Gurjar Pratihar Vs Arab, Rashtrakuta, & Pala Empire
गुर्जर प्रतिहार साम्राज्य ने अपने शुरूआती शासनकाल मे ही पूरी दूनिया को अपनी ताकत से हिला दिया था।इनका शासनकाल 6ठी शताब्दी से 10वी शताब्दी तक रहा। गुर्जर प्रतिहारोने अरबों से 300 वर्ष तक लगभग 200 से ज्यादा युद्ध किये और हर बार विजयी हुए। जिसका परिणाम है कि हम आज यहां सुरक्षित है।
अरबो की विशाल आँधी के सामने वीर गुर्जर अपने रणनृत्य का प्रदर्शन करते हुए भिडे जिसे इतिहास राजस्थान के युद्ध /Battle of Rajasthan जोकि गुर्जरो व अरबो के बीच हुए के नाम से जानता है।भारत मे कोई ऐसा स्थान नही बचा जहां गुर्जर प्रतिहारो ने अपनी तलवार और निर्माण कला का जौहर ना दिखाया हो। गुर्जर प्रतिहारो ने सैकडो सालो तक राष्ट्रकूट और पाला साम्राज्य से भयंकर युध्द किए और हर बार विजयी हुए। गुर्जर प्रतिहारो के दुश्मन चारो ओर थे । एक तरफ हिमालय की और से । दक्षिण मे राष्ट्रकुटो से। पूरब मे बंगाल के पालो से और पश्चिम से अरबो, डकैतों, इराकी,मंगोलो , तुर्कों,से। जिसमें गुर्जरो ने अभूतपूर्व साहस व पराक्रम दिखाते हुए अरबो को बाहर खदेडा ।भारत की हजारो साल से बनने वाली सभ्यता व संस्कृति को अरबो द्वारा होने वाली हानि से गुर्जरो ने बचाया व लगभग साढे तीन सौ सालो तर गुर्जर भारत के रक्षक/प्रतिहार बने रहे । प्रतिहार यानी द्वारपाल।देश के रक्षक। 350 सालो तक लगातार युद्धे के बाद जब, अरब, राष्ट्रकुट और पाल साम्राज्य ने एक साथ मिलकर युद्ध कए वही से गुर्जर प्रतिहारो का पतन होने लगा और विदेशी ताकतो को भारत देश मे घुश्ने का अवसर मिला। इसके बाद के काल को ही मुगल काल कहा जाता है
भारत देश हमेशा ही गुर्जर प्रतिहारो का रिणी रहेगा उनके अदभुत शौर्य और पराक्रम का जो उनहोंने अपनी मातृभूमि के लिए न्यौछावर किया है। जिसे सभी विद्वानों ने भी माना है और देश की स्वतंत्रता पर आँच नहीं आई।यहां अनेको गुर्जर राजवंशो ने समयानुसार शासन किया और अपने वीरता, शौर्य , कला का प्रदर्शन कर सभी को आश्चर्य चकित किया। भारत मे कोई ऐसा स्थान नही बचा जहां गुर्जर प्रतिहारो ने अपनी तलवार और निर्माण कला का जौहर ना दिखाया हो। गुर्जर प्रतिहारो ने 100 सालो तक राष्ट्रकूट और पाला साम्राज्य से भयंकर युध्द किए और हर बार विजयी हुए। गुर्जर प्रतिहारो के दुश्मन चारो ओर थे । एक तरफ हिमालय की और से । दक्षिण मे राष्ट्रकुटो से। पश्चिम मे बंगाल के पालो से और विदेशी ताकते गुर्जर प्रतिहारो ने सैकडो मंदिर व किले के निर्माण किए था जिसमे शास्त्रबहु मंदिर, बटेश्वर मंदिर, कुचामल किला, मिहिर किला (गुर्जर किला), पडावली मंदिर, गुर्जर बावडी, चौसठ योगिनी मंदिर आदि इनके अलावा सैकडो इलाके व ठिकाने है जहाँ गुर्जर प्रतिहारो ने अपनी कला बनाई ।
अरबो की विशाल आँधी के सामने वीर गुर्जर अपने रणनृत्य का प्रदर्शन करते हुए भिडे जिसे इतिहास राजस्थान के युद्ध /Battle of Rajasthan जोकि गुर्जरो व अरबो के बीच हुए के नाम से जानता है।भारत मे कोई ऐसा स्थान नही बचा जहां गुर्जर प्रतिहारो ने अपनी तलवार और निर्माण कला का जौहर ना दिखाया हो। गुर्जर प्रतिहारो ने सैकडो सालो तक राष्ट्रकूट और पाला साम्राज्य से भयंकर युध्द किए और हर बार विजयी हुए। गुर्जर प्रतिहारो के दुश्मन चारो ओर थे । एक तरफ हिमालय की और से । दक्षिण मे राष्ट्रकुटो से। पूरब मे बंगाल के पालो से और पश्चिम से अरबो, डकैतों, इराकी,मंगोलो , तुर्कों,से। जिसमें गुर्जरो ने अभूतपूर्व साहस व पराक्रम दिखाते हुए अरबो को बाहर खदेडा ।भारत की हजारो साल से बनने वाली सभ्यता व संस्कृति को अरबो द्वारा होने वाली हानि से गुर्जरो ने बचाया व लगभग साढे तीन सौ सालो तर गुर्जर भारत के रक्षक/प्रतिहार बने रहे । प्रतिहार यानी द्वारपाल।देश के रक्षक। 350 सालो तक लगातार युद्धे के बाद जब, अरब, राष्ट्रकुट और पाल साम्राज्य ने एक साथ मिलकर युद्ध कए वही से गुर्जर प्रतिहारो का पतन होने लगा और विदेशी ताकतो को भारत देश मे घुश्ने का अवसर मिला। इसके बाद के काल को ही मुगल काल कहा जाता है
भारत देश हमेशा ही गुर्जर प्रतिहारो का रिणी रहेगा उनके अदभुत शौर्य और पराक्रम का जो उनहोंने अपनी मातृभूमि के लिए न्यौछावर किया है। जिसे सभी विद्वानों ने भी माना है और देश की स्वतंत्रता पर आँच नहीं आई।यहां अनेको गुर्जर राजवंशो ने समयानुसार शासन किया और अपने वीरता, शौर्य , कला का प्रदर्शन कर सभी को आश्चर्य चकित किया। भारत मे कोई ऐसा स्थान नही बचा जहां गुर्जर प्रतिहारो ने अपनी तलवार और निर्माण कला का जौहर ना दिखाया हो। गुर्जर प्रतिहारो ने 100 सालो तक राष्ट्रकूट और पाला साम्राज्य से भयंकर युध्द किए और हर बार विजयी हुए। गुर्जर प्रतिहारो के दुश्मन चारो ओर थे । एक तरफ हिमालय की और से । दक्षिण मे राष्ट्रकुटो से। पश्चिम मे बंगाल के पालो से और विदेशी ताकते गुर्जर प्रतिहारो ने सैकडो मंदिर व किले के निर्माण किए था जिसमे शास्त्रबहु मंदिर, बटेश्वर मंदिर, कुचामल किला, मिहिर किला (गुर्जर किला), पडावली मंदिर, गुर्जर बावडी, चौसठ योगिनी मंदिर आदि इनके अलावा सैकडो इलाके व ठिकाने है जहाँ गुर्जर प्रतिहारो ने अपनी कला बनाई ।
#gurjara #pratihara #historic #historical #history #ancient #india #historyofindia #ancientindia #arab #rashtrakuta #pala #war #world #worldwar #gujjar #gurjar #great #dynasty #empire #reign #battleofrajasthan #historian #bharat #army #gurjarpratihar #map #photo #wallpaper #images #ruler #raja #maharaja #veergurjar #veer #brave #indian #royal #temple #temples #monuments #incredible #historians #itihas #warriors #chalukya #chauhan #chouhan #chauhangurjar #dynasties #empires #rulers #list #top10 #top #religion #region #area #country #art #origin #kushan #hun #huna #hoon