchh bhi lagaen isliye humko koi matlab nahin hai har kisi Ko jakar nahin bataya ja sakta ki Gurjar na lagao Gurjar lagana ek Samman ki baat hai ki Gurjar itni badi jaati hai ki har koi Aisa Banna chahta hai theek hai aur dusri baat tum log Hindu hone ki karte ho to jativad kyon khilate Ho salon
जवाब देंहटाएंGurjari ke dudh ke alava kisi bhi dudh mein itni takat nahin ki vah mugalon se lad sake angrejon ne gurjaron per crime tribe isliye lagu Kiya kyunki jab angrejon Ko pata chala ki Gurjar hamen Desh ke bhaga denge to unhone gurjaron ko hi crime patrol lagu kar diya jisse Gurjar har jagah se ruk gaye aur bahan Ho Gaye ismein baki baki ki jatiyan jyada kuchh nahin kar paye aur pure 200 sal angrejon ne Bharat per shasan kiya usse pahle jab gurjaron ka is Desh per Raj tha to angrej to kya Mughal bhi nahin a paye the mugalon ko nagbhatt pratihar ne kutton ki tarah khada tha is baat Ko Tum log nahin jante ho to itihaas padh liya karo aur han Apne rajyon ke naam per khud ka naam bada mat karo khud bhi kuchh karke dikhao
जवाब देंहटाएंअगर गुर्जर क्षत्रिय है तो कोई रियासत उनकी कोई राजधानी कोई ताबूत कहा है अगर गुर्जर क्षत्रिय है तो राजाओ के यहाँ गुजरानी या दासी क्यों थी क्षत्राणी क्यों नही प्रतीहार परिहार के आज भी मंडोर ग्वालियर भोपाल कन्नौज गुजरात सभी जगह है और उनकी रियासत भी है उनकी 19 शकाएँ है इन्दा देवल मंडाड रुमावत आदि किसी भी राजा के आगे कभी क्षत्रिय नही लगा जिस देश पर राज किया जिस देश को उखाड़ फेंका ओर वहा राज किया इसलिए उस की उपाधि मिली गुर्जर प्रतीहार वंश आता है अगर गुर्जर होते तो प्रतीहार वंश क्यों आता 12 साल बाद अब 2018 से नींद खुली सिर्फ यह देख कर की गुर्जर सब्द आगे लिखा है पूरे सबूत देता हूं और इन सभी ये बुक ओर मेरा पूरा लेख पढ़ लेना ��
जवाब देंहटाएंमिहिर भोज एक राजपूत राजा थे ना कि गुज्जर
राजपूतो का इतिहास क्षत्रिय
1 डॉ. गोरीशंकर हीराचंद ओझा
2 विंध्यक्षेत्र के प्रतीहार वंश का ऐतिहासिक अनुशीलन डॉ. अनूपमसिंह
3 भारत के प्रहरी प्रतीहार डॉ. विंध्यराज चौहान
4 प्राचीन भारत का इतिहास डॉ. विमल चंद पाण्डे
5 उचेहरा नागोद का पप्रतीहार राज्य प्रो.ऐ. एच. निजामी
6 राजस्थान का इतिहास डॉ. गोपी नाथ शर्मा ।।
7 प्रतीहार राजपूतो का इतिहास (मंडोवर से नागोद सातवी सदी से विसवी सदी तक ) लेखक राम लखन सिंह।
इन सभि इतिहास करो और बड़े बड़े बुध्दिजीवी ने यही स्पष्ठ किया है इनकी किताबो में की प्रतीहार वंश का गुर्जर जाती से कोई ताल्लुक नही है गुर्जरदेश गुजरात्रा पे राज करने के कारण एव गुर्जदेश को उखाड़ फेंकने के बाद वहा राज्य करने के कारण गुर्जरप्रतिहार वंश या गुरजेश्वर कहलाये इनकी जाती पहले गोच्चर थी मतला पशुपालन पशुओं को चराना।।
प्रतिहारो की उपाधि गुर्जर
कन्नौज के प्रतिहारो सम्राटों समकालीन राष्ट्रकूटों बिहार और बंगाल के पॉल शाशको के लिए अरब लेखको ने गुर्जर एव गुरजेश्वर के विरुद्ध पप्रयुक्त किये है किंतु प्रश ये है कि गुर्जर सब्द जाती शुचक है या देश सूचक चीनी यात्री हैंनसांग (629-645.ई) किउ-चेलो गुर्जर नामक एक देश का उल्लेख करता है इसकी राजधानी पिलो मिलो भिलमाल आधुनिक (श्रीमाल) थी ओर यहाँ का राजा बड़ा धर्मात्मा था । वाणर्भट्ट ने हर्पचरित् में प्रभाकरवर्द्धन की दिग्विजय के संबंध में उसको गुर्जरो की नींद उड़ाने वाला कहा है हूणों तथा अन्य उत्तर पश्चिमी नरेशो का उल्लेख अलग से किया गया है । ऐहोल शिलालेख में लाट मालव ओर गुर्जरो को पुलकेशी द्वितीय के अधीनस्त शाशक बताया गया है नवसारी ताम्रपत्र लगभग 738.ई में लाट देश के पुलकेशी को सैंधव कछेल सिराष्ट्र चावोटक मौर्य गुर्जरादित्य को नष्ट करने वाला अंकित किया गया है । क्योंकि सिंध के सेनापति जुनेद को अरब लेखकों ने भीनमाल तथा जुर्ज का विजेता लिखा है अतः इसमे स्पष्ठ होता है कि जुर्ज़ गुर्जर वही क्षेत्र है जिसको गुजरात्रा गुर्जर भूमि आदि कहा गया है इसीलिए भीनमाल या भिल्लमाल को अंग्रेजी में bhailmal पढ़ा गया है दसवीं सदी ई के ग्रंथ यशष्तिलक चम्पू में सेनिको की नाक नक्शा वेशभूषा सहित अनेक देशों की सेनाओं के साथ गुर्जर सेना का भी उल्लेख मिलता है स्कन्दपुराण के अतिरिक्त कृष्णदेव यादव के 1250 ई के एक अभिलेख में गुर्जर ब्राह्मण का उल्लेख मिलता हैं यह शब्द भी देश सूचक है नाकि जाती सूचक
प्रतिहारो के पतन के पश्चात गुर्जदेश में जब चालुक्य शक्तिमान हुए तब यही गुर्जर सब्द उनकी तीन सताब्दी तक प्रयुक्त होने लगा चलुक्यों से पहके चावड़ा ओर बाद में तुर्क शाशको के लिए भी समकालीन लेखकों ने गुर्जर सब्द का प्रयोग भौगोलिक अर्थ में उसी प्रकार किया गया है जिस प्रकार गोड़ देश के पालो के लिए गोड़ ।चेदि के कलचुरियो के लिए चेदि ओर दक्षिण के पलवो के लिए द्रविण सब्द का उत्तर प्रतीहार काल मे गुर्जर सब्द का पुनः प्राचीन गुर्जर के भौमिक अर्थ में पप्रयोग होने लगा डॉ.दशरथ शर्मा ने तत्कालीन साहित्य के आधार पर ये स्पष्ठ किया है कि सातवी सदी से लेकर चोदवी सताब्दी तक गुर्जर तथा गुजरात्रा गुर्जराष्ट्र गुर्जरभूमि गुर्जदेश गुर्जर मण्डल इतियादी का प्रयोग देश के रूप में तथा गुर्जरपति गुर्जराधिपति गुर्जराधार गुर्जरराज गुरजेश्वर गुरजेंद्र प्रभर्ती सब्द शाशको के लिए प्रयुक्त किये गए है
जय राजपुताना
जवाब देंहटाएंजय हो महिर भोज परिहार
राजपूत समराट
Bhes churane aur charane wale ahirandi gooputr itihas churane me lage h inki maa bhne soti thi rajput aur mughlo ke mehlo me in saalo ko kshtriye banna h
जवाब देंहटाएंTeri ma to muglo se krva hogi
हटाएंgoojari ki choot jama hi kasoot , saale rakhelputro Tughluq Khilji se apni ladkiyon ki choot laal karvaane wale goojar aaj raja ban rhe hai . kadi apni behen kimere dhore bhej uska mahal main banaunga choot maar maar kar
हटाएंGujar state Ka name h
जवाब देंहटाएंThakuro to Gurjar se ldke dekh lo pta chl jayega kon h hoon smrat
जवाब देंहटाएंArbi lekhk me Gurjar prtiharo ke gotr h vo gurjaro ke gotro ka vrn h but tb kya se Thakur gotr lavoge
जवाब देंहटाएंgoojari ki choot jama hi kasoot , saale rakhelputro Tughluq Khilji se apni ladkiyon ki choot laal karvaane wale goojar aaj raja ban rhe hai . kadi apni behen kimere dhore bhej uska mahal main banaunga choot maar maar kar
हटाएंItihaas bolta h. Bahas mat karo. Bhagwan bhi rajput huye h. Tab kaha the gujjar
जवाब देंहटाएंRajput Samrat Mihirboj ki Jai ho.
जवाब देंहटाएंRajput Samrat Prithviraj Chauhan ki Jai Ho.
Rajput Samrat Anangpal Tomar ki Jai Ho.
Rajput Samrat Maharana Pratap Ki Jai Ho.
Sabhi Rajput bhaiyon se Appeal hai ki, sabhi milkar
Rajput King Mihirbhoj Pratihar
Rajput King Prthviraj Chauhan
Rajput King Anangpal Tomar
Ki Murti Lagwayein aur sabhi Ko apna Ithihaas btaoo.
Apne Chote Bhai
Gurjeroon pe paisa kya aagya lage Rajputana ka Ithihaas Churaane
जवाब देंहटाएं1 Samrat Kanisha Kushan Yuzchi Janjati
Se The Vah Ek Buddhist Raja Tha Vah
China Se Aaya Tha 🤔🤔🤔
2 Badgujjar Samrat Mihir Bhoj Pratihar
Kashtiya Rajput Vansh Ke Raja The
Vah Gujarata Pradesh Ke Raja The
Unho Ne Gurjar Pradesh Ko Hara Kar
Apna Rajya Sthapit Kiya Tha NCERT
Ki History Ke Books 📖📚 Main Likha
Hua Hai Jiski Vajah Se Unko
Badgujjar Samrat Mihir Bhoj Pratihar
Bhi Kaha Jata Tha 🤔🤔🤔
3 Samrat Raja Bhoj Parmar Kashtiya
Rajput Vansh Ke Raja The Vah
Madhya Pradesh Ke Raja The 🤔🤔🤔
4 Samrat Bappa Rawal Kashtiya Rajput
Vansh Ke Raja The Vah Rajasthan Ke
Raja The 🤔🤔🤔
5 Samrat Prithviraj Singh Chauhan
Kashtiya Rajput Vansh Ke Raja The
Vah Rajasthan Ke Raja The 🤔🤔🤔
6 Samrat Aganpal Tomar Kashtiya Rajput
Vansh Ke Raja The Vah Dehli Ke Raja
The 🤔🤔🤔
7 Maharaja Mansingh Tomar Kashtiya
Rajput Vansh Ke Raja The Vah Madhya
Pradesh Ke Raja The 🤔🤔🤔
8 Maharaja Chhatrapati Shivaji Maharaj
Bhosle Sisodiya Kashtiya Rajput Vansh
Ke Raja The Vah Maharastra Ke Raja
The 🤔🤔🤔
9 Sardar Vallabhbhai Patel Patidar
Kurmi Samaj Se The Vah Gujrat Se
The 🤔🤔🤔
10 Bhagwan Shree Ram Kachhwaha
Suryavanshi Kashtiya Rajput Vansh
Janam Liye The 🤔🤔🤔
11 Bhagwan Shree Krishna Yaduvanshi
Chandravanshi Kashtiya Rajput Vansh
Main Janam Liye The Unka Palan
Poshan Nand Baba Maa Yashoda Ahir
Gwala Shudra Ke Ghar Main Hua
Tha 🤔🤔🤔
12 Bhagwan Gautam Buddh Ka Janam
Shakya Suryavanshi Kashtiya Rajput
Vansh Main Hua Tha Unka Bachpan Ka
Naam Siddharth Shakya Tha 🤔🤔🤔
Gujjar Nasl Ka 🐐🐐🐐 Bakra Aur
Gujjari Nasl Ki 🐐🐐🐐 Bakri Ki
Paidaish Jakar School College 🏫🏫
🏫🎒🎒🎒 Main Itihaas History Ke
Books 📖📖📚📚 Main Pad 📑📑📑
Lena Samjha Kya Beta Gujjar Bhains
Bhains 🐃🐃🐃 Chor Gujjari Bakri
🐐🐐🐐 Chor Itihaas History Choro
Ki Biradari Hai Yah Log Sab Ko
Apna Baap Gujjar Bhains 🐃🐃🐃 Chor
Aur Apni Maa Gujjari Bakri 🐐🐐🐐
Chor Bana Dete Ho Kya Baat Hai
Beta 🤔🤔🤔
Gujjar Gujjari Bhed Bakri Bhains
🐏🐏🐏🐐🐐🐐🐃🐃🐃 Charane Wale
Charwaha Bakrwal Khanabadosh Gujjar
Shudra Biradari Hai 🤔🤔🤔😂😂😂
😝😝😝😎😎😎💪💪💪
Van Gujjar Ka Itihaas History
1 Samrat Kanisha Kushan Yuzchi
Janjati Se The Vah Ek Buddhist
Raja The Vah China Se Aaya Tha
2 Badgujjar Samrat Mihir Bhoj
Pratihar Kashtiya Rajput Vansh
Ke Raja The Vah Gujarata Pradesh
Ke Raja The Uhno Ne Gujjara Pradesh
Ko Prajit Kar Ke Apna Rajya Sthapit
Kiya Tha NCERT Ki History Ke Books
Main Likha Hua Hai Jiski Vajah Se
Badgujjar Samrat Mihir Bhoj
Pratihar Kaha Jata Tha
3 Samrat Raja Bhoj Parmar Kashtiya
Rajput Vansh Ke Raja The Vah
Madhya Pradesh Ke Raja The
4 Samrat Bappa Rawal Kashtiya Rajput
Vansh Ke Raja The Vah Rajasthan Ke
Raja The
5 Samrat Prithviraj Singh Chauhan
Kashtiya Rajput Vansh Ke Raja The
Vah Rajasthan Ke Raja The
6 Samrat Aganpal Tomar Kashtiya
Rajput Vansh Ke Raja The Vah Dehli
Ke Raja The
7 Chalukya Vansh Solanki Kashtiya
Rajput Vansh Ke Raja The Vah
Gujarat Ke Raja The
8 Maharaja Mansingh Tomar Kashtiya
Rajput Vansh Ke Raja The Vah
Madhya Pradesh Ke Raja The
9 Maharaja Chhatrapati Shivaji
Maharaja Bhosle Sisodiya Kashtiya
Rajput Vansh Ke Raja The Vah
Maharastra Ke Raja The
10 Guru Govind Singh Sodhi Ji Ki Maa
Mata Gujri Punjabi Khatri Samaj Se
The
11 Sardar Gujar Singh Dhillon Punjabi
Sikh Jatt Samaj Se The Uhno Ne
Pakistan Ke Lahore Per Raj Kiya
Tha
12 Sardar Vallabhbhai Patel Patidar
Kurmi Samaj Se The Vah Gujrat Se
The
13 Bhagwan Shree Ram Kachhwaha
Suryavanshi Kashtiya Rajput Vansh
Main Janam Liye The
14 Bhagwan Shree Krishna Yaduvanshi
Chandravanshi Kashtiya Rajput
Vansh Main Jalan Liye The
Unka Palan Poshan Nand Baba Maa
Yashoda Ahir Gwala Shudra Parivar
Main Hua Tha
15 Bhagwan Gautam Buddh Ka Janam
Shakya Suryavanshi Kashtiya Rajput
Vansh Main Hua Tha Unka Bachpan Ka
Naam Siddharth Shakya Tha
Gujjar Nasl Ka 🐐🐐🐐 Bakra Aur
Gujjari Nasl Ki 🐐🐐🐐 Bakri
Aulad Jakar School College 🏫🎒
Main Itihaas History Ke Books
📚📖 Main Pad Lena Samjha Kya
Beta Gujjar Bhains 🐃🐃🐃 Chor
Gujjari Bakri 🐐🐐🐐 Chor Itihaas
History Choro Ki Biradari Hai Yah
Log Aaj Kal Dusron Ka Gotra Caste
Surname Upnaam Title Itihaas
History Ko Chura Rahe Hai Dusron
Ko Apna Baap Gujjar Bhains 🐃🐃🐃
Chor Aur Apni Maa Gujjari Bakri
🐐🐐🐐 Chor Bana Dete Ho Kya Baat
Hai Beta Gujjar Gujjari Bhed Bakri
Bhains 🐏🐏🐏🐐🐐🐐🐃🐃🐃 Charane
Wale Charwaha Bakrwal Khanabadosh
Gujjar Shudra Biradari Hai
जवाब देंहटाएं1 Nagar Bhatnagar Rawal Pradhan
Gaurgurjar Gujjargaur Etc Brahman
Pandit Samaj Ke Logon Ka Gotra
Caste Surname Upnaam Title Hota
Hota Hai
2 Panwar Pawar Tanwar Tomar Chauhan
Solanki Sisodiya Parmar Pratihar
Pundir Chandel Rana Bhati Rawat
Gahlot Lodhi Bhosle Kachhwaha
Yaduvanshi Shakya Suryavanshi
Chandravanshi Badgurjar Badgujjar
Etc Kashtiya Rajput Samaj Ke Logon
Ka Gotra Caste Surname Upnaam Title
Hota Hai
3 Bansal Pondar Porwar Singhal Lodha
Etc Vaishya Baniya Samaj Ke Logon
Gotra Caste Surname Upnaam Title
Hota Hai
4 Kohli Bhatia Gujral Etc Punjabi
Khatri Samaj Ke Logon Ka Gotra
Caste Surname Upnaam Title Hota
Hai
4 Choudhary Malik Rathi Dahiya
Khokhar Etc Jaat Samaj Ke Logon
Gotra Caste Surname Upnaam Title
Hota Hai
5 Patel Verma Etc Patidar Kurmi Samaj
Ke Logon Ka Gotra Caste Surname
Upnaam Title Hota Hai
6 Vishwakarma Lohia Gajjar Etc
Lohar Samaj Ke Logon Ka Gotra
Caste Surname Upnaam Title Hota Hai
Gujjar Bhains 🐃🐃🐃 Chor Gujjari
Bakri 🐐🐐🐐 Chor Itihaas History
Choro Ki Biradari Hai Jakar Google
Per Search 🔍🔎 Kar Dekh Lena
Tumare Baap Dada Ke Purvaj Mil
Jayege Tum Logon Ko Beta
1 Gaurgurjar Gujjargaur Brahman
Pandit Samaj Ke Logon Ki Naajayaz
Aulad Hote Hai Gujjar Bhains 🐃🐃
🐃 Chor Gujjari Bakri 🐐🐐🐐 Chor
Itihaas History Choro Ki Biradari
Hai Jakar Apna DNA 🧬🧬🧬 Test
Karwa Kar Dekh Lena Samjha Kya
Beta
2 Badgurjar Badgujjar Kashtiya Rajput
Samaj Ke Logon Ki Naajayaz Aulad
Hote Hai Gujjar Bhains 🐃🐃🐃 Chor
Gujjari Bakri 🐐🐐🐐 Chor Itihaas
History Choro Ki Biradari Hai Jakar
Apna DNA 🧬🧬🧬 Test Karwa Kar
Dekh Lena Samjha Kya Beta
3 Gujral Punjabi Khatri Samaj Ke
Logon Ki Naajayaz Aulad Hote Hai
Gujjar Bhains 🐃🐃🐃 Chor Gujjari
Bakri 🐐🐐🐐 Chor Itihaas History
Choro Ki Biradari Hai Jakar Apna
DNA 🧬🧬🧬 Test Karwa Kar Dekh
Lena Samjha Kya Beta
4 Gajjar Lohar Samaj Ke Logon Ki
Naajayaz Aulad Hote Hai Gujjar
Bhains 🐃🐃🐃 Chor Gujjari Bakri
🐐🐐🐐 Chor Itihaas History Choro
Ki Biradari Hai Jakar Apna DNA 🧬
🧬🧬 Test Karwa Kar Dekh Lena
Samjha Kya Beta
Gujjar Gujjari Bhed Bakri Bhains
🐏🐏🐏🐐🐐🐐🐃🐃🐃 Charane Wale
Charwaha Bakrwal Khanabadosh Gujjar
Shudra Biradari Hai
Gujjar Samaj Ke Logon Ka Gotra Caste
Surname Upnaam Title In India
1 Awana
2 Adhana
3 Bhadana
4 Baisla
5 Bidhuri
6 Chaprana
7 Chechi
8 Chhokar
9 Dedha
10 Khatana
11 Kasana
12 Kapasia
13 Karhana
14 Harsana
15 Gujjar
16 Poswal
17 Sardana
18 Hoon
19 Mavi
20 Khari
Yah Sab Gotra Caste Surname Upnaam
Title Gujjar Samaj Ke Logon Ka Hai
All India Total Gujjar Population
In India 2 Carore 10% Ke Aas Pass
Hai 2011 Ke Jangarna Ke Anusar
1 Rajasthan Main Total Gujjar
Population 40 Lakh 6% Ke Aas Pass
Hai
2 Uttar Pradesh Main Total Gujjar
Population 35 Lakh 1.5% Ke Aas
Pass Hai
3 Madhya Pradesh Main Total Gujjar
Population 30 Lakh Ke Aas Pass Hai
4 Jammu And Kashmir Main Total
Gujjar Population 15 Lakh Ke Aas
Pass Hai
5 Haryana Main Total Gujjar
Population 10 Lakh 4% Ke Aas Pass
Hai
6 Dehli Main Total Gujjar Population
8 Lakh Ke Aas Pass Hai
7 Uttarakhand Main Total Gujjar
Population 10 Lakh Ke Aas Pass Hai
8 Himachal Pradesh Main Total Gujjar
Population 2 Lakh Ke Aas Pass Hai
9 Punjab Main Total Gujjar
Population 5 Lakh Ke Aas Pass Hai
10 Gujrat Main Total Gujjar
Population 10 Lakh Ke Aas Pass
Hai
11 Maharashtra Main Total Gujjar
Population 12 Lakh Ke Aas Pass
Hai
All Pakistan Total Gujjar
Population 2 Carore 40 Lakh 20%
Ke Aas Pass Hai
Gujjar Samaj Ke Log Google Per
Jakar Search 🔍🔎 Kar Ke Dekh Lena
Samjha Kya
Gujjar Nasl Ka 🐐🐐🐐 Bakra Aur
Gujjari Nasl Ka 🐐🐐🐐 Bakri Ki
Aulad Hote Hai
Gujjar Bhains 🐃🐃🐃 Chor Gujjari
Gujjari Bakri 🐐🐐🐐 Chor Itihaas
History Choro Ki Biradari Hai Yah
Gujjari Mahal Ki Paidaish Hote Hai
Yah Log Aaj Kal Dusron Ka Gotra
Caste Surname Upnaam Title Itihaas
History Ko Chura Rahe Hai Kya Baat
Hai Beta
Gujjar Bhains 🐃🐃🐃 Chor Itihaas
History Choro Ki Maa Bahan Betiyan
Gujjari Bakri 🐐🐐🐐 Chor Ko Randi
Rakhel Bana Kar Rakhta Tha Mughal
Badshah Firoz Shah Tughlaq Gujjari
Mahal Main Gujjar Bhains 🐃🐃🐃
Chor Itihaas History Choro Ki Maa
Bahan Betiyan Gujjari Bakri 🐐🐐🐐
Chor Mughal Badshah Firoz Shah
Tughlaq Ki Haveli Gujjari Mahal
Main Jakar Raat Ko Bistar Garam
Karti Thi Gujjar Bhains 🐃🐃🐃 Chor
Gujjari Bakri 🐐🐐🐐 Chor Itihaas
History Choro Ki Biradari Hai
Mughal Badshah Firoz Shah Tughlaq
Ki Naajayaz Aulad Hote Hai Jakar
Apna DNA 🧬🧬🧬 Test Karwa Kar Dekh
Lena Samjha Kya Beta Jakar Hisar
Haryana Main Apni Maa Gujjari Bakri
🐐🐐🐐 Chor Ki Haveli Gujjari Mahal
Dekh Lena Itihaas History Ko Pad
📚📚📑📑 Lena Samjha Kya Beta
Gujjar Gujjari Bhed Bakri Bhains
🐏🐏🐏🐐🐐🐐🐃🐃🐃 Charane Wale
Charwaha Bakrwal Khanabadosh Gujjar
Shudra Biradari Hai
जवाब देंहटाएंGujjar Nasl Ka 🐐🐐🐐 Bakra Aur
Gujjari Nasl Ki 🐐🐐🐐 Bakri Ki
Aulad Hote Hai
Gujjar Bhains 🐃🐃🐃 Chor Gujjari
Bakri 🐐🐐🐐 Chor Itihaas History
Choro Ki Biradari Hai Yah Log
Gujjari Mahal Ki Paidaish Hote Hai
Yah Log Aaj Kal Dusron Ka Gotra
Caste Surname Upnaam Title Itihaas
History Ko Chura Rahe Hai Sab Ko
Apna Baap Gujjar Bhains 🐃🐃🐃 Chor
Bana Rahe Hai Kya Baat Hai Beta
Gujjar Bhains 🐃🐃🐃 Chor Itihaas
History Choro Ki Maa Bahan Betiyan
Gujjari Bakri 🐐🐐🐐 Chor Ko Randi
Rakhel Bana Kar Rakhte The Kashtiya
Rajput Maharaja Mansingh Tomar
Gujjari Mahal Main Gujjar Bhains
🐃🐃🐃 Chor Itihaas History Choro
Ki Maa Bahan Betiyan Gujjari Bakri
🐐🐐🐐 Chor Kashtiya Rajput
Maharaja Mansingh Tomar Ki Haveli
Gujjari Mahal Main Jakar Raat Ko
Bistar Garam Karti Thi Gujjar Bhains
🐃🐃🐃 Chor Gujjari Bakri 🐐🐐🐐
Chor Itihaas History Choro Ki
Biradari Hai Kashtiya Rajput
Maharaja Mansingh Tomar Ki
Naajayaz Aulad Hote Hai Jakar Apna
DNA 🧬🧬🧬 Test Karwa Kar Dekh Lena
Samjha Kya Beta Jakar Gwalior Madhya
Pradesh Main Apni Bahan Gujjari
Bakri 🐐🐐🐐 Chor Ki Haveli Gujjari
Mahal Dekh Lena Itihaas History Ko
Pad 📚📚📑📑 Lena Samjha Kya Beta
Gujjar Gujjari Bhed Bakri Bhains
🐏🐏🐏🐐🐐🐐🐃🐃🐃 Charane Wale
Charwaha Bakrwal Khanabadosh Gujjar
Shudra Biradari Hai
Bahut Sare Itihaas Karo Ke Anusar
Gujjar Nasl Ka 🐐🐐🐐 Bakra Aur
Gujjari Nasl Ki 🐐🐐🐐 Bakri Ki
Aulad Hote Hai
Gujjar Bhains 🐃🐃🐃 Chor Gujjari
Bakri 🐐🐐🐐 Chor Itihaas History
Choro Ki Biradari Hai Yah Log Georgia
Se Aaye The Hoon Ke Sath Bharat Main
Gujjar Bhains 🐃🐃🐃 Chor Gujjari
Bakri 🐐🐐🐐 Chor Itihaas History
Choro Ki Biradari Hai Yah Log Hoon
Ki Naajayaz Aulad Hote Hai Jakar Apna
DNA 🧬🧬🧬 Test Karwa Kar Dekh Lena
Samjha Kya Beta Jakar Apne Baap Hoon
Ka Itihaas History Ko Pad 📕📕📑📑
Lena Samjha Kya Beta Gujjar Gujjari
Bhed Bakri Bhains 🐏🐏🐏🐐🐐🐐🐃🐃🐃
Charane Wale Charwaha Bakrwal
Khanabadosh Gujjar Shudra Biradari
Hai
She kha aaj be gujjar mere gaam m 90 bakareya charane jaate h janglo m sache
जवाब देंहटाएंYe ultaseedha bolne bale hi to muglo ki asli aulad hai
जवाब देंहटाएं