गुर्जर सम्राट रामभद्र प्रतिहार - Gurjar Samrat Rambhadra Pratihar
गुर्जर सम्राट रामभद्र प्रतिहार
• उत्तराधिकार - 5वां गुर्जर प्रतिहार सम्राट
• शासनकाल - ८३३ से ८३६ ई.
• पूर्ववर्ती - नागभट द्वितीय
• उत्तराधिकारी - गुर्जर सम्राट मिहिर भोज
'रामभद्र' गुर्जर प्रतिहार वंश के पांचवे सम्राट थे। रामभद्र नागभट नागभट (द्वितीय) के पुत्र थे । जैन प्रभावक्रिता के अनुसार, गुर्जर सम्राट नागभट द्वितीय रामभद्र द्वारा सफल हो गया था, रामभद्र को राम और रामदेवा के नाम से भी जाना जाता था । उनकी माता का नाम इस्तादेवी था। रामभद्र का तीन साल का एक संक्षिप्त शासनकाल था। उन्हे अपने शासनकाल मे कई युघ्द जीते और बाहरी आक्रमणो से देश की रक्षा की । उनके दौरान कई कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ा। एक ग्वालियर शिलालेख के अनुसार यह जाना जाता है कि रामभद्र ने अपना साम्राज्य ग्वालियर कि ओर बढ़ाया था।
रामभद्र के बाद उनका पुत्र 'मिहिर भोज' गुर्जर प्रतिहार वंश का उत्तराघिकारी बना और 50 साल तक शासन किया। मिहिर भोज गुर्जर प्रतिहार साम्राज्य की शक्ति को सुदृढ बनाया और और भारत के इतिहास मे एक गौरवमय अध्याय जोडा।
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Samrat Mihir Bhoj ki jai ho Mohan Raja
जवाब देंहटाएंJindabad
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